'वॉल्ट ऑफ डेथ' की बाजीगर अगरतला की सड़कों से हार गई!
जब बीएमडब्यू बांटने का कार्यक्रम हुआ था, तभी कई लोगों ने इस पर सवाल खड़े किए थे कि लग्जरी गाड़ियां इन खिलाड़ियों के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं. कहीं ये उनके लिए सफेद हाथी न बन जाए.
-
Total Shares
अगरतला में रोड खराब हैं, सड़कें बहुत पतली हैं. और इसपर BMW नहीं चल सकता. ये हम कोई नई बात नहीं बता रहे. नई बात है तो केवल दो. एक शहर- अगरतला का जिक्र....क्योंकि ये सच्चाई तो है इसी देश में कई ऐसे होंगे जिन्हें त्रिपुरा के बारे में ठीक से पता नहीं होगा. मसलन, भारत के नक्शे में ये कहां है...इसकी राजधानी क्या है. किन राज्यों के करीब है. बोली क्या है...आदि.
और दूसरी बात ये कि लग्जरी गाड़ियों का सपना न जाने कितने लोग देखते हैं, लेकिन खेल रत्न पा चुकीं और रियो ओलंपिक में इतिहास रचने वालीं जिम्नास्ट दीपा कर्माकर के लिए यही अब मुश्किल का सबब बन गया है. कारण खराब सड़कें और लग्जरी गाड़ियों के रख-रखाव का खर्च. वैसे, अगरतला ही नहीं कुछ महानगरों को और नगरों को छोड़ दीजिए तो पूरे हिंदुस्तान की कमोबेश यही तस्वीर है. खराब सड़के, पतली-पतली गलियां, गाड़ियों का शोर और ट्रैफिक.
लेकिन देखिए न, अगरतला का खराब रोड सुर्खियों में कैसे आया...कितनी मेहनत लगी! रियो ओलंपिक, उसमें इतिहास रचने वाली दीपा कर्माकर और एक बीएमडब्यू कार...फिर चर्चा में आ सका अगरतला का 'खराब रोड.'
यह भी पढ़ें- जिम्नास्टिक के एवरेस्ट पर कितनी आसानी से चढ़ जाती है हमारी दीपा!
इसी साल की जुलाई की इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार तब राज्य में जरूरी सामानों और प्रेट्रोल आदि की भारी किल्लत हो गई थी. कारण ये कि बाकी देश को इस राज्य से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (अब राष्ट्रीय राजमार्ग-8) की मरम्मत का काम ठीक से नहीं हो पाया. इस दौरान बारिश से भी काम में बहुत खलल पड़ा. नतीजा ये कि राज्य से बाहर ट्रकों और दूसरी गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई.
त्रिपुरा को देश से जोड़ती एनएच-8...शहर में न सही, BMW से लॉन्ग ड्राइव पर ही चले जाते (फाइल फोटो: साभार-nelive) |
ये सिलसिला कई दिनों तक रहा. त्रिपुरा में खाने-पीने की चीजों सहित दवाइयों, एलपीजी, दूसरे जरूरी सामान और पेट्रोल-डीजल तक की कमी हो गई. इसके बाद राज्य को केंद्र से गुहार लगानी पड़ी कि जरूरी सामानों के आयात का काम बांग्लादेश के रास्ते किया जाए. यही एक तरीका भी था. क्योंकि गुवहाटी को त्रिपुरा से जोड़ने वाली एकमात्र रेलवे लाइन की हालत भी ऐसी ही है. बारिश के मौसम में इन ट्रैक्स पर लैडस्लाइड होते रहते हैं और इन पर बहुत भरोसा नहीं किया जा सकता.
कुछ जरूरी मालगाड़ियों का आवागमन होता है, लेकिन इसी साल की जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार मानसून जल्दी आ गया, अप्रैल के आखिरी हफ्ते में ही. लिहाजा अगरतला और गुवाहाटी के बीच की पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया गया था. यानी, दो महीनों से ऊपर तक ये यात्री ट्रेने ऐसे ही रद्द रहीं.
यह भी पढ़ें- क्यों दीपा कर्माकर के प्रोडूनोवा को 'मौत का वॉल्ट' कहते हैं?
बहरहाल, बात हमने सड़कों और दीपा कर्माकर के बीएमडब्यू कार लौटाने के फैसले से शुरू की थी. दीपा ने अपने ट्वीट में केवल इतना कहा कि त्रिपुरा जैसी जगह में इतनी लग्डरी गाड़ी को मेंटेन करना मुश्किल है, इसलिए वो इसे लौटा रही हैं. इसके बदले उन्हें गाड़ी की कीमत मिल जाएगी...या वे कोई दूसरी गाड़ी लेंगी जो अगरतला की सड़कों से तालमेल बैठा सके.
Very thankful to Sachin sir for gifting me BMW but cannot maintain in tripura, so giving back. Thank you for agreeing to give funds for it.
— Dipa Karmakar (@DipaKarmakar) October 12, 2016
गौरतलब है कि दीपा को जो बीएमडब्यू कार सचिन तेंदुलकर ने गिफ्ट की थी, उस BMW XI की कीमत 30 से 35 लाख रुपये के बीच है. मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बातें सामने आई हैं कि दीपा के पिता ने खराब सड़कों और अगरतला में ऐसी गाड़ी चलाने में दक्ष ड्राइवर भी नहीं होने का जिक्र किया है. और तो और अगरतला में BMW के शोरूम या सर्विस सेंटर नहीं है. अगरतला से सबसे नजदीक BMW का जो सर्विस सेंटर है, वो कोलकाता में है...करीब 450 किलोमीटर दूर.
ये तस्वीर अब वाकई पुरानी हो गई.. |
वैसे, जब बीएमडब्यू बांटने का कार्यक्रम हुआ था, तभी कई लोगों ने इस पर सवाल खड़े किए थे कि लग्जरी गाड़ियां इन खिलाड़ियों के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं. कहीं ये उनके लिए सफेद हाथी न बन जाए. बहरहाल, दीपा ने खुद को इस सफेद हाथी से अलग कर लिया है. उम्मीद कीजिए, कम से कम रोहतक की साक्षी मलिक की BMW बराबर दोड़ती रहे.
यह भी पढ़ें- अपने मेडल को दांतों से क्यों काटते हैं ओलंपियन, जानें वजह?
आपकी राय