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Updated: 10 अप्रिल, 2017 07:17 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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भले ही देश में मुकेश अंबानी के जियो का डंका बज रहा है. लेकिन नोकिया कंपनी अपनी धमाकेदार वापसी के अलावा, कुछ और धमाकेदार करने वाली है. एक तरफ तो कंपनी ने अपना फीचर फोन 3310 दोबारा से रेनोवेट करके लॉन्च किया है और दूसरी तरफ अब कंपनी 5G से नीचे कोई बात ही नहीं कर रही है. पिछले एक महीने से ये खबरें आ रही हैं कि नोकिया भारती एयरटेल और बीएसएनएल से बात कर रही है 5G के लिए. अब इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अब नोकिया ने एयरटेल और बीएसएनएल के साथ मेमोरैंडम ऑफ अन्डर्सटैंडिंग (MoU) साइन कर लिया है.

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नोकिया इंडिया के मार्केट हेड संजय मलिक के अनुसार इस MoU से भारत में 5G तकनीक कैसे आएगी, उसके लिए जरूरी सुविधाएं, स्ट्रैटजी आदि के लिए साइन किया गया है. उनके अनुसार 5G भारत में 2019-20 तक आ सकता है. नोकिया कंपनी बेंगलुरु में 5G में इन्वेस्ट करने वालों की जरूरतें समझने के लिए एक एक्सपीरियंस सेंटर भी सेट कर रही है.

3G-4G तो ठीक पर 5G?

अब जरा भारत के बारे में सोचिए. 2017 में जहां सभी देश 5G की ओर बढ़ गए हैं वहां जियो 4G को फ्री डेटा की अवधी बढ़ानी पड़ी ताकी यूजर्स वापस पुराने 3G पैक्स पर ना चले जाएं. अभी भी हमारे मार्केट में 3G फोन्स बिक रहे हैं. 4G हैंडसेट है तो भी लोग 3G इस्तेमाल कर रहे हैं और कुछ इलाकों में ये 2G की तरह चलता है.

भारत के कई इलाकों में लोग 3G इस्तेमाल करना बेहतर समझते हैं क्योंकि ये तेज है और हां 2G के बाद नया अपग्रेड है. ये कुछ ऐसा ही है कि साइकल की जगह आप बाइक ले लें, लेकिन 5G की ओर बढ़ना मतलब स्पोर्ट्स कार की सवारी करना. तो कितना तैयार है भारत 5G के लिए?

इंटरनेट स्पीड के मामले में 105वें नंबर पर भारत-

2016 दिसंबर में Akamai की रिपोर्ट के हिसाब से भारत इंटरनेट स्पीड के मामले में 105वें नंबर पर है. जहां साउथ कोरिया नंबर 1 पर है वहां की एवरेज स्पीड 26.3 Mbps प्रति सेकंड है और भारत में यही स्पीड 4.1 Mbps प्रति सेकंड पर है. हालांकि, अगर ग्राउंड रिपोर्ट देखें तो भारत में इंटरनेट स्पीड इससे भी कम है.

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सबसे पहले 2009 में 4G तकनीक का इस्तेमाल किया गया था और इसका स्टैंडर्डाइजेशन 2007 - 08 में हो चुका था, लेकिन भारत में 2017 में भी पूरी तरह से 4G नहीं उपयोग किया जाता है. अभी भी 2G और 3G इस्तेमाल करने वालों की संख्या 60% से ज्यादा है और दूर दराज के इलाकों में तो लोग इंटरनेट के बारे में उतना ही जानते हैं जितना नर्सरी क्लास का बच्चा ABC जानता है!

ऐसा नहीं है कि भारत में कोई डेवलपमेंट जल्दी हो नहीं सकता, लेकिन भारतीय हर काम के लिए थोड़ा समय तो लगा ही देते हैं. लेट लतीफी का किस्सा किसी से छुपा नहीं हुआ है. दुनिया भले ही 2020 तक 5G अपनाने के बारे में कह रही हो, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत में 5G को आने में अभी कुल मिलाकर 2022-2024 तक का समय लगेगा. इससे पहले का पूरा समय लोगों को 4G अपनाने में लगेगा.

अब एक बार फिर चलते हैं नोकिया की तरफ. इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि एक समय में नोकिया अपने हैंडसेट्स से दुनिया पर राज करती थी. तो क्या वाकई ये सपना सच हो सकता है. एक तरफ जहां जियो 2017 में अपनी 4G स्पीड सुधारने की कोशिश कर रही है, वहीं अगर एक दूसरी कंपनी 5G को लाने का जुगाड़ कर रही है तो कम से कम मैं तो नोकिया पर अपना भरोसा जता सकती हूं. जरूरी नहीं जो अभी तक होता आया है वैसी ही लेट लतीफी हम आगे भी करें...

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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