Xiaomi Mi Play launch: कैसे इस कंपनी ने भारतीय ग्राहक का मन पढ़ लिया है
Xiaomi Mi Play स्मार्टफोन लॉन्च हो चुका है और ये कंपनी का पहला वॉटर नॉच डिस्प्ले फोन है. शाओमी ने जिस तरह तरक्की की है उससे ये जानना जरूरी हो गया है कि आखिर भारतीय ग्राहकों के लिए कंपनी की कौन सी स्ट्रैटजी काम आई.
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चीनी स्मार्टफोन मेकर शाओमी ने 24 दिसंबर को अपना साल का आखिरी स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है. Xiaomi Mi Play की बड़ी खासियत ये है कि ये फोन लेटेस्ट ट्रेंड वॉटर ड्रॉप नॉच डिस्प्ले (waterdrop notch) के साथ आता है, यानी ये थोड़ा और ज्यादा लेटेस्ट डिजाइनिंग का नमूना है. इस फोन में ग्रेडिएंट फिनिश है और ये यकीनन बहुत अच्छा दिखता है. हाल ही में लॉन्च हुए Realme, Honor, Asus फोन भी ऐसी ही ग्रेडिएंट फिनिश के साथ आते हैं.
जहां तक स्पेसिफिकेशन की बात है तो ये फोन Mi Play फुल HD+ डिस्प्ले के साथ आता है. यानी नॉर्मल एचडी से 3 गुना बेहतर डिस्प्ले. स्क्रीन साइज 5.84 इंच का है तो इसे बहुत बड़ा हैंडसेट नहीं कहा जाएगा और न ही ये बहुत छोटा है. डिस्प्ले को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए इसमें वॉटर ड्रॉप नॉच लगाया गया है.
वॉटर ड्रॉप नॉच में सिर्फ कैमरा सेंसर फिट करने की जगह होती है.
ये आजकल का ट्रेंड है. वैसे तो टॉप नॉच को लगातार छोटा बनाया जा रहा था और स्क्रीन बड़ी होती जा रही थी, लेकिन अब वॉटर नॉच डिस्प्ले कुछ अलग है. पहले जहां ऊपर कई सेंसर, फ्लैश आदि दिया जाता था वॉटर नॉच डिस्प्ले में ऐसा नहीं है. दरअसल, इसमें सारे सेंसर और इयरपीस हैं, लेकिन उन्हें छुपा कर रखा गया है ताकि डिस्प्ले खराब न दिखे. यही कारण है कि इस तरह के फोन्स डिजाइनिंग के लिए बेहतर समझे जा रहे हैं.
शाओमी Mi Play स्मार्टफोन
जहां तक हार्डवेयर की बात है तो इस फोन में 2.3GHZ का ऑक्टा कोर MediaTek Helio P35 12nm प्रोसेसर लगा हुआ है. साथ ही, टर्बो ग्राफिक्स GPU है. ये फोन 10 जीबी फ्री डेटा के साथ आता है जो हर महीने मिलेगा साल भर तक.
बैक साइड में डुअल कैमरा है, 4Gb रैम और 64 Gb इंटरनल मेमोरी जिसे 256Gb तक बढ़ाया जा सकता है. बैक कैमरा 12 और 2 मेगापिक्सल के सेंसर के साथ है और फ्रंट कैमरा 8 मेगापिक्सल के सेंसर के साथ. और इसमें 3000 mAh पावर की बैटरी है.
ये फोन 1099 चीनी युआन (11000 रुपए) की रेंज में लॉन्च किया गया है.
शाओमी ने पिछले 4 सालों में भारत में जो तरक्की की है वो देखने लायक है. ये कंपनी एक चीनी स्मार्टफोन मेकर का ठप्पा लेकर भारतीय मार्केट में आई थी और अब भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी है. पिछले कुछ सालों में कंपनी की स्ट्रैटजी बहुत बदल गई. पर इस कंपनी की कामियाबी के पीछे कुछ अहम कारण थे जिससे इसने भारतीय ग्रहकों की नब्ज पकड़ ली.
1. सबसे अलग फीचर्स:
शाओमी ने भारत में अपना पहला फोन जुलाई 2014 में लॉन्च किया था. ये फोन था Mi 3. ये पहले ही चीन में लॉन्च हो चुका था, लेकिन इसके भारत आते-आते काफी समय बीत चुका था. फोन लॉन्च कर कंपनी ने एक अलग ही तरह का स्मार्टफोन भारतीय मार्केट को दे दिया था जो सुंदर भी था, सस्ता भी था, बैटरी लाइफ बेहद अच्छी थी जो माइक्रोमैक्स स्मार्टफोन्स में कमी थी उसे इसने दूर किया था. पहले ही साल चौका फिर एक साल के अंदर 8 प्रोडक्ट्स निकाले थे शाओमी ने. और हर फोन में कुछ नए फीचर्स लेकर शाओमी बेहतरीन प्रोडक्ट्स देती थी.
