Love Aajkal Review: ऐसी फिल्मों से दर्शकों को तंग करना अच्छी बात नहीं है इम्तियाज साहब!
Love Aajkal Review: इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) की फिल्म लव आजकल रिलीज़ हो गई है. कार्तिक आर्यन (Kartik Aryan) और सारा अली खान (Sara Ali Khan) फिल्म में हैं. लेकिन पर्दे के पीछे से निर्देशक इम्तियाज दर्शकों और फिल्म की स्क्रिप्ट दोनों के साथ इंसाफ कर पाने में नाकाम रहे हैं.
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Love Aajkal Review: इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) यूथ आइकॉन हैं. जब टैग ऐसा हो तो जाहिर है उनकी फ़िल्में भी युवाओं को समर्पित होंगी. इम्तियाज की लव आजकल (Love Aajkal 2020) रिलीज हो गई है. फिल्म में कार्तिक आर्यन (Kartik Aryan), सारा अली खान (Sara Ali Khan), आरूषि शर्मा, रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) जैसी स्टारकास्ट है. ऐसे सितारे होने के बावजूद इम्तियाज दर्शकों पर अपना जादू चलाने में नाकाम हुए हैं. कैसे? तो बता दें कि हफ्ते भर तमाम तरह का तनाव झेलने के बाद एक दर्शक को एक बढ़िया फिल्म का इंतजार रहता है. यूं तो बॉलीवुड में एक से एक डायरेक्टर हैं. मगर जब निर्देशक कोई और नहीं बल्कि इम्तियाज हो और जिसने सोचा ना था, जब वी मेट, लव आज कल, तमाशा, रॉकस्टार जैसी फ़िल्में बनाकर दर्शकों के बीच अपने को प्रूव किया हो. दर्शक भी इस बात को लेकर बेफिक्र होते हैं कि आगे कोई भी फिल्म बने वो निश्चित तौर पर अच्छी होगी. फिल्म लव आजकल का एक डायलॉग हैं जिसमें आंखों में ढेर सारे आंसू लिए सारा अली खान, कार्तिक आर्यन से कहती हैं कि - 'अब तुम मुझे तंग करने लगे हो.' यही हाल इस फिल्म का भी है. अपनी इस फिल्म से इम्तियाज ने दर्शकों के टिकट के अलावा पॉपकॉर्न/ कोल्ड ड्रिंक/ नाचोज/ मोमो के पैसे बर्बाद किये हैं. दो कहानियों को पर्दे पर चलाने के चक्कर में इम्तियाज किसी भी कहानी के साथ सही से इंसाफ नहीं कर पाए हैं. नतीजा ये निकला है कि एक अच्छी स्क्रिप्ट, एक उम्दा फिल्म बनते- बनते रह गई.
लव आजकल के जरिये आजकल का लव पर्दे पर नहीं दिखा पाए इम्तियाज
स्क्रीनप्ले, अभिनय, म्यूजिक और सिनेमेटोग्राफी को इम्तियाज की यूएसपी कहा जाता है. लेकिन जब हम 'लव आज कल (2020) को देखते हैं तो पता चलता है कि इम्तियाज अली ने अपनी ही यूएसपी के साथ गंभीर रूप से खिलवाड़ किया है. फिल्म में दो टाइम पीरियड 1990 और 2020 को लिया गया है जिसमें दो अलग प्रेम कहानियां, दो अलग जोड़ियां, दो अलग चुनौतियां दिखाई गई हैं. कुल मिलाकर कम समय में ज्यादा दिखाने के चक्कर में इम्तियाज कुछ जरूरी पक्षों पर काम करना भूल गए और नतीजे में एक भारी ब्लंडर हुआ.
फिल्म की कहानी में वीर (कार्तिक आर्यन) और जोइ (सारा अली खान) पहली नजर में एक दूसरे से पर मोहित हो उठते हैं. धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आते हैं. फिल्म में वीर के लिए प्यार को एक खूबसूरत एहसास के रूप में दिखाया गया है. जबकि जोइ एक ऐसी लड़की है जिसका पूरा फोकस अपने करियर पर है. उसको ये पता है कि उसे 5 साल बाद अपने को कहां देखना है और अपने गोल अचीव करने के लिए उसे क्या करना है. फिल्म में सारा अली खान को एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाते हुए दिखाया गया है. जिसे वो एक मुकाम पर ले जाना चाहती है. ये सब 2020 में हो रहा होता है.
वहीं जब हम 1990 की कहानी का रुख करते हैं तो वो पूरी थीम ही अलग है. रघु (कार्तिक) और लीना (आरुषि) एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और एक दूसरे को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने से परहेज नहीं करते हैं. दोनों साथ रह सकें इसलिए उन्हें अपने परिवार, करियर या किसी और चीज की कोई परवाह नहीं है. वो बस एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं. फिल्म में एक ऐसा मुकाम आता है जब दोनों कहानियों को एक दूसरे से टकराते हुए दिखाया गया है.
