U-19 के लिए 'The Wall' राहुल द्रविड़ ने ऐसा क्या किया, जिससे आश्चर्य में पड़ गयी BCCI
अंडर 19 क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने एक हैरत अंगेज फैसला लेकर ये साबित कर दिया है कि वो न सिर्फ एक उम्दा क्रिकेटर हैं, बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी हैं.
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भारतीय क्रिकेट इतिहास में राहुल द्रविड़ उन चुनिंदा खिलाडियों में हैं, जो अपने बेमिसाल खेल के अलावा प्रायः विवादों से दूर और दूसरों की मदद करने के लिए जाने जाते हैं. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भले ही राहुल 54 बार क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौटे हों, मगर जब बात हैरतअंगेज़ फैसलों की आती है, तो राहुल अपने फैसलों पर अडिग दिखते हैं. ऐसे फैसले जिनको आज के समय में क्रिकेटरों द्वारा लेना संभव नहीं है. एक ऐसे दौर में जब स्टारडम से लबरेज क्रिकेटरों में तमाम तरह के हथकंडे अपनाते हुए ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की होड़ लगी है. जो ख़बरें बीसीसीआई के गलियारों से आ रही हैं वो न सिर्फ आश्चर्य में डालने वाली हैं बल्कि जिनपर हमें गर्व भी करना चाहिए.
खबर है कि अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने के बाद द्रविड़ ने अपने हिस्से की इनामी रकम कम करा दी है. द्रविड़ ने मांग थी कि ये रकम सबको बराबरी से मिले. जी हां सही सुन रहे हैं आप. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल द्रविड़ ने वर्ल्ड कप की जीत के बाद सपोर्ट स्टाफ और कोच को बराबर इनामी राशि देने के लिए द्रविड़ ने बीसीसीआई से अपील की थी. फिल्हाल बीसीसीआई ने राहुल की अपील मान ली है.
राहुल द्रविड़ ने साबित कर दिया है कि वो एक बेहतरीन इंसान हैं
ज्ञात हो कि अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने के फौरन बाद बीसीसीआई ने घोषणा करते हुए कहा था कि, हेड कोच राहुल द्रविड़ को 50 लाख रुपए, सपोर्ट स्टाफ को 20 लाख रुपए और खिलाड़ियों को 30 लाख रुपए दिए जाएंगे. बीसीसीआई की इस घोषणा से राहुल खुश नहीं थे, और चाहते थे कि इनाम का पैसा सबमें बराबरी से बंटे और इन पैसों को उन लोगों को भी दिया जाए जो एक साल से टीम का हिस्सा थे.
बताया जा रहा है कि राहुल टीम के ट्रेनर राजेश सावंत को भी उनके हक़ का पैसा दिलाना चाहते थे जिनकी पिछले साल मौत हो गयी थी. बीसीसीआई ने कोच राहुल द्रविड़ की बात मान ली है और अब उन्हें और और सपोर्ट स्टाफ दोनों को 25 लाख रुपए दिए जाएंगे. भले ही इस पहल से राहुल द्रविड़ को 25 लाख रुपए जैसी रकम का नुक्सान हुआ हो. मगर उन्होंने ये साबित कर दिया कि अगर व्यक्ति में मानवता जिंदा है तभी सब कुछ है. अगर व्यक्ति में मानवता ही नहीं है तो फिर उसमें कुछ नहीं भी नहीं है और वो इंसान कहलाने लायक भी नहीं है.
अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि राहुल ने जो किया उससे उन क्रिकेटरों को सीखना चाहिए जो पैसा कमाने के लिए मानवता और मर्यादा को ताख पर रखकर हर वो चीज कर रहे हैं जिसे देखकर लोगों का खेल जैसी पवित्र चीज से भरोसा लगभग उठने लगा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आज जिस तरह क्रिकेट खिलाड़ी पैसों के पीछे भाग रहे हैं वो न केवल एक गहरी चिंता का विषय है बल्कि इससे भविष्य में कई घातक परिणाम भी हमारे सामने आएंगे.
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