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समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
@2342512585887517
सत्ता के विनाश के साथ समाज अपनी सभ्यता और संस्कृति भी नष्ट करते जाता है!
जब जब सत्ता नष्ट हुई है, तब तब समाज अपनी सभ्यता व संस्कृति को भी नष्ट करते जाता है. दुःख तब और बढ़ जाता है जब तत्कालीन राजाओं को कुछ दिखता नहीं. खोने और पाने के खेल में राजा बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि राजा कृष्ण है तो कर्मण्येवाधिकारस्ते कहेगा.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
लखनऊ में महिलाओं को शराब खरीदते देख नशेड़ियों को भी तहज़ीब याद आ गई!
खबर आई है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शराब खरीदी के मद्देनजर महिलाओं ने पुरुषों को पीछे कर दिया है. अदब तमीज तहजीब की दुहाई भले ही दी जा रही हो लेकिन सच्चाई यही है कि लखनऊ में महिलाओं को शराब खरीदना, पुरुषों का नशा खराब कर रहा है.
संस्कृति
| 5-मिनट में पढ़ें
एम जे वारसी
@warsimj
रोजमर्रा की जिंदगी में मातृभाषा
हमारी सरकारें ठेकों, पुलों, सड़कों, इमारतों की कमीशनखोरी में इतनी उलझी हुई हैं कि भाषा और बोलियां उनकी प्राथमिकता में नहीं हैं. जो अकादमियां बनाई गई हैं, वहां काम से ज्यादा राजनीति हावी है.
समाज
|
खानाखराब
| 6-मिनट में पढ़ें
कमलेश सिंह
@kamksingh
सौ साल बाद भी अच्छे दिन आएंगे, गारंटी नहीं
हम 21वीं सदी में घुस गए, जब कि समाज का बड़ा तबका सोलहवीं से बाहर निकलने को राजी नहीं.