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सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
नदीमर्ग नरसंहार: जब कश्मीरी पंडितों का नाम लेकर हुई थी 'टार्गेट किलिंग'
90 के दशक में 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान, कश्मीर पंडितों के बगैर हिंदू औरतों के साथ' जैसे नारों से घाटी का माहौल अचानक ही बदल गया था. 2003 में सेना की वर्दी पहनकर आए आतंकियों ने नदीमर्ग (Nadimarg Massacre) में हिंदुओं को नाम लेकर मारा था. जिसमें दो बच्चे भी मारे गए थे. हाईकोर्ट (High Court) ने इस मामले को फिर से खोलने का फैसला किया है.
सियासत
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देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कश्मीरी आतंकियों को 'पाकिस्तानी' बताना सरकार का निकम्मापन है!
'जन्नत' जाने के लिए कश्मीरी हिंदुओं (Kashmiri Hindu) को चुन-चुनकर निशाना (Target Killings) बना रहे इन आतंकियों के खिलाफ केंद्र सरकार का रवैया गैर-जिम्मेदाराना ही नजर आता है. क्योंकि, सुरक्षा बलों द्वारा ठिकाने लगाये गए आतंकियों को अभी भी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े विदेशी आतंकी ही बताया जाता है.
सियासत
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देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कश्मीरी हिंदुओं की हत्या पर आतंकियों को 24 घंटे में मौत देना ही इलाज नहीं है
कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग (Kashmiri Pandits target killings) को अंजाम दे रहे आतंकियों पर हमले करने से पहले ही कार्रवाई करने से भारतीय सेना को कौन रोक रहा है? क्या सुरक्षा बलों के पास इंटेलीजेंस इनपुट की कमी है? क्या सुरक्षा बलों के पास संसाधनों की कमी है? आखिर ऐसी कौन सी वजह है, जो कश्मीर से आतंकियों के जड़ से खात्मे की राह में बाधा है.
सियासत
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देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कश्मीर में टारगेट किलिंग करने वाले 24 घंटे में बन रहे हैं निशाना!
धारा 370 हटाए जाने और अब जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का परिसीमन हो जाने के बाद चुनावों को लेकर बन रही संभावनाओं ने आतंकियों को बौखला दिया है. जिसका असर टारगेट किलिंग (Target killing) के तौर पर सामने आ रहा है. लेकिन, कश्मीर में टारगेट किलिंग करने वालों को भारतीय सेना (Indian Army) और सुरक्षा बल भी 24 घंटे में निशाना बना रहे हैं.