जब अनुपमा को शादी करके बच्चा ही चाहिए था, घर ही बसाना था तो इतनी लड़ाई क्यों लड़ी?
अनुज की कंपनी में पार्टनर रही अनुपमा उससे शादी के बाद मालकिन बनकर घर में बैठ गई है. वह अब एक बार फिर से वहीं आकर खड़ी हो गई है जहां कभी थी...वह फिर से रसोई में थेपला बना रही है.
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अनुपमा (Anupamaa) की जिंदगी में यह फिर से क्या ही हो रहा है, माने कुछ भी दिखाया जा रहा है. वही अनुपमा और फिर उसका वही उदास, तनावपूर्ण चेहरा...इस शो में इन दिनों नए ट्रैक को शामिल किया जा रहा है जो दर्शकों को पसंद नहीं आ रहा है. बा सुधर गईं तो परेशान करने भाभी आ गईं. जो अब अनुपमा का जीना हराम करने वाली हैं. मेकर्स को कौन समझाए कि अनुपमा टेंशन में रहेगी तो दर्शकों को भी अवसाद हो जाएगा.
बड़ी मुश्किल से तो अनुज कपाड़िया से अनुपमा जोशी की शादी हो पाई थी. अपनी 25 सालों की पहले वाली शादी में अनुपमा ने पहले ही काफी दुख और तकलीफें झेली थीं. वह तो अपना नाम तक भूल गई थी. वह वनराज से शादी करने के बाद सिर्फ मिसेज शाह बनकर रह गई थी. उसका सरनेम जोशी तो काफी समय पहले ही भुला दिया गया था. उसका सपना पढ़ने का था. उसका सपना अमेरिका जाकर डांस करने का था. उसे देशभर में अपने डांस का स्टेज शो करना था. वह शादी से पहले अनुज की कंपनी में पार्टनर थी और अब मालकिन बनकर घर में बैठ गई है. वह अब एक बार फिर से वहीं आकर खड़ी हो गई है जहां कभी थी...
अनुपमा को फिर से परेशान हैरान देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है
वह फिर से रसोई में थेपला बना रही है. वह अब ना स्कूल में पढ़ाती है, डांस एकेडमी जाती है ना ही वनराज के रेस्ट्रों में काम करती है. वह अब सिर्फ घर में रहती है. शादी के बाद नॉर्मल कपल कुछ दिन एंजॉय करते है लेकिन लगता है कि राजनशाही शो अपने मुद्दे से भटक रहा है. तभी तो हनीमून पर गए अनुज और अनुपमा अनाथ आश्रम बच्चा गोद लेने पहुंच जाते हैं. उसके बाद अनुपमा को परिवार की कमी लगती है. उसे पूरा घर भरा चाहिए. इस कमी को पूरा करने के लिए ना जाने कहां से अनुज के भइया-भाभी अमेरिका से टपक पड़ते हैं. वो भी एक बेटी और भाई के साथ.
माने एक अनुज-अनुपमा की अब गोद ली हुई एक बच्ची होगी और पूरा परिवार होगा. अनुपमा भाभी के लिए पैन केक बना रही है. अनुज के साथ उनकी सेवा कर रही है और जीके के लिए खिचड़ी बना रही है. कुल मिलाकर वही 25 साल पुरानी वाली अनुपमा की झलक दिख रही है. जो रसोई और परिवार की जिम्मेदारी के सामने अपने सपने एक बार फिर भूलने लगी है.
अनुपमा को फिर से परेशान हैरान देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. मेरा भी यही मानना है कि जब अनुपमा को यही सब करना था तो उसने समाज से अपने लिए इतनी लड़ाई ही क्यों लड़ी. खुद को आगे बढ़ने के बाद इसतरह पीछे कौन ढकेलता है. अब एक बार फिर अनुपमा बेटी को पालने में लग जाएगी. भाभी के भाई और भाभी की बेटी को संभालने में लग जाएगी. वह अपने नए परिवार के साथ बिजी हो जाएगी. ऊपर से पुराना ससुराल और पहले से तीन बच्चे एक बहू और होने वाला पोता या पोती तो हैं ही.
अब इतने सारे कामों के बीच कोई महिला खुद के लिए क्या ही कर पाएगी? फिर से वही रसोई और वही परिवार और वही अनुपमा...क्या औरत की जिंदगी में यही सब मायने रखता है? ऊपर से भाभी चाल चल रही है. मुझे तो अनुपमा का नया परिवार इस शो में बिल्कुल फिट नहीं लग रहा है. आपस में ही लव एंगल अलग दिखाया जा रहा है.
अब देखना है लोगों से मिले रिव्यू के बाद मेकर्स कुछ बदलाव करते हैं या इसी घिसी पिटी कहानी को आगे बढ़ाते हैं. लोग अब अनुपमा को और दुखी नहीं देखना चाहते हैं. वे उसे आगे बढ़ते देखना चाहते हैं. ताकि इस तरह की महिलाएं प्रेरणा ले सकें. दुखीहारी अनुपमा अब और नहीं प्लीजजजजजजजजजजजजजज...
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