कोहली : विराट कप्तान और भारतीय क्रिकेट की सूरत बदल देने वाला खिलाड़ी
कोहली आज न केवल क्रिकेट के मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर भी 'विराट' बन गए हैं. यहां तक की फोर्ब्स की जारी लिस्ट में भी विराट ने मेसी को पीछे छोड़ दिया है.
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भारत ने कानपुर वनडे में न्यूज़ीलैंड को हराकर लगातार 7वीं बार द्विपक्षीय श्रृंखला जीत ली है. बतौर कप्तान लगातार 7वीं सीरीज जीत के साथ विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी के बाद ऐसा कर पाने वाले दुसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं. विराट ने इस निर्णायक मैच में न केवल अपने करियर का 32वां शतक जड़ा, बल्कि इस शतक के साथ ही विराट वनडे में सबसे तेज 9000 रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं. कोहली करियर के 203वें मैच की 194वीं पारी के दौरान इस आकड़ें तक पहुंचे हैं. उनसे पहले दक्षिण अफ्रीका के एबी डिवीलियर्स ने 205 पारी में 9000 रन बनाए थे. वहीं भारतीय खिलाडियों में सौरव गांगुली ने 228 और सचिन तेंदुलकर ने 235 पारियों में इस आकंड़े को छुआ था.
विराट कोहली विराट रिकॉर्ड बनने पर आमादा हैं
विराट कोहली जिस अंदाज़ में बल्लेबाजी कर रहे हैं उससे हर मैच कई रिकार्ड्स का गवाह बन जाता है. और कानपुर का मैच भी इससे कोई अलग नहीं था. कोहली ने कप्तान के रूप में एक साल में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकी पोंटिंग का विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. पोंटिंग ने साल 2007 में बतौर कप्तान सबसे अधिक 1424 रन बनाए थे. कुछ ही दिनों पहले कोहली ने शतक लगाने के मामले में भी पोंटिंग को पीछे छोड़ दिया था. वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक शतक लगाने के मामले में कोहली अब केवल सचिन तेंदुलकर से पीछे हैं. सचिन के 49 एकदिवसीय शतक हैं जबकि कोहली 32 शतकों के साथ दुसरे स्थान पर हैं.
वैसे तो पिछले तीन-चार साल से कोहली जबरदस्त फॉर्म में हैं. मगर इस साल कोहली का बल्ला और भी ज्यादा आग उगल रहा है. कोहली कानपुर की पारी के बाद इस साल अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 2000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं. कोहली ने इस साल 2 टेस्ट शतक और 6 एकदिवसीय शतक जड़कर 2000 के आकड़ें को छुआ है. कोहली ने साल 2016 में भी 2595 अंतरराष्ट्रीय रन बनाये थे. आकड़ें बताते हैं कि वर्तमान दौर का शायद ही कोई बल्लेबाज कोहली के आस-पास भी भटकता है. कोहली जिस गति से जा रहे हैं, उससे यह बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि अगर कोई बल्लेबाज सचिन के रिकार्ड्स के आस-पास भी फटक सकता है तो वो केवल और केवल कोहली ही हैं. हालांकि जब सचिन रिकार्ड्स पर रिकार्ड्स बनाते जा रहे थे तब शायद ही किसी को इस बात अंदाजा था कि कोई और बल्लेबाज इतनी तेजी से सचिन के रिकार्ड्स कि तरफ कदम बढ़ाएगा. मगर खुद सचिन ने इस बात की भविष्यवाणी जरूर कर रखी थी कि उनके रिकार्ड्स को कोहली ही तोड़ सकते हैं.
रन मशीन विराट
हालांकि विराट सचिन का रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगे या नहीं, यह तो आने वाले कुछ वर्षों में ही पता चल पायेगा. मगर कप्तानी के मामले में कोहली ने निश्चित रूप से सचिन को भी पीछे छोड़ दिया है. कप्तानी के बोझ ने जहां सचिन की बल्लेबाजी पर असर डाला था तो वहीं कप्तानी मिलने के बाद विराट की बल्लेबाजी निखर गई है. विराट पूरी टीम में भी आक्रामकता भरने में सफल रहे हैं.
कोहली आज न केवल क्रिकेट के मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर भी 'विराट' बन गए हैं. इसकी एक झलक कुछ ही दिनों पहले आयी फोर्बेस द्वारा जारी एथलीटों के ब्रांड लिस्ट में भी देखने को मिली. इस सूचि में फुटबॉल के सुपरस्टार लिओनेल मेस्सी को पीछे छोड़ते हुए विराट सातवें स्थान पर हैं. जबकि मेस्सी उनसे पीछे 9वें स्थान पर.
हालांकि विराट आज जिस मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनकी अथक मेहनत और जबरदस्त अनुशासन शामिल है. कोहली को जानने वाले जानते हैं कि खुद को खेल में बनाये रखने के लिए वो कितना अनुशासित जीवन जीते हैं. वो खेल के हर मिनट में उसी जज्बे के साथ अपना 100 प्रतिशत देते दिखते हैं. आज कोहली जिस जज्बे के साथ आगे बढ़ते दिख रहें हैं, उससे एक बात तो बेशक कही जा सकती है कि यह विराट खिलाड़ी और कप्तान, भारत की क्रिकेट को विराट ऊंचाईयों तक ले जाने में सक्षम है.
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