भारत के खिलाफ क्रिकेट को 'जिहाद' मानने वाला पाकिस्तान है, अफरीदी बताएं नफरत बोई किसने?
मोहम्मद शमी पर नैतिक ज्ञान के छींटे मारने वाले शाहिद अफरीदी बताएं कि नफरत को बोया किसने? शुरुआत उनके देश ने की थी और उसका लंबा इतिहास रहा है. जवाब तो मिलेगा ही.
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क्रिकेट यूं तो बस 50 ओवर या 20 ओवर का खेल है. खेल भी ऐसा जिसमें किसी एक टीम की जीत और दूसरी टीम की हार निश्चित है. लेकिन सभी के लिए ऐसा नहीं है. कम से कम पाकिस्तान के लिए तो बिलकुल भी नहीं. पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर भावुक है और जब बात इंडिया के साथ खेलने की या फिर ऐसा कोई मुकाबला जिसमें इंडिया खेल रहा हो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इसे इस्लाम बचाने का माध्यम मानता है. इसे एक जिहाद की तरह देखता है. जाहिर है अगर पाकिस्तान, भारत के प्रति ये सोच रखता है तो उसकी वजह वो नफरत है जो उसके दिल में कोई आज से नहीं है. इस नफरत का लंबा इतिहास है. जिक्र चूंकि क्रिकेट का हुआ है तो अपनी ही हरकतों के चलते मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अब नैतिकता की बातें कर रहा है. सवाल ये है कि एक ऐसा मुल्क जिसका चाल चरित्र और चेहरा तीनों ही अलग हो क्या अच्छी बातें उसे शोभा देती हैं? जब कोई उसे उसके लिए का एहसास दिलाता है तो फिर इतना क्यों बौखला जाता है पाकिस्तान?
पाकिस्तान को वाक़ई एक बेहतर जवाब मोहम्मद शमी ने अपने ट्वीट के जरिये दिया है
दरअसल पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के 'कर्मा' ट्वीट का जवाब देते हुए कहा है कि, क्रिकेटरों को नफरत पैदा नहीं करनी चाहिए. बताते चलें कि शमी का ये ट्वीट तब आया था जब अभी बीते दिन आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान ने इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से हार का मुंह देखा था.
शमी ने वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान की हार के बाद दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि सॉरी भाई, इसे कर्मा कहते हैं.
Sorry brother It’s call karma ??? https://t.co/DpaIliRYkd
— Mohammad Shami (@MdShami11) November 13, 2022
क्योंकि शमी के इस ट्वीट ने ट्विटर पर पाकिस्तान समर्थकों को बेचैन कर दिया था इसलिए पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. समा टीवी से बात करते हुए, अफरीदी ने शमी से भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच नफरत पैदा नहीं करने का आग्रह किया. शमी को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले अफरीदी ने ये भी कहा है कि अगर क्रिकेटर और रोल मॉडल ऐसा करते हैं, तो आम जनता से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है.
"हमें ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे नफरत पैदा हो. अफरीदी ने कहा कि अगर हम ऐसी चीजें करना शुरू कर दें तो आम लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है. वहीं अफरीदी ने ये भी कहा है कि उन पर खेल के रोल मॉडल और एंबेसडर होने की जिम्मेदारी है, और उन्हें सभी नफरत को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए.
समा टीवी से अफरीदी ने जो भी कहा है वो सुनने में कानों को बहुत अच्छा लगता है और वाक़ई होना भी कुछ ऐसा ही चाहिए लेकिन हम फिर उसी बात को दोहराना चाहेंगे कि पाकिस्तान उसी नफरत को काट रहा है जिसे उसने खुद अपने हाथों से बोया था. यकीन न हो तो हमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के उस ट्वीट को देखना चाहिए जिसमें उन्होंने अभी बीते दिनों ही भारत के प्रति अपनी नफरत जाहिर की थी.
So, this Sunday, it’s: 152/0 vs 170/0 ?? ?? #T20WorldCup
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) November 10, 2022
वाक़ई ये बात हैरान करती है कि जिस मुल्क की टीम आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के साथ फाइनल खेलने वाली हो वहां का प्रधानमंत्री अपने मुल्क और टीम की फ़िक्र में न होकर भारत की फ़िक्र में है और कहीं न कहीं वो फ़िक्र भी उसकी मंशा साफ़ करती है.
यूं तो शाहबाज के इस ट्वीट पर भी तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं लेकिन बतौर प्रधानमंत्री शरीफ को इरफ़ान पठान द्वारा कही बातों पर भी गौर करना चाहिए. भले ही शाहबाज को अभी न समझ में आ रही हों लेकिन इरफन द्वारा कही बातों का अर्थ बड़ा गहरा है.
बतौर प्रधानमंत्री जो स्तरहीन बात शाहबाज ने कही उस पर अपना पक्ष रखते हुए इरफ़ान पठान ने कहा था कि. आप में और हम में फर्क यही है. हम अपनी ख़ुशी से खुश और आप दूसरे के तकलीफ से, इस लिए खुद के मुल्क को बेहतर करने पे ध्यान नहीं है.
Aap mein or hum mein fark yehi hai. Hum apni khushi se khush or aap dusre ke taklif se. Is liye khud ke mulk ko behtar karne pe dhyan nahi hai.
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) November 12, 2022
बात पाकिस्तान की भारत के प्रति नफरत की चली है तो फिर चाहे वो जावेद मियादाद रहे हों, वसीम अकरम और वकार यूनुस जैसे लोग रहे हों सब पूर्व में अपना रंग और नफरत दिखा ही चुके हैं.पिछले साल टी20 विश्वकप में पाकिस्तान की जीत पर वकार यूनुस इतने जोश में आ गए थे कि एक टीवी इंटरव्यू में कह दिया कि मुझे तो सबसे अच्छा ये लगा कि रिजवान ने हिंदुओं के बीच नमाज पढ़ी. इसी तरह मियादाद ने टीवी पर चर्चा के दौरान कहा कि हमारे समय में हम अजहरुद्दीन को छोड़कर बाकी भारतीय खिलाडियों को खूब गाली देते थे और धमकाते थे. अजहर को इसलिए छोड़ देते थे क्योंकि वह मुस्लिम था. पाकिस्तान ने मौके बेमौके बताया है कि भारत के प्रति उसके दिल में कितनी नफरत है.
बहरहाल बात शाहिद अफरीदी और उनके द्वारा की गयीं नीति की बातों की हुई है तो हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि एक बार अफरीदी अपने अंतर्मन में झांके और ईमानदारी से बताएं कि जिस नफरत की बात वो कर रहे हैं सही मायनों में उसका जिम्मेदार है कौन?
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