जैसे शाओमी रेडमी नोट 4G बेहद सस्ते दाम में बेहद अच्छे फीचर्स के साथ आने वाला 4G फोन था. ये उस समय जब भारत में जियो का आगाज भी नहीं हुआ था और उस समय 4G फोन रखना बेहतरीन ऑप्शन था. Mi Pad सामने आया था जो एपल आईपैड की कॉपी था और बिलकुल वैसे ही लुक्स के साथ बेहतर फीचर्स देता था. Mi 4, Mi 4i, Redmi note 4, note 5, Mi A1, Redmi note 5 pro, Note 6 सभी में कुछ नया आया. चाहें बेहतरीन कैमरा हो, चाहें ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट हो, चाहें डुअल कैमरा हो, चाहें बैटरी बैकअप शाओमी ने अपने फोन्स में हर बार पहले से कुछ अलग करने की कोशिश की, भले ही वो दिखने और काम करने में ज्यादा अलग न समझ आएं, लेकिन कम से कम ऑन पेपर स्पेसिफिकेशन तो बेहतरीन दिखे और यही कारण है कि शाओमी ने अपना अच्छा मार्केट शेयर स्थापित कर लिया.
2. साल दर साल कीमत बेमिसाल:
शाओमी ने जब अपना पहला मॉडल Mi3 भारत में जुलाई 2014 में बेचा था तब उस मॉडल को इतना फायदा हुआ था कि वो साल के बेस्ट सेलर स्मार्टफोन की लिस्ट में शामिल हो गया था. फ्लिपकार्ट वेबसाइट का सर्वर ही क्रैश हो गया था. सिर्फ 6 महीने के अंदर ही 10 लाख से ज्यादा Mi 3 फोन भारत में बिक चुके थे.
शाओमी ने उसी तर्ज पर अपने फोन्स की कीमत कम रखी. शुरुआती दौर से लेकर अभी तक Mi Mix2 को छोड़कर शाओमी के किसी भी हैंडसेट की कीमत 15000 से ज्यादा नहीं रही. जिसकी रही भी उसपर डिस्काउंट मिल गया. शाओमी अपने हर टॉप एंड डिवाइस का दाम भारत में कम करने लगी. जैसे Mi 4 और उसके बाद Mi 4i में 2000 रुपए का डिस्काउंट लॉन्च होने के कुछ दिनों बाद ही आ गया था जो भारतीयों को काफी पसंद आया. इसी के साथ, फ्लैश सेल वाला सिस्टम, कूपन कोड्स आदि भी कंपनी की लोकप्रियता बढ़ाने का काम कर गए.
कंपनी ने दाम कम रखने के लिए इम्पोर्ट करवाने के साथ-साथ फोन्स की यहीं असेम्बली शुरू कर दी और उसके बाद पूरे के पूरे मैन्युफैक्टरिंग प्लांट बना लिए. आज कंपनी के दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट श्री सिटी आंद्रप्रदेश में हैं. भारत में मिलने वाले 95 प्रतिशत स्मार्टफोन यहीं असेम्बल होते हैं.
3. मार्केटिंग का चौका:
शाओमी एकलौती ऐसी कंपनी कही जा सकती है जिसने शुरुआती दौर में सबसे कम मार्केटिंग में खर्च किया था. ह्यूगो बारा की तीन अहम स्ट्रैटजी काम आई. सबसे पहली थी फ्लैश सेल जिसका कॉन्सेप्ट भारतीयों ने पहली बार देखा था. '3 सेकंड में 10 हज़ार हैंडसेट बिके' ऐसी खबरों ने लोगों को खूब लुभाया. दूसरी स्ट्रैटजी थी फ्री सर्विस, फ्री एक्सेसरीज और डिस्काउंट ऑफर की जो शाओमी के लगभग हर फोन के साथ आए. आज ही लॉन्च हुआ शाओमी प्ले भी 10GB फ्री डेटा के साथ आता है. वैसे भी कुछ फ्री मिले तो अच्छा लगता है ऐसे ही शाओमी की ये स्ट्रैटजी भी काम आई.