क्या रघु- लीना और वीर- जोइ की रिलेशनशिप कामयाब हो पाती है यही फिल्म की कहानी है और सारा फोकस भी इसी के इर्द गिर्द रखा गया है.
फिल्म से जुड़ी कुछ बेहद जरूरी बातें
अभिनय के लिहाज से कार्तिक आर्यन ने अपना बेस्ट देने की कोशिश की है. मगर चूंकि उनमें अपार संभावनाएं हैं साथ ही उनकी डायलॉग डिलीवरी कमाल की है तो वो इससे और बेहतर हो सकते थे. फिल्म में एक खूबसूरत चेहरे के रूप में इम्तियाज ने सारा अली खान को रखा तो है मगर जैसी फिल्म की स्क्रिप्ट थी उन्हें और से अपरिपक्व लगना था. सारा इंडस्ट्री में नई हैं और उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना है. ये बात फिल्म देखकर कोई भी बड़ी ही आसानी के साथ बता देगा. फिल्म में रणदीप हुड्डा और आरूषि शर्मा भी हैं जिन्होंने इम्तियाज की लाज रख ली है. दोनों ही कलाकार अपने कैरेक्टर के साथ पूरा इंसाफ करते नाजर आए हैं. कहा जा सकता है कि फिल्म में रणदीप को लाना इम्तियाज का एक समझदारी भरा निर्णय है जिसकी वाकई तारीफ होनी चाहिए.
जैसा कि हम बता चुके हैं पूर्व में इम्तियाज कई एक से बढ़कर एक फ़िल्में बना चुके हैं. मगर जब हम 'लव आज कल' को देख रहे हैं तो लग ही नहीं रहा है कि ये उसी इम्तियाज का काम है जिसने पहले अपने काम से दर्शकों को मोहित किया है. फिल्म के निर्देशन का शुमार फिल्म के सबसे कमजोर पक्षों में हैं. फिल्म में तमाम मौके ऐसे आए हैं जिनमें इम्तियाज ये बताने में नाकाम हैं कि वो जो दिखा रहे हैं आखिर वो उसे क्यों दिखा रहे हैं. फिल्म में कई सीन बेवजह फिट किये गए हैं जिनमें कहीं न कहीं निर्देशक की जल्दबाजी झलकती है.
संगीत और सिनेमेटोग्राफी किसी फिल्म की जान होती है और इन दोनों ही मामलों में भी इम्तियाज की ये फिल्म दर्शकों को अपनी तरफ खींचने में नाकाम रही है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि वो सिर्फ एडिटिंग ही है जिसने इस फिल्म की लाज रख ली वरना इसे ख़राब करने की इम्तियाज ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
फिल्म से दर्शक किस हद तक नाराज हैं इसे हम उन प्रतिक्रियाओं से भी समझ सकते हैं जो ट्विटर पर लगातार आ रही हैं. तमाम ऐसे दर्शक हैं जिनका मानना है कि इस फिल्म में देखने लायक शायद ही कोई चीज है.
People watching Love Aaj Kal in cinema hall pic.twitter.com/7QbPkCfDxA
— जॉन कबीर(Fauxy) (@rushtbhramin) February 14, 2020
दर्शकों के रिएक्शन से ये भी साफ़ है कि वो ये तक समझने में नाकाम रहे कि आखिर फिल्म में दिखाया क्या जा रहा है.
People after 10min who are watching #LoveAajKal in theatre :) pic.twitter.com/qOdORvFBCv
— A∂ityα (@Adi_7S) February 14, 2020
लोग ये तक कह रहे हैं कि इस फिल्म को बनाकर निर्देशक और एक्टर ने दर्शकों को सिर्फ कन्फ्यूज किया है.
A coufused film about confused people with confused performances made by a confused director. Kehna Kya Chahte Ho? Arey bhai, koi yeh confusion solve karega? #LoveAajKal
⭐.5 stars (1.5/5)
— Himesh (@HimeshMankad) February 14, 2020
दर्शकों को इम्तियाज से बहुत उम्मीद थी मगर जिस तरह उन्होंने दर्शकों का भरोसा तोड़ा है सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर बॉलीवुड अच्छी स्क्रिप्ट को एक अच्छी फिल्म बनाने में क्यों नाकाम होता है.
Audience looking for good story, plot, screenplay, entertainment in LoveAajKal. #LoveAajKalReview pic.twitter.com/Koe85vhqKf
— sanchi (@sanchi700) February 14, 2020
आने वाले दिनों में फिल्म कितनी कमाई कर पाती है? इसका जवाब हमें फिल्म के रिलीज होने के साथ मिल गया है. दिलचस्प बात ये भी है कि फिल्म को लेकर ये तक नहीं कहा जा रहा कि आप सिर्फ टाइम बिताने के लिए थियेटर चले जाइए. ध्यान रहे थियेटर में आदमी तनाव कम करने जाता है. लेकिन जैसी ये फिल्म है इसे देखकर एक दर्शक को माइग्रेन या फिर अवसाद जैसी बीमारियां जरूर हो सकती हैं जो कहीं से भी उसकी सेहत के लिए ठीक नहीं है.
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