कप्तान है धोनी, उसे अभी क्रिकेट एन्जॉय करने दें
महेंद्र सिंह धोनी की परेशानी की वजह एक 19 साल का युवा क्रिकेटर है. मजेदार तो यह है कि इस युवा क्रिकेटर का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पदार्पण सीरीज ही है.
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महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय क्रिकेट का एक बहुत बड़ा नाम है लेकिन फिलहाल वो अपने क्रिकेट करियर के सबड़े कठिन दौर से गुजर रहा है. महेंद्र सिंह धोनी की परेशानी की वजह एक 19 साल का युवा क्रिकेटर है. मजेदार तो यह है कि इस युवा क्रिकेटर का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पदार्पण सीरीज ही है. लगातार दो वनडे में कुल 11 विकेट चटकाकर मुस्तफिजुर रहमान ने वर्ल्ड रिकॉर्ड तो अपने नाम किया ही, साथ ही वनडे क्रिकेट की बहुत बड़ी टीम को घुटने टेकने के लिए मजबूर भी किया.
क्रिकेट के मैदान में चाहे परिस्थिति जो भी हो हमेशा शांत दिखने वाले ‘कैप्टन कूल’ ने पहले वनडे के दौरान जिस तरह अपना आपा खोया, उनके फैन्स भी आहत जरूर हुए होंगे. मुस्तफिजुर को जोरदार धक्का न केवल उनके स्वभाव के विपरीत बल्कि खेल भावना और उनके करियर के दौरान की सबसे विवादास्पद घटनाओं में से एक है.
नंबर-4 पर बल्लेबाजी क्यों नहीं?
धोनी वनडे के एक बेहतरीन फिनिशर के रूप में ही नहीं बल्कि आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसा उन्होंने दूसरे वनडे के दौरान भी दिखा दिया जब बहुत दिनों के बाद वो चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे. तीन साल बाद इस पोजीशन पर खेल रहे धोनी ने शानदार 47 रन बनाए. इस पोजीशन पर धोनी ने अब तक 19 मैचों में 72 की औसत से 936 रन बनाए हैं जो उनके करियर रिकॉर्ड से कहीं बेहतर है. यानी एक बार फिर यह साबित हुआ कि बल्लेबाजी क्रम में उन्हें पहले उतरने की सलाह देने वाले कई पूर्व क्रिकेटर सही हैं.
पहली बार सौरव गांगुली ने उन्हें इस पोजीशन पर उतारा था और तब धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन जड़े थे. इसके बाद राहुल द्रविड़ की कप्तानी में अकसर उन्हें इस पोजीशन पर उतारा गया और उन्होंने कभी भी टीम को निराश नहीं किया. लेकिन आखिर ऐसा क्या है कि इतने अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद वो इस पोजीशन पर अपनी कप्तानी में यदा कदा ही उतरे जबकि एक्सपर्ट्स लगातार इस पर बोलते और लिखते रहे?
2007 में टीम इंडिया की बागडोर संभालने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने आते ही टी20 वर्ल्ड कप दिलाया. 2011 में वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी. बेशक पिछले कुछ समय से टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही लेकिन क्या इसके लिए केवल धोनी ही जिम्मेदार हैं? टीम के अन्य 10 खिलाड़ियों का प्रदर्शन कैसा रहा है? इस पर भी गौर करना होगा. अब अगर केवल रिकॉर्ड की बात करें तो पिछले 10 मैचों में यह केवल तीसरी हार थी. वर्ल्ड कप के दौरान लगातार सात मैचों में जीत दर्ज करने के बाद पिछले तीन ही मैच हारी है टीम इंडिया और इस पर उनके विरोध में स्वर तेज हो गए.
खुद संन्यास की घोषणा का मौका दे बोर्ड
धोनी खुद बोल भी रहे हैं कि बोर्ड हटाना चाहे तो हटा दे लेकिन साथ ही यह भी कह रहे हैं कि वो क्रिकेट को एन्जॉय कर रहे हैं तो उन्हें अभी हटाने की बजाय कुछ दिन और खेलते रहने देना चाहिए. टीम के कप्तान की भूमिका से जब उन्हें हटाया जाएगा तो उनकी जगह ही खतरे में पड़ने वाली है यह बतौर बल्लेबाज उनकी पिछली कुछ पारियों के प्रदर्शन को देखते हुए उनके प्रशंसक भी भली भांति जानते हैं. ऐसा भी नहीं है कि धोनी वर्तमान में सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध विकेटकीपर हैं. ऐसे में फिलहाल उन्हें खेलते रहने दीजिए क्योंकि जिस तरह टेस्ट से संन्यास की घोषणा की उसी तरह जब उन्हें यह आभास हो जाएगा कि वो टीम के लिए उपयुक्त नहीं रहे तो वो स्वतः ही कप्तानी ही नहीं बल्कि वनडे खेलना भी छोड़ देंगे.
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