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सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
क्या केंद्र सरकार की तरफ से जनसंख्या रोकने का कारगर हथियार बनेगा UCC?
सरकार का स्लोगन ‘हम दो हमारे दो’ भी बढ़ती आबादी के समाने फीका पड़ चुका है. इसे कुछों ने अपनाया, तो कईयों ने नकारा? भारत के अलावा इथियोपिया-तंजानिया, संयुक्त राष्ट्र, चीन, नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान, युगांडा, इंडोनेशिया व मिश्र भी ऐसे मुल्क हैं जहां की स्थिति भी कमोबेश हमारे ही जैसी है. लेकिन इन कई देशों में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए कानून अमल में आ चुके हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अनुज शुक्ला
@anuj4media
समान नागरिक संहिता से देश के अब्दुलों और मनोहरों की जिंदगी में क्या बदल जाएगा, समझिए
समान नागरिक संहिता या यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का प्राइवेट बिल पेश हो चुका है. वोटबैंक पॉलिटिक्स के दबाव में उसपर बहुतायत राजनीतिक दलों का विरोध भी दिख रहा है. यूसीसी तमाम बीमारियों की कैसे एक कारगर दवाई है, जिसकी जरूरत संविधान निर्माताओं ने समझी थी- आइए अब्दुल और मनोहर की कहानी से समझते हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
समान नागरिक संहिता के चुनावी वादे में बीजेपी के निशाने पर केजरीवाल ही हैं
गुजरात में बीजेपी के संकल्प पत्र ही नहीं अमित शाह (Amit Shah) के हाल के ज्यादातर इंटरव्यू देखें तो सबसे ज्यादा जोर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर ही नजर आ रहा है - और ऐसा करने की खास वजह अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से लगातार मिल रही चुनौती ही है.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
डॉ. सौरभ मालवीय
@DrSourabhMalviya
Uniform Civil Code मुस्लिम महिलाओं के लिए सम्मानजनक कानून है!
भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कई बार उठी है, लेकिन इस पर विवाद होने के बाद यह मामला दबकर रह जाता है. लेकिन इस बार यूपी में जबसे बीजेपी दोबारा सत्ता में लौटी है, इसकी चर्चा चरम पर है. केंद्र की मोदी सरकार इसे पूरे देश में लागू करना चाहती है, जिसकी शुरूआत उत्तराखंड से होना तय हो चुका है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
प्रशांत तिवारी
@prashant.tiwari.5895
यूनिफार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता क्यों जरूरी है?
यूनिफार्म सिविल कोड का बहुसंख्यकों द्वारा समर्थन किया जा रहा है वहीं देश के अल्पसंख्यक इसके विरोध में हैं. भले ही बिल विवादों के घेरे में हो लेकिन माना जा रहा है कि आज नहीं तो कल केंद्र सरकार यूनिफार्म सिविल कोड लाने की पहल कर सकती है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
नीतीश कुमार के 'इफ्तार' को क्या बीजेपी का 'लाउडस्पीकर' काबू कर पाएगा?
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेरने के लिए बीजेपी की तरफ से लाउडस्पीकर (Loudspeaker) को आगे किया गया है. लगता है जेडीयू नेता ने इसे पहले ही भांप लिया था, तभी तो ताबड़तोड़ इफ्तार पार्टियों (Iftar Party) में शामिल होने लगे - बीजेपी के कान खड़े तो होंगे ही.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कॉमन सिविल कोड के लिए माहौल बना रहा है हिजाब विवाद!
सीएए विरोधी प्रदर्शन के लिए चर्चा के केंद्र में रहे शाहीन बाग में भी हिजाब विवाद (Hijab Row) को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. वहीं, इस मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के एक ट्वीट ने समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (uniform civil code) को लेकर ये बहस छेड़ दी है कि देश संविधान से चलेगा या धर्म से?
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
2024 आते-आते समान नागरिक संहिता कानूनी हो जाएगी!
भाजपा (BJP) के चुनावी घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) हमेशा से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है. भारत में एक लंबे अरसे से समान नागरिक संहिता की मांग बहस का मुद्दा रही है. यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत देश के हर नागरिक के लिए एक जैसे कानून की बात की गई है, फिर चाहे वो किसी भी धर्म, पंथ, समुदाय, जाति का हो.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
जनसंख्या नियंत्रण कानून के बाद अब निकला समान नागरिक संहिता का जिन्न! आगे क्या होगा...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1985 के शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का जिक्र करते हुए कहा कि 30 से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो प्रकरण में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के बाद गुजारा भत्ता का हकदार माना था. हालांकि, राजीव गांधी की सरकार ने संसद में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलट दिया था.