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Updated: 30 अगस्त, 2018 03:35 PM
अभिनव राजवंश
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  @abhinaw.rajwansh
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जाने-अनजाने ही सही मगर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अब तक अपनी कप्तानी में सभी मैचों में एक अजीब परंपरा बना रखी है. दरअसल, दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट कप्तानी संभालने के बाद से अभी तक विराट ने जिन 38 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है, उनमें हर एक मैच में टीम के Playing 11 में बदलाव किया है. आमतौर पर ज्यादातर कप्तान जीतने वाले Playing 11 से छेड़छाड़ नहीं करते मगर विराट के साथ ऐसा नहीं है.

विराट ने अब तक अपनी कप्तानी के सभी मैचों में टीम के अंतिम 11 में बदलाव किये हैं. वर्तमान इंग्लैंड दौरे पर भी भारतीय टीम जिन तीन मैचों में खेलने उतरी है, उन तीनों ही मैच में टीम में बदलाव देखने को मिले हैं. पहले टेस्ट मैच के बाद दूसरे टेस्ट मैच में जहां शिखर धवन और उमेश यादव अंतिम 11 नहीं थे, तो वहीं तीसरे टेस्ट मैच में कोहली ने टीम में तीन बदलाव करते हुए मुरली विजय, दिनेश कार्तिक और कुलदीप यादव को बाहर कर दिया था. इससे पहले के 35 टेस्ट मैचों में कोहली ने 7 टेस्ट मैचों में एक खिलाड़ी, 16 टेस्ट मैचों में दो खिलाड़ी, 6 टेस्ट मैचों में तीन खिलाड़ी, 4 टेस्ट मैचों में 4 खिलाड़ी और 1 टेस्ट मैच में पांच खिलाड़ियों को बदला है.

विराट कोहली, इंडिया और इंग्लैंड, टेस्ट मैच, क्रिकेटविराट कोहली टेस्ट मैच के दौरान टीम में बदलाव करने के लिए चर्चा में आ रहे हैं

कोहली के लिए बदलाव का आलम कुछ ऐसा रहा है कि कोहली ने अपनी कप्तानी में अब तक 38 मैचों में 80 बदलाव कर डालें हैं. बदलाव का सबसे ज्यादा असर ओपनिंग जोड़ी पर दिखता है. कोहली ने अपनी कप्तानी में 7 ओपनर बल्लेबाजों को ट्राई किया है, और मैदान पर 10 ओपेनिंग कॉम्बिनेशन अब तक देखने को मिलें हैं. वर्तमान दौरे पर भी जहां पहले मैच में शिखर धवन- मुरली विजय की जोड़ी थी, तो दूसरे मैच में राहुल और विजय की जोड़ी मैदान पर दिखी तो वहीं तीसरे मैच में धवन और राहुल की जोड़ी ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालती दिखी. इसी तरह तेज गेंदबाजों में भी कोहली ने 8 तेज गेंदबाजों को ट्राई किया है.

हालांकि, इन बदलावों के लिए केवल विराट कोहली को ही जिम्मेदार नहीं माना जा सकता क्योंकि कई बार खिलाड़ियों की चोट के कारण भी टीम में बदलाव की दरकार होती है. मसलन कोहली ने जो 80 बदलाव किए हैं उनमें से 15 बार बदलाव खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण किया गया है जबकि 6 बार यह बदलाव चोटिल खिलाड़ियों को उनकी जगह देने के लिए किया गया है. हालांकि, कुछ मौकों पर कोहली ने ऐसे बदलाव किए हैं जिनकी कोई जरूरत ही नहीं थी, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण इसी साल दक्षिण अफ्रीका दौरे पर दिखा गया जब भुवेश्वर कुमार ने गेंद बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और उसके बावजूद अगले मैच में उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया गया. हालांकि, आज से भारत इंग्लैंड के बीच Southampton में शुरू होने वाले चौथे टेस्ट मैच में इस परंपरा के टूटने की पूरी उम्मीद है. खुद कप्तान कोहली भी इस बात के संकेत दे चुके हैं. तो ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बिना बदलाव के कोहली की टीम क्या नतीजे देती है और आगे के मैचों में भी कोहली इसी तरह की रणनीति पर काम करते हैं या नहीं.

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अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

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