तो क्या जीत के लिए इस हद तक चली गयी है ऑस्ट्रेलियाई टीम !
क्रिकेट में किसी न किसी तरह विवाद होना और विवाद में रहना कोई नई बात नहीं है. ताजा मामला टीम ऑस्ट्रेलिया का है. जीत के लिए टीम ऑस्ट्रेलिया ने जो किया उसने सज्जनों के खेल काहे जाने वाले क्रिकेट को बुरी तरह शर्मसार किया है.
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अभी साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉल टैम्परिंग का विवाद ठंडा भी नहीं हुआ है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की बेईमानी का दूसरा वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालिया वीडियो में कैमरन बेनक्रॉफ्ट ड्रेसिंग रूम में अपनी जेब में चीनी भरते नजर आ रहे हैं, और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस चीनी का इस्तेमाल भी बॉल टैम्परिंग के लिए ही किया गया होगा. यह वीडियो जनवरी का बताया जा रहा है, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेल रही थी. इससे पहले, साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉल टैम्परिंग के मामले में स्टीव स्मिथ की कप्तानी जबकि डेविड वार्नर की उपकप्तानी जा चुकी है, और अब क्रिकेट में उनके भविष्य को लेकर संदेह की तलवार लटक रही है.
Here’s Cameron Bancroft appearing to put sugar in his pocket against England in January... pic.twitter.com/ju6W47PECc
— David Coverdale (@dpcoverdale) March 24, 2018
क्रिकेट इतिहास की सबसे सफल और सबसे लम्बे समय बादशाहत कायम करने वाली टीम के बारे में ऐसी बातें कई तरह के सवाल खड़े करती हैं. मसलन क्या यह टीम हालिया दिनों में जीत के लिए बेईमानी का सहारा ले रही है? क्या अब ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत के लिए इस स्तर तक पहुंच गयी है? लगता तो यही है, क्योंकि इस पूरे प्रकरण के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ ने जिस साफगोई से बेनक्रॉफ्ट की हरकत को पूरे लीडरशिप ग्रुप का फैसला बताया, उससे एक बात तो साफ़ है इस मामले में केवल बेनक्रॉफ्ट दोषी नहीं हैं. बल्कि पूरी टीम ने जीत के लिए बेईमानी करने का फैसला लिया था.
वैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम हमेशा से मैदान पर कुछ ज्यादा ही आक्रामक रहने के लिए जानी जाती रही है. ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए हमेशा ही यह बात की जाती है कि टीम मैदान के बाहर भी विपक्षी टीम पर दबाव बनाने का कोई मौका जाने नहीं देना चाहती, चाहे इसके लिए मैदान पर विपक्षी टीम के खिलाड़ियों के साथ गली गलौज करना हो, या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी कमियां गिनाना हो.ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी अपने ख़राब व्यवहार के लिए भी बदनाम रहें हैं.
सज्जनों के खेल माने जाने वाले इस खेल में अभद्रता लाने के बावजूद भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के जुझारूपन की हर कोई तारीफ करता है. और जीत के लिए ऑस्ट्रेलिया इस स्तर तक जाएगी ऐसी उम्मीद उनसे कोई नहीं करता. हालांकि पिछले कुछ वर्षों से ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा जिसके लिए यह टीम जानी जाती है. पिछले दो सालों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 23 टेस्ट मैच खेलें हैं जिसमें उसे 11 में जीत मिली है जबकि 10 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका, भारत, साउथ अफ्रीका से सीरीज हार झेलनी पड़ी है, जबकि बांग्लादेश ने भी ऑस्ट्रेलिया के साथ सीरीज ड्रा करा ली थी.
यानी वर्तमान ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने टीम के सुनहरे इतिहास को कायम रख पाने को लेकर दबाव में है. ऐसे में वर्तमान में जिस तरह के विवाद के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम का नाम जुड़ा है, उससे निश्चित रूप से यह सवाल उठेंगे कि क्या वर्तमान ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत के लिए इस हद तक चली गयी है?
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