पोर्न साइट को ब्लाक कर, भजन सुनाएगी बीएचयू की ये संस्कारी "हर हर महादेव" ऐप
बीते कई दिनों से चर्चा में रहने वाला बीएचयू एक बार फिर चर्चा में है. मगर इस बार उसके चर्चा में आने की वजह ऐसी है जिसको सुनकर आप हैरत में पड़ सकते हैं.
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बीते दिनों अपने स्टूडेंट प्रोटेस्ट के कारण चर्चा में रहने वाली बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है. बीएचयू के फिर इस बार चर्चा में आने की वजह न तो कोई छेड़छाड़ है और न ही कोई एग्जाम के पेपर आउट होने का मामला. इस बार बीएचयू जिस वजह से चर्चा में है वो काफी दिलचस्प मामला है. अब बीएचयू के छात्र परिसर में बैठकर इंटरनेट द्वारा डर्टी पिक्चर नहीं देख सकते. ऐसा इसलिए क्योंकि जब वो डर्टी पिक्चर देखने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे होंगे तो शायद वहां अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल या फिर लखबीर सिंह लक्खा में से किसी का भजन चल जाए और लोगों की नजर उनपर जम जाए.
जी हां ये भले ही सुनने में हास्यादपद हो मगर ये सच है. इंटरनेट पर अश्लील वेबसाईट की पहचान और उस पर रोक के लिए बीएचयू ने हर - हर महादेव नाम का एक ऐप डिजाइन किया है. ये ऐप लोगों को इस तरह की गंदी सामग्री से बचाएगा जिनसे उनका मन बहकता है या फिर उनपर बुरा प्रभाव पड़ता है.
कई मायनों में अनोखी है बीएचयू के प्रोफेसर्स द्वारा बनाई गयी ये ऐप
ज्ञात हो कि बीएचयू परिसर के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के न्यूरॉलजिस्ट और उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया ये नया ऐप, आम से लेकर खास तक सभी की जुबान पर चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐप बनाने वाली टीम का दावा है कि इसकी मदद से उन साइट्स और उन कंटेंट्स को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जा सकता है जिसमें व्यक्ति की कोई दिलचस्पी नहीं है या फिर जो किसी के जीवन में बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. इस ऐप को लेकर ये तक कहा जा रहा है कि इसको बनाने का उद्देश्य पोर्न सामग्री और अडल्ट कंटेंट पर पूर्ण नियंत्रण है.
आपको बताते चलें कि तकरीबन 6 महीने की मेहनत से तैयार इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद एक यूजर को इस ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. जब ये ऐप इंस्टाल हो जाएगी तो उसके बाद आपकी डिवाइस पर कोई भी अश्लील सामग्री नहीं खुलेगी और केवल भक्ति गीत बजेंगे. फिल्हाल डेस्कटॉप और लैपटॉप के लिए बनाई गयी इस ऐप में केवल भजन हैं मगर भविष्य में इसमें अन्य धर्मों के भी भक्ति गीतों को जोड़ा जाएगा और इसे एंड्राइड डिवाइस के लिए भी निर्मित किया जाएगा.
गौरतलब है कि अभी तक ये ऐप करीब 3800 साइट्स को ब्लाक कर चुकी है और उन सभी साइट्स को ब्लाक कर रही है जिनपर इसे जरा भी शक लग रहा है. खैर बीएचयू की ये इजाद व्यर्थ की खोज है या वक़्त की जरूरत. ये बीएचयू के प्रोफ़ेसर जानें, मगर इस ऐप को देखकर इतना तो है कि कहीं न कहीं ये चंचल मन को शांत करने के लिए एक अच्छी पहल है और इसकी तारीफ होनी चाहिए. साथ ही इस ऐप के मद्देनगर ये भी देखना दिलचस्प रहेगा कि कहीं भविष्य में प्रोफ़ेसर इसे ज्यादा संस्कारी बनाने के चक्कर में खुद हंसी के पात्र न बन जाएं और इस ऐप के मूल उद्देश्य को बर्बाद कर बैठें.
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