इंटरनेट पर अनजाने में भी ना करना ये काम वरना हो सकती है जेल
आप इंटरनेट पर क्या करते हैं? क्या इस सवाल का ठीक-ठीक कोई जवाब है आपके पास? भोलेपन में किया गया एक फेसबुक कमेंट भी आपको जेल की हवा खिलाने के लिए काफी है. चलिए जानते हैं हैं कुछ साइबर लॉ...
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अगर आपसे पूछा जाए कि इंटरनेट पर आप क्या करते हैं? तो जवाब क्या देंगे आप? इंटरनेट पर कई बार हम अनजाने में कुछ ऐसे काम कर जाते हैं जो कानूनी तौर पर मान्य नहीं हैं. अगर आप सोच रहे होंगे कि ये तो आम बात है तो एक बार फिर सोच लीजिए. कुछ ऐसे भी नियम हैं जिनके बारे में आपको पता नहीं होता, लेकिन आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकते हैं. कौन से हैं वो नियम चलिए देखते हैं...
1. टोरेंट या कोई ही कॉपीराइट चीज डाउनलोड करना...
जरा सोचिए कि टोरेंट साइट्स को बंद क्यों किया गया था? टोरेंट साइट्स पर असल में ऐसा काफी कुछ होता है जो कॉपीराइट होता है. ऐसे में बिना कंटेंट ओनर की परमीशन के अगर आप उसे डाउनलोड करते हैं तो ये एक गैरकानूनी काम है. मसलन अगर मुझे ऐसी कोई फिल्म देखनी है जो भारत में रिलीज नहीं हुई है और मैं उसे टोरेंट से डाउनलोड कर लेती हूं तो ये गैरकानूनी होगा.
अगर मुझे ऐसी कोई फिल्म देखनी है जो भारत में रिलीज नहीं हुई है और मैं उसे टोरेंट से डाउनलोड कर लेती हूं तो ये गैरकानूनी होगा. |
2. किसी का मजाक उड़ाना, फोटो के साथ छेड़छाड़ करना...
क्या आपने मानहानी शब्द सुना है? अगर नहीं सुना तो आपको बता दूं कि डिफेमेशन या मानहानी का आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 499 के तहत सोशल मीडिया पर किसी का मजाक उड़ाने पर अगर आप दोषी पाए जाते हैं तो जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. इसमें 2 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है. तो आगे से कुछ भी करने से पहले सोच लीजिएगा.
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3. किसी के बारे में कोई अफवाह उड़ाना...
अगर मैं किसी भी व्यक्ति पर कम्प्यूटर या स्मार्टफोन (वॉट्सएप, टेक्स्ट मैसेज या कोई और जरिया) के जरिए कोई ऐसा कमेंट करती हूं जो किसी को सही से समझ ना आए या डबल मीनिंग हो या किसी भी तरह से कोई गलत मतलब निकलता हो जिसे अफवाह की श्रेणी में डाल दिया जाए तो जनाब आईटी एक्ट सेक्शन 66A के तहत आप बड़ी मुश्किल में फंस जाएंगे. ये कुछ ऐसा ही होगा जैसे एयरपोर्ट पर जाकर आप बॉम्ब चिल्लाकर भाग जाएं.
आईटी एक्ट 2000 के आईपीसी सेक्शन 469, 509 और 67 के तहत आपको 500 से लेकर 4000 तक का जुर्माना और 6 महीने से लेकर 2 साल तक की जेल हो सकती है |
4. सायबर बुली...
कितनी बार ऐसा हुआ है कि आप और आपके दोस्तों ने मिलकर किसी एक दोस्त की फेसबुक पोस्ट पर उसे चिढ़ाने के लिए कोई कमेंट किया हो, ऐसा कितनी ही बार देखा गया है कि लोग मिलकर किसी एक दोस्त की सोशल मीडिया पर खिंचाई करते हैं. बॉस, अगर आपने ऐसा किया है तो वो शरीफ इंसान आप पर आईटी एक्ट 2000 के तहत साइबर बुलिइंग का केस दर्ज करा सकता है. इसके तहत आईटी एक्ट 2000 के आईपीसी सेक्शन 469, 509 और 67 के तहत आपको 500 से लेकर 4000 तक का जुर्माना और 6 महीने से लेकर 2 साल तक की जेल हो सकती है.
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5. फोन या सिम को अनलॉक करवाना...
अगर किसी कंपनी की कोई सिम या कोई हैंडसेट लॉक है और वो आप उसे किसी और सिम या फोन में डालने के लिए अनलॉक करवाते हैं तो ये एक तरह से गैरकानूनी है. iOS में जेलब्रेक और एंड्रॉइड में फोन रूट करना भी कानूनी रूप से सही नहीं है, लेकिन फिर भी किसे फर्क पड़ता है. अपने नाम पर किसी और के लिए जियो सिम लेना भी नियमों के खिलाफ है जनाब. ध्यान रखिएगा.
तो जनाब अगली बार सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने या कोई काम करने से पहले सोच लें. अब अगर आपके साथ किसी ने ऐसा गैरकानूनी काम किया है तो आपको क्या करना चाहिए चलिए वो भी देखते हैं. मान लीजिए अगर कोई आपकी किसी पर्सनल फोटो के साथ छेड़खानी करता है या आपपर सोशल मीडिया या मोबाइल फोन के तहत कोई अभद्र कमेंट करता है, या आपके ईमेल पर, वॉट्सएप पर कोई ऐसा कंटेंट भेज रहा है जिसमें आपको आपत्ती है तो आप साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल में शिकायत कर सकते हैं. इसकी ब्रांच कई शहरों में है जैसे दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, हैदराबाद, बंगलुरु, तमिलनाडू, गुरुग्राम, पुने, मध्यप्रदेश, लखनऊ आदि.
इसके लिए आपके पास ये सब होना चाहिए-
- - जिसके खिलाफ आप शिकायत दर्ज करवा रहे हैं उसका नाम, ईमेल आईडी, टेलिफोन नंबर आदि (अगर पता हो तो)
- - शिकायत करने से पहले आपके पास पर्याप्त सबूत होने चाहिएं. वॉट्सएप कन्वर्जेशन के स्क्रीन शॉट्स, मैसेज आदि.
- - सोशल मीडिया पोस्ट जिसपर हुआ हो उसे डिलीट ना करें.
- - अगर हैकिंग का कोई मामला है तो भी आपके पास पुख्ता जानकारी होनी चाहिए कि क्या हैक हुआ है, किस कम्प्यूटर की फाइल्स हुई हैं, क्या अंतर आया है पहले और हैकिंग के बाद काम करने में, कब ये अंतर समझ आया है आदि.
- - अगर कोई ईमेल भेज रहा है या सायबर बुलिइंग के लिए जिम्मेदार है तो भी आपको वो ईमेल सबूत के तौर पर सेव करके रखना होगा. ये सब जानकारी आप किसी भी साइबर सेल को भेज सकते हैं.
- - नीचे दिए गए लिंक में सभी साइबर सेल का पता, फोन नबंर और ईमेल आईडी है.
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