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समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बच्चे को स्तनपान कराकर जान बचाने वाली महिला अधिकारी पुलिस का सबसे अच्छा चेहरा हैं
जब केरल की महिला पुलिस अधिकारी ने बच्चे को बेसुध हाल में देखा तो वे रह नहीं पाईं. उन्होंने डॉक्टर को बताया कि वे हाल ही में मां बनी है और बच्चे को स्तनपान कराना चाहती हैं. उन्होंने डॉक्टर से परमिशन लेकर बच्चे को अपना दूध पिलाया. जिसके बाद बच्चे की हालत में सुधार होने लगा.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बेटी की चाहत में नवजात बेटे को कुएं में फेंक दिया, ऐसा भी होता है!
गर्भवती होने के बाद से महिला बेटी होने की मन्नत मांग रही थी. वह हर दिन बेटी के लिए प्रार्थना कर रही थी. उसने अपनी भाभी से कहा भी था कि उसे बेटी ही चाहिए. मगर जब उसे बेटा पैदा हो गया तो वह दुखी हो गई.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बाइक की 'डिक्की' में मासूम का शव लेकर कलेक्टर पहुंचा शख्स हालात का नहीं, सिस्टम का मारा है!
एक पिता के लिए इससे दर्दनाक अनुभव कुछ हो ही नहीं सकता. सोचिए मृत नवजात को बाइक की डिक्की में ले जाने वाला पिता किस हद की पीड़ा से गुजरा होगा?
सोशल मीडिया
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एक अलग नज़रिया
| 2-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
इस महिला डॉक्टर को सैल्यूट, जिसने बच्ची के मुंह में लगातार सांस भरकर उसकी जान बचा ली
सुरेखा चौधरी ने नवजात बच्ची को अपने मुंह से सांस देकर उसकी जान बचाई है. उन्होंने अपनी ड्यूटी से बढ़कर फर्ज निभाया है और बताया कि क्यों लोग डॉक्टर को भगवान का रूप मानते हैं...
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
गोदभराई की रस्म पर बना यह ऐड एक जरूरी पैगाम है हर गर्भवती के लिए
गर्भवती महिलाओं को लेकर हर धर्म, पंथ, संप्रदाय में अलग-अलग रीति-रिवाज है. पूजा-पाठ, ताबीज, टोने-टोटके और न जाने क्या क्या. लेकिन, जिन समस्याओं और चुनौतियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की सेहत से जुड़ी है. उन्हीं में से एक चुनौती है आयरन की कमी की, जिस पर बना एक विज्ञापन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
मां की इस तकलीफ को समझने के लिए शुक्रिया भारतीय रेलवे, सोच ही तो अविष्कार की जननी है!
मैंने तो ट्रेन में ऐसी कितनी माओं को देखा है जो अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए उन्हें गोदी में लेकर झूला झुलाती रहती हैं. रोते हुए बच्चे को चुप कराने की कोशिश करती रहती हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
नुसरत जहां को बेटे की खुशी मनाने के बजाए पति और टूटे रिश्ते की दुहाई क्यों देनी पड़ रही हैं?
अब जबसे नुसरत जहां मां बनी हैं तबसे कई जगह ऐसी-ऐसी हेडिंग चल रही है कि पढ़कर बड़ा अजीब लगता है. ऐसा लगता है कि हम किसी को साफ तौर पर ब्लेम कर रहे हैं. उसे नीचा दिखा रहे हैं उसकी बइज्जती कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस हेडिंग को ले लीजिए- ‘नुसरत जहां बनी बेटे की मां, पति निखिल ने कहा था ये मेरा बच्चा नहीं है.'
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
नवजात बच्चे को गोद लेने की चाहत में अनाथ बड़े बच्चों की बेकद्री
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन अनाथ बच्चों (orphans) में भी वही बच्चे खुशनसीब होते हैं जो नवजात होते हैं. जो बच्चा जितना बड़ा होगा उसे गोद (Adoption) लेने का चांस उतना ही कम हो जाता है. क्योंकि भारत में हर किसी को नवजात बच्चे ही चाहिए.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
इस आर्टिस्ट के मेकअप की 'मासूमियत' और हकीकत का फर्क खौफनाक है
एक महिला ने अपने ही नवजात बच्चे को मार डाला, और ऐसा इसने एक बार नहीं बल्कि दो बार किया. जब बच्चे मर गए तो उन्हें इस तरह कचरे में फेंक दिया जैसे कोई सड़ी हुई सब्जी फेंकता है.