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Updated: 07 अप्रिल, 2019 11:12 AM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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ऐसे कितने लोग आपकी जान-पहचान में हैं जिन्हें पेट की चर्बी से दिक्कत है? आपके आस-पास ही ऐसे लोग होंगे जिन्हें लगता होगा कि बस बॉडी फैट निकल जाए बाकी तो फिट हैं ही हम. इसी जद्दोजहद में लोग कई तरीके अपनाते हैं. नींबू और पानी में शहद घोलकर पीने के साथ सर्जरी तक बहुत कुछ अपनाया जाता है, लेकिन आजकल एक और तरीका लोगों को बहुत लुभा रहा है. ये तरीका है CoolSculpting. इस तरीके से शरीर के जिस भी हिस्से में फैट टिशू होते हैं उन्हें जमा दिया जाता है और उन्हें मसाज के जरिए तोड़ दिया जाता है. इससे लिवर उन टिशू को पचा लेता है और धीरे-धीरे शरीर की चर्बी कम होने लगती है.

कूलस्क्लपटिंग (CoolSculpting) को FDA की तरफ से 2010 में मान्यता मिली थी और तब से लेकर 2018 तक इस तकनीक ने 823 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है. पिछले कुछ समय से ये भारत में भी लगातार लोकप्रिय हो रही है और दिल्ली जैसे शहर में इसके क्लीनिक बड़ी ही आसानी से मिल सकते हैं.

तो क्या वाकई ये प्रोसेस सही है?

अगर डॉक्टरी सलाह से देखें तो ये प्रोसेस लाइपोसक्शन से काफी ज्यादा आसान है और इसके साइड इफेक्ट्स भी कम ही हैं. ये प्रोसेस सस्ता नहीं है और इसमें किसी तरह की सर्जरी की जरूरत नहीं होती इसलिए इसे बेहतर माना जा सकता है. हां, हर तकनीक की तरह इसके भी अपने अलग साइड इफेक्ट्स हैं और असर हर मरीज पर अलग हो सकता है.

साइड इफेक्ट क्या हैं?

सीधी सी बात है कि अगर किसी स्किन टिशू को टारगेट किया जा रहा है तो कोई न कोई साइड इफेक्ट तो होगा ही. लोग अक्सर इसके बारे में कहते हैं कि ये बिना साइड इफेक्ट वाली तकनीक है पर ऐसा नहीं है. ट्रीटमेंट लेने के बाद स्किन लाल पड़ने लगती है, खुश्क हो जाती है, निशान आने लगते हैं और स्किन ढीली होने लगती है. ट्रीटमेंट खत्म होने के बाद भी कई लोगों को उस जगह पर रैश आ जाते हैं, स्किन में गुदगुदी या चुभन जैसा अहसास होता रहता है.

कूलस्कल्पटिंग, चर्बी, सर्जरी, बीमारी

कुछ मरीजों के साथ दिक्कत ज्यादा होती है, उन्हें लंबे वक्त के लिए दर्द रह सकता है. ज्यादा ठंड के कारण स्किन अल्सर हो सकते हैं. इसके अलावा, ठंड से होने वाली फ्रॉस्ट बाइट भी हो सकती है.

इसका सबसे खराब साइड इफेक्ट हो सकता है Paradoxical Adipose Hyperplasia (PAH). ये फ्रीजिंग से रिएक्शन के कारण हो सकता है. जिन लोगों को रिएक्शन होता है उनका फैट कम होने की जगह सूजन के शेप में बाहर आ जाता है. जब एप्लिकेटर (जिससे स्किन को फ्रीज किया जाता है) वो स्किन के पास आता है तो सेल को मारने की जगह वो सेल को बढ़ा देता है. इसके कारण बॉडी फैट मसाज के बाद भी ब्रेक नहीं हो पाता और शरीर उसे निकाल नहीं पाता. यानी पूरा प्रोसेस ही फेल हो जाता है. हालांकि, ये 0.051% लोगों को ही होता है.

क्या है कीमत...

CoolSculpting की कीमत 35 हज़ार से एक लाख रुपए तक हो सकती है. ये निर्भर करता है आप कहां से ट्रीटमेंट ले रहे हैं. बेहतर होगा इसके लिए पूरी रिसर्च कर लें क्योंकि गलत जगह से ये ट्रीटमेंट करवाने पर न तो आपको फायदा नहीं मिलेगा और पैसे भी जाएंगे. realself.com ने भारत के ही 21 कोल्डस्क्लप्टिंग मरीजों के रिव्यू के आधार पर बताया है कि इसकी कीमत एवरेज 82,195 रुपए प्रति मरीज लगती है.