तीसरी और सबसे अहम थी सोशल मीडिया मार्केटिंग. फोन लॉन्च होने से पहले फेसबुक पर कई तरह के कॉन्टेस्ट शुरू किए जाते थे. लोगों को ये एहसास करवाया जाता था कि वो कोई गेम खेल रहे हैं.
शाओमी ने 2014 में ही अपने हैंडसेट रेडमी नोट के लिए फेसबुक पर कॉन्टेस्ट शुरू किया था.
शाओमी का ये कॉन्टेस्ट बहुत काम आया और लोग सेल के समय शाओमी की वेबसाइट्स पर जाने लगे. Early Access Slot भी दिए गए जो लोगों को जल्दी सेल से खरीददारी करने का मौका दे. फ्लैश सेल और फेसबुक मार्केटिंग इतनी काम आई कि शाओमी का एडवर्टिज्मेंट पर खर्च काफी कम हो गया. एक नई कंपनी के लिए इतनी बड़ी मार्केटिंग स्ट्रैटजी रिस्क के साथ तो आई थी, लेकिन इसका फायदा बहुत हुआ.
शाओमी कंपनी अब भी फेस्टिव सेल और फोन लॉन्च के पहले इस तरह के कॉन्टेस्ट चलाती रहती है.
अब शाओमी ने मार्केटिंग पर ज्यादा पैसा खर्च करना शुरू किया है और इसके कारण कंपनी अपना मार्केट शेयर भी काफी बढ़ा चुकी है.
4. लोकल कंपनी से टक्कर:
शाओमी कंपनी ने अपने पहले साल में भारत में टॉप 10 स्मार्टफोन मेकर्स की लिस्ट में अपना नाम शामिल कर लिया था, लेकिन ये 7वें नंबर पर थी.
सोर्स blog.jana.com. 2015 में शाओमी की रैंकिंग
3% मार्केट शेयर वाली शाओमी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल थी भारतीय स्मार्टफोन मेकर्स को पीछे छोड़ना. 1 साल में कंपनी ने 8 मॉडल भारत में उतार दिए थे जिसमें एक आईपैड और 7 स्मार्टफोन शामिल थे. शाओमी के ये स्मार्टफोन्स मिड रेंज सेग्मेंट में माइक्रोमैक्स के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बने. कारण ये भी था क्योंकि माइक्रोमैक्स के लुक्स और डिजाइन से ज्यादा बेहतर शाओमी के स्मार्टफोन्स का लुक और डिजाइन था.
माइक्रोमैक्स भारत में इसलिए लोकप्रिय हुआ क्योंकि वो कई लोगों के लिए पहली बार स्मार्टफोन का एक्सपीरियंस सस्ते में लेकर आया था, लेकिन शाओमी के पास कम दाम वाले यूजर्स को लुभाने का एक नया तरीका था. अपने हैंडसेट को शाओमी ने काफी आकर्षक बना लिया और साथ ही साथ कम दाम और नए फीचर्स तो थे ही. शाओमी की सोशल मीडिया स्ट्रैटजी भी काफी काम आई जो भारतीयों को लुभावनी लगी.
IDC के हिसाब से भारतीय मार्केट में शाओमी की मौजूदा रैंकिग
अब आलम ये है कि शाओमी सैमसंग के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मेकिंग ब्रैंड है और ये देश में काफी लोकप्रिय है.
5. एक्सेसरीज का मायाजाल:
किसी भी कंपनी की एक्सेसरीज उसकी लोकप्रियता को बढ़ाने का काम करती हैं और यही शाओमी के साथ भी हुआ. कंपनी के यूएसबी LED लाइट, फैन और रिस्ट बैंड आदि बहुत लोकप्रिय हुए. फ्लैश सेल में शाओमी की स्ट्रैटजी रहती थी जिसमें कंपनी हर फ्लैश सेल के साथ कई एक्सेसरीज को 1 रुपए में बेचती थी. ये खास तौर पर फिटनेस बैंड के साथ किया गया था जहां 1000 रुपए वाला फिटनेस बैंड 1 रुपए में देने की बात की जाती थी. हालांकि, ये मेरी जान पहचान में तो किसी को नहीं मिला, लेकिन इसे पाने के लिए कोशिश सभी करते थे. अभी भी शाओमी ट्रैवल बैग और सेल्फी स्टिक जैसी एक्सेसरीज भी दे रही है. अब यही सोच लीजिए कि किसी टेक कंपनी के लिए सूटकेस बेचने का क्या मतलब होगा, ये सिर्फ ब्रैंड बढ़ाने की बात है. ठीक उसी तरह जैसे टाटा की गाड़ी हर कोई नहीं खरीद सकता, लेकिन टाटा नमक के हज़ारों खरीरदार हैं.
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