Video conferencing app की जंग में कूदा रिलायंस जियो
जूम ऐप (Zoom App) को टक्कर देने के लिए रिलायंस ने Jio Meet के रूप में अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप लॉन्च कर दिया. इस ऐप में होस्ट समेत 100 लोग एक साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग कर सकते हैं. ऐप की खास बात ये है कि जहां ये पूरी तरह फ्री है तो वहीं इसका समय अंतराल भी अनलिमिटेड रखा गया है.
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कोरोना वायरस (Coronavirus) के रूप में दुनिया ने एक बिल्कुल नई तरह की बीमारी का अनुभव किया. बीमारी कितनी जटिल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुज़रे तीन-चार महीनों में पूरी दुनिया थम सी गई है. स्थिति जब ऐसी हो तब तकनीक का स्वरूप भी बदला जिससे लोगों को दफ़्तर की जगह वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) करने का मौका मिला. तमाम चीजें एक साथ सीमित दायरे में आ गईं. क्या मीटिंग क्या पढ़ाई और प्रोड्यस्ट लांच सब ऑनलाइन (Online) हो गया और अब लोगों की ज़िंदगी का एक बड़ा सहारा, 'ज़ूम ऐप' (Zoom App) किसी परिचय की मोहताज नहीं है. वर्तमान में छात्रों से लेकर नौकरीपेशाओं तक लोगों द्वारा इसका भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है मगर क्यों कि हर चीज़ परफेक्ट नहीं होती इसलिए वो लोग जो ज़ूम का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें तमाम तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. शायद ये परेशानियां ही वो कारण थीं जिसे रिलायंस (Reliance) ने समझा और अब Jio Meet के रूप में अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप लॉन्च कर दिया. इस ऐप में होस्ट समेत 100 लोग एक साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग कर सकते हैं. ऐप की खास बात ये है कि जहां ये पूरी तरह फ्री है. तो वहीं इसका समय अंतराल भी अनलिमिटेड रखा गया है. जो इसे एक मजबूत पक्ष देता है और बताता है कि अगर Jio वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की दुनिया में आया है तो पूरी तैयारी के साथ आया है.
जियो मीट के रूप में जैसी तैयारी रिलायंस की है वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की दुनिया में वो होम वर्क करके आया है
बता दें कि ज़ूम ऐप में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग केवल 40 मिनट तक फ्री होती थी यदि यूजर को इससे अधिक समय के लिए वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करनी हो तो उसका चार्ज देना होता था जोकि 180 डॉलर यानी 13500 रुपए होता है. वही jio का फ्री आना कई कंपनियों के माथे पर चिंता के बल डाल सकता है. माना जा रहा है कि jio meet के आने से ज़ूम का एकछत्र राज बुरी तरह ध्वस्त हुआ है.
गौरतलब है कि देश दुनिया की एक बड़ी आबादी ज़ूम से संतुष्ट नहीं थी. ऐसा शायद इसलिए भी था क्यों कि यूजर को हर 40 मिनट में दोबारा लॉगिन करना पड़ता था जो कि अपने आप में काफी तनावपूर्ण था और तमाम ग्राहक ऐसे थे जिन्होंने इसकी शिकायत के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था. बात अगर सुविधाओं की हो तो जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं जियो ने इसके लिए मेहनत और रिसर्च दोनों की है.
जूम आए हुए एक लंबा समय गुजर गया है. ऐसे में जियो इस बात से बखूबी वाकिफ था कि जूम ऐप में कहां कहां कमियां हैं. जियो ने इन कमियों पर काम किया नतीजा ये निकला कि जो ऐप बनी है वो कुछ ऐसी है कि यूजर इसकी तारीफ से अपने को रोक ही नहीं पा रहा है. जियो मीट ऐप, प्ले स्टोर पर मौजूद है और इसमें भांति भांति के फीचर्स की भरमार है.
क्या हैं ऐप के फीचर्स
जिक्र अगर इस ऐप के सबसे यूनीक फीचर का हो तो पहले तो इसमें कोई टाइम लिमिट नहीं है. और दूसरा ये कि जियो मीट में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रतिभागी डबल क्लिक करके किसी भी अन्य पार्टिसिपेंट की विडियो विंडो को बड़ा कर सकते हैं, ध्यान रहे कि ये सुविधा जूम ऐप में नहीं थी. इसके अलावा यदि होस्ट चाहे कि किसी एक संस्था के लोग ही विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हों तो वह संस्थान की मेल आईडी से लॉगइन कर सकता है. इससे संस्थान के अलावा अन्य कोई भी बैठक में नहीं आ पाएगा. जूम ऐप इस मामले में भी काफी कच्ची थी और इसके चलते कई बार ऐप की आलोचना हुई है.
इसके अलावा यदि यूजर्स मोबाइल से कनेक्टेड है तो जूम ऐप में मात्र चार पार्टिसिपेंट को एक बार में देखा जा सकता था बाकियों को देखने के लिए स्क्रॉल की जरूरत पड़ती थी जबकि जियोमीट में ये सब झंझट नहीं है इसमें एक बार में आठ प्रतिभागियों को देखा जा सकता है.
सुरक्षा ही इस ऐप की खासियत है
तकनीक के इस युग में हमेशा ही सवाल सिक्योरिटी को लेकर रहा है इसलिए जियो ने इस बात का पूरा ख्याल रखा है. सुरक्षा के लिहाज से भी जियोमीट, जूम ऐप से कहीं ज्यादा बेहतर है. जियोमीट में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए किसी भी तरह के इनवाइट कोड की जरूरत नही पड़ेगी। 100 यूजर्स तक एक बार में जियोमीट पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकते हैं. जियोमीट लगभग सभी तरह के डिवायस पर काम करता है.
ऐप कितनी कामयाब होती है वक़्त बताएगा मगर जो तैयारी जियो ने की है उसने उन तमाम कंपनियों के माथे पर चिंता के बल दे दिए हैं जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की दुनिया में बादशाहत का ख्वाब देख रहे थे.
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