स्टंप माइक ने नस्लभेद का कड़वा सच सामने ला दिया है!
क्रिकेट में स्टंप में माइक और कैमरे इसलिए लगाए गए थे ताकि क्रिकेट को और अधिक मनोरंजक बनाया जा सके. लेकिन आज के समय में हाई क्वालिटी माइक खिलाड़ियों के बीच होने वाली कहासुनी और यहां तक कि नस्लभेदी टिप्पणियों को भी सामने ला रहे हैं.
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इन दिनों क्रिकेट की दुनिया के सिर्फ रिकॉर्ड और छक्के-चौक्के ही मनोरंजन का जरिया नहीं हैं, बल्कि खिलाड़ियों के बीच में होने वाली चटपटी बातें भी लोगों का खूब मनोरंजन करती हैं. ये बातें स्टंप माइक के जरिए रिकॉर्ड होती हैं. आईसीसी भी इस बातों को खूब भुनाता है, तभी तो अब स्टंप में लगने वाले माइक काफी हाई क्वालिटी के होते हैं, जो शॉट की आवाज के साथ-साथ खिलाड़ियों की बातें भी साफ-साफ रिकॉर्ड करते हैं. अभी तक स्टंप माइक को सिर्फ मनोरंजन का जरिया माना जा रहा था, लेकिन अब यही स्टंप माइक नस्लभेद का कड़वा सच भी उजागर कर रहे हैं.
ताजा मामला है दक्षिण अफ्रीका के डरबन में पाकिस्तान के साथ खेले जा रहे मैच का. दूसरे वनडे मैच में पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद ने ऐसी हरकत कर दी है, जिससे उनके ऊपर बैन भी लग सकता है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के एंडिल फेहलुकवायो के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की है और उनकी मां के लिए भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. उनकी सारी बातें स्टंप माइक में रिकॉर्ड हो गईं और अब इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. ऐसा नहीं है कि सरफराज को ये पता नहीं था कि उनकी बातें स्टंप माइक में सुनाई दे सकती हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका इस तरह से नस्लीय टिप्पणी करना उनके लिए बड़ी मुसीबत पैदा करने के लिए काफी है.
हाई क्वालिटी माइक खिलाड़ियों के बीच होने वाली कहासुनी और यहां तक कि नस्लभेदी टिप्पणियों को भी सामने ला रहे हैं.
क्या कहा सरफराज ने?
सरफराज अहमद ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज एंडिल फेहलुकवायो से कहा- 'अबे काले, तेरी अम्मी यहां कहां बैठी हुई हैं, क्या पढ़वा (प्रार्थना) कर आया है आज तू?' भले ही सरफराज ने ये बात मजाक में क्यों ना कही हो, लेकिन आईसीसी इसे मजाक के तौर पर बिल्कुल नहीं लेगा और सोशल मीडिया तो इसे अपमानजनक टिप्पणी ही मान रहा है. अगर सरफराज नस्लीय टिप्पणी के दोषी पाए गए तो इसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है.
Pakistan captain Sarfraz Ahmed is at risk of a suspension after stump mics caught him over these racial comments https://t.co/BfZuHwhDOc pic.twitter.com/z4LwhSwuFR
— Telegraph Sport (@telegraph_sport) January 23, 2019
क्या हो सकता है इस टिप्पणी का अंजाम?
'आईसीसी एंटी रेसिज्म पॉलिसी फॉर इंटरनेशनल क्रिकेट-1 अक्टूबर 2012' के अनुसार आईसीसी और इसका कोई भी सदस्य किसी खिलाड़ी का अपमान या उसके खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी नहीं कर सकता है. यह टिप्पणी न तो जात-पात और धर्म को लेकर की जा सकती है ना ही रंग-रूप को लेकर. यानी सीधे-सीधे ये कहा जा सकता है कि कोई खिलाड़ी किसी दूसरे खिलाड़ी का अपमान नहीं कर सकता है. सरफराज के नस्लीय टिप्पणी का दोषी पाए जाने पर उन पर कम से कम 4 टेस्ट या 8 वनडे मैच का प्रतिबंध लग सकता है. पूर्व पाकिस्तानी पेसर शोएब अख्तर समेत पूरा सोशल मीडिया इस टिप्पणी पर सरफराज के खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है.
हर कोई ऐसी टिप्पणी को मान रहा गलत
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शोएब अख्तर ने भी सरफराज अहमद के रवैये को गलत बताते हुए कहा है कि उन्हें अपने बर्ताव के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने एक वीडियो तक जारी किया है.
Sarfraz must explain himself to Media & public regarding his comments to batsman.. pic.twitter.com/Ocx74ry4IW
— Shoaib Akhtar (@shoaib100mph) January 23, 2019
ईएसपीएन क्रिकइंफो के सीनियर एडिटर उस्मान सैमुद्दीन ने भी ट्वीट कर के सरफराज की आलोचना की है और कहा है कि ये मजाकिया नहीं, बल्कि नस्लभेदी है.
This isn’t funny. Its pathetic and racist. https://t.co/J3OeIW4CuR
— Osman Samiuddin (@OsmanSamiuddin) January 22, 2019
कमेंट्रेटर रमीज़ राजा ने बात घुमा दी
जब पाकिस्तानी सरफराज अहमद ने दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर पर नस्लभेदी टिप्पणी की तो दक्षिण अफ्रीका के कमेंट्रेटर ने पाकिस्तानी कमेंट्रेटर रमीज़ राजा से उसका मतलब पूछा. जवाब में रमीज़ राजा ने हंसते हुए बात को टाल दिया और कहा कि ये एक लंबी लाइन थी, जिसे ट्रांसलेट कर पाना मुश्किल है. अगर रमीज़ राजा की इस बात पर गौर करें तो इसे ही कहते हैं गलती पर पर्दा डालना.
पहले भी हुए हैं ऐसा वाकये
ये पहली बार नहीं है जब किसी खिलाड़ी ने क्रिकेट के मैदान पर किसी दूसरे खिलाड़ी पर नस्लभेदी टिप्पणी की हो और उसकी बात स्टंप माइक में रिकॉर्ड हो गई हो. इससे पहले हरभजन सिंह पर 2008 में सिडनी टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रिेलिया के खिलाड़ी एंड्र्यू साइमंड्स को मंकी (बंदर) कहने का आरोप लगा था. इस टिप्पणी की वजह से हरभजन सिंह पर तीन मैचों का प्रतिबंध लगा था. हालांकि, भारत के विरोध के बाद प्रतिबंध हटा दिया गया. वहीं दूसरी ओर, हरभजन अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते रहे हैं. हरभजन कहते हैं- मुझे अंग्रेजी नहीं आती, मैने तो 'मां की...' कहा था, लेकिन उन्होंने पता नहीं क्या बना लिया.
क्रिकेट में स्टंप में माइक और कैमरे इसलिए लगाए गए थे ताकि क्रिकेट को और अधिक मनोरंजक बनाया जा सके. जहां एक ओर कैमरे सामने से आती बॉल और क्रिकेटर के बैटिंग स्टाइल को दिखाने के लिए लगाए गए थे, वहीं दूसरी ओर माइक के जरिए शॉट की क्लीयर आवाज मनोरंजन के साथ-साथ कई बार अंपायर के लिए मददगार साबित हुए. लेकिन आज के समय में हाई क्वालिटी माइक न सिर्फ लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं, बल्कि खिलाड़ियों के बीच होने वाली कहासुनी और यहां तक कि नस्लभेदी टिप्पणियों को भी सामने ला रहे हैं.
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