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ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
क्या रूमी क्या ग़ालिब फेसबुक और ट्विटर ने लेखकों की लंका लगा दी है!
फेसबुक और ट्विटर की बदौलत सबसे ज्यादा धोखा किसी के साथ हो रहा है तो वो लेखक हैं. वाक़ई बड़ा आसान है किसी लेखक की रचना में से उसका नाम गोल कर देना और अपना नाम लिख देना.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मुंशी प्रेमचंद आज होते तो 'Best Seller' बनने के लिए क्या क्या करना पड़ता?
ब्रांडिंग के इस दौर में अगर आज मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) होते तो क्या वो इतने ही महान लेखक होते ? साफ़ है कि उन्हें भी अमेज़न बेस्ट सेलर (Amazon Best Seller) की लड़ाई लड़नी पड़ती. दिन का एक बड़ा हिस्सा फेसबुक (Facebook ) को भी देना होता. ट्विटर (Twitter ) पर ट्वीट और री ट्वीट भी होते.
संस्कृति
| 3-मिनट में पढ़ें
सौरभ रंजना सोनकर
@SaurabhAlfaazJaisy
साहित्य बदलता है, हिन्दी साहित्य बिल्कुल बदल रहा है
परिवर्तन समाज का नियम है और यही नियम साहित्य के क्षेत्र में भी लागू होता है. इसे हम स्वीकार तो कर सकते हैं, मगर इस शर्त के साथ कि, जिसे आज समाज द्वारा स्वीकार किया जा रहा है. ये कल उतना ही प्रभावी रहेगा जितना ये आज है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
महंगी जींस, ब्रांडेड शर्ट और जूते, रे-बैन के चश्मे संग मैंने देखे हैं प्रेमचंद के बताए गांव
कोरे स्टेटस सिम्बल और 'लोग क्या कहेंगे' सरीखी भावना के चलते आज लोगों ने हिन्दी और हिन्दी साहित्य से दूरी बना ली है. ऐसे में ये बेहद जरूरी हो जाता है कि हम उन लोगों के बारे में जानें जिन्होंने हिन्दी साहित्य को सींचा और उसे संवारा.
सियासत
| 1-मिनट में पढ़ें
मार्कंडेय काटजू
@justicekatju
'15 अगस्त को 13 लोगों को भारत रत्न'
'सरकार किसी की भी हो, यूपीए की या एनडीए की, अक्सर अयोग्य व्यक्तियों को भारत रत्न दे दिया जाता है. इसलिए इस साल स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को ये 13 लोग होंगे 'भारत रत्न'