झांसे में न आएं..

इस ट्रीटमेंट के बारे में मुझे जब पता चला तो कुछ पड़ताल करने की सोची. गूगल करने पर कई क्लीनिक सामने आए और एक दो नंबर पर मैंने कॉल लगाया. कूल स्कलपटिंग कुछ जगह पर काफी महंगी थी और कहीं बहुत सस्ती. एक दो जगह कॉल करने पर पता चला कि एक क्लीनिक में ये काफी सस्ती हो रही है. प्रति सिटिंग वो सिर्फ 4500 रुपए ले रहे हैं जो इस तकनीक के हिसाब से काफी सस्ता है.

उस जगह फोन करने पर कहा गया कि सिर्फ आधे घंटे का सेशन होता है जिसमें 10 मिनट मशीन लगाई जाएगी और बाकी मसाज किया जाएगा. हर सिटिंग के 4500 रुपए लगेंगे. बात करके मैंने तो फोन रख दिया लेकिन रिसर्च करने पर पता चला कि इस तकनीक में कम से कम 35 मिनट मशीन रखनी होती है और उसके बाद मसाज होती है. सिर्फ शरीर के एक हिस्से में एक बार मशीन लगाने में ही इतना समय लगता है तो बाकी सोच लीजिए.

दिल्ली के ही एक बड़े क्लीनिक की वेबसाइट पर देखा तो एक डिस्क्लेमर पहले ही लगा हुआ था..

'रिजल्ट अलग-अलग मरीजों पर अलग तरह से काम करते हैं. ये मेडिकल प्रोसीजर है और ये पहले और बाद के असर में अंतर हो सकता है. ये किसी तरह की गारंटी नहीं है कि लोगों को वैसे रिजल्ट मिल ही जाएंगे जैसे वो चाहते हैं. सभी सर्जरी और नॉन सर्जरी प्रोसेस जो फॉलो किए जाते हैं उनमें कुछ रिस्क और कॉम्पिकेशन होती है. ये जानकारी फॉर्म भरते समय आपको मिल जाएगी.'

यकीनन जैसे-जैसे ये तकनीक लोकप्रीय हो रही है वैसे-वैसे लोग इसका गलत फायदा उठाने की कोशिश भी कर रहे हैं. किसी क्लीनिक में अगर ये बोला जाता है कि सिटिंग सिर्फ 15 मिनट की होगी या आधे घंटे की होगी तो ये गलत है. हर एक जगह पर कम से कम 35 मिनट ये मशीन रखनी होती है और उसके बाद मसाज होता है. अगर पूरे पेट की थेरेपी करवानी है तो उसके लिए कम से कम 4-5 घंटे चाहिए. सस्ते के चक्कर में कुछ गलत न कर बैठें इसलिए आपको सावधान रहना होगा.

यूट्यूब पर वीडियो देखकर कुछ न करें...

कूलस्क्लप्टिंग तो ठीक है, लेकिन यूट्यूब पर ऐसे कई वीडियो हैं जो बर्फ की मदद से घर पर ही बेली फैट हटाने की बात करते हैं. जैसे कि ये :

आपको बता दूं कि इस तरीके के कई नुकसान हो सकते हैं. बर्फ 30 मिनट से 1 घंटे सीधे स्किन पर रखने से न सिर्फ फ्रॉस्ट बाइट का खतरा है बल्कि इससे ये खतरा भी है कि आपके शरीर की सही रक्त कोशिकाएं भी मर सकती हैं. इसी के साथ, स्किन बर्न हो सकता है. इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा भी है. तो जो भी करना है सोच समझ कर ही करें. और अगर इस तकनीक को अपनाना है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

अगर ये प्रोसेस करवाना है तो...

- अगर ये प्रोसेस करवाना है तो बेहतर होगा कि आप किसी ऐसी जगह से करवाएं जो मान्यता प्राप्त हो.

- पहले इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लें और फिर पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही इसे अपनाएं.

- एकदम से कोई रिजल्ट नहीं मिलेगा और रिजल्ट तीन से चार हफ्ते बाद नजर आना शुरू होंगे.

- इसे तभी करवाएं जब एक्सरसाइज और डाइडिंग से कोई रिजल्ट नहीं मिल रहे हैं. एक बार पहले अपना वजन कम करने के लिए योगा, एक्सरसाइज और डाइटिंग अपना कर देखिए.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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