Shikara Controversy : 'सच' से इतनी तकलीफ हुई कि फिल्म कोर्ट ले जाई गई!
जम्मू कश्मीर घाटी (Jammu And Kashmir) से कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) का विस्थापन दिखाने वाली निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) की फिल्म 'शिकारा: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' (Shikara: The Untold story) रिलीज से पहले ही जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट (Jammu Kashmir High Court) पहुंच गई है.
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90 के दशक में अलगाववादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को अपने ही घर से बेघर करना देश के इतिहास में एक काला धब्बा है. 90 के उस दौर में कश्मीरी मुस्लिम चरमपंथियों (Muslim Extremist) ने घाटी में रह रहे हिंदू परिवारों (Kashmiri Hindu) के साथ क्या सुलूक किया? कैसे मुश्किल हालात में जान बचाकर कश्मीरी हिंदुओं विशेषकर कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को अपना घर बार छोड़ना पड़ा अब तक ये चीजें हमने या तो सिर्फ सुनी हैं या केवल इन्हें किताबों के जरिये जाना गया है. चारों तरफ क़त्ल ओ गारत लिए हुए वो मंजर कितना खौफनाक होगा निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) की फिल्म शिकारा: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' (Shikara: The Untold story) उसकी एक बानगी भर है. करीब 13 साल बाद अपनी फिल्म शिकारा के जरिये बॉलीवुड में वापसी कर रहे डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की तरफ से परोसा गया सच लोगों को रास नहीं आ रहा है और फिल्म विवादों में आ गई है. फिल्म की रिलीज में कुछ ही घंटे बचे हैं ऐसे में एक वर्ग का जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट (Jammu Kashmir High Court )आना और फिल्म की रिलीज पर रोक (Shikara release ban) लगाने की मांग करना इस बात की पुष्टि करता नजर आ रहा है कि यदि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भीड़ जुटाने में कामयाब हुई तो इसकी एक बड़ी वजह फिल्म से जुड़े विवाद भी होंगे.
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा को लेकर यही माना जा रहा है कि इसने वो बज पैदा कर दिया है जो उम्मीद की जा रही थी
फिल्म समीक्षक तक इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जो संदेश इस फिल्म के जरिये निर्देशक देना चाहते थे, उसे जनता तक पहुंचाने में वो कामयाब हुए हैं. पीवीआर जुहू में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई है. फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान जैसा रवैया फिल्म के प्रति लोगों का रहा, विधु के काम की जमकर तारीफ हुई है और थियेटर में उपस्थित लोगों ने खड़े होकर इस फिल्म के लिए विधु का आभार प्रकट किया है.
Shikara received a standing ovation at the first public screening of the film in Mumbai
Shikara Screening3 Feb PVR Juhu#Shikara #ShikaraScreening #VidhuVinodChopra #Shikara @foxstarhindi pic.twitter.com/5e7o8V2JUD
— Vidhu Vinod Chopra Films (@VVCFilms) February 4, 2020
ज्ञात हो की अभी बीते दिनों ही फिल्म का टीजर लांच हुआ था. फिल्म का टीजर जारी करते हुए विधु ने बताया था कि 90 के दशक में कानून का मखौल उड़ाते हुए न सिर्फ कश्मीरी हिंदुओं की हत्या और उनके बलात्कार हुए बल्कि 4 लाख परिवार ऐसे भी थे जिन्होंने अपना घर छोड़ा.
In 1990, more than 4,00,000 Kashmiri Pandits were forced to leave their home. 30 years later, their story will finally be told.
Watch Shikara official teaser 2: https://t.co/ek6Cp2mV0K#HumWapasAayenge #Shikara #VidhuVinodChopra #Shikara @foxstarhindi pic.twitter.com/QHIsvXrbOI
— Vidhu Vinod Chopra Films (@VVCFilms) February 4, 2020
अपनी रिलीज से पहले ही फिल्म विवादों में है और अब मामला अदालत की क्षरण में है. कश्मीर के एक्टिविस्टों में शामिल माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और हाफिज लोन जैसे लोग फिल्म में दिखाई गई सच्चाई और बर्बरता को पचा पाने में नाकाम हैं और इन्होंने फिल्म को लेकर याचिका डाली है. जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट में डाली गई याचिका में फिल्म को बन करने की बात कही गई है.
Three people which includes Majid Hyderi, Iftikhar Misger and Irfan Hafiz Lone have moved J&K high court, seeking ban on upcoming bollywood movie ‘Shikara.’ The movie is set to release on Friday. #Kashmir pic.twitter.com/biLFVDtBhA
— Ieshan Wani (@Ieshan_W) February 4, 2020
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में दाखिल याचिका का अवलोकन किया जाए तो मिलता है इसमें 90 के दौरान घाटी में हुए उस नरसंहार का जिक्र करते हुए माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और हाफिज लोन जैसे लोगों ने घटना पर अपना दुःख प्रकट किया है. याचिका में कहा गया है कि 1990 में हथियारों से लैस कुछ बागियों ने भारत सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की जिसके परिणाम स्वरुप बहुत कुछ ऐसा भी देखने को मिला जो नहीं होना चाहिए था. याचिका में कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए नरसंहार और उनके पलायन की बात स्वीकारी गई है और ये भी कहा गया है कि कश्मीरी पंडितों का पलायन क्यों नहीं रोका गया इसके तब अपने कारण थे.
याचिका में ये भी जिक्र हुआ है कि तब कश्मीरी मुसलमानों और सिखों द्वारा कश्मीरी पंडितों के पलायन पर रोक लगाने के प्रयास हुए मगर तब के हालात ऐसे थे कि ज्यादातर मामलों में वो प्रयास नाकाम साबित हुए.
याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि फिल्म में फैक्ट और लॉजिक के ससाथ छेड़छाड़ हुई है और साथ ही इससे आम कश्मीरी आवाम की ये बर्बर तस्वीर दुनिया के सामने पेश की जा रही है जो घाटी के लोगों के लिए सही नहीं होगी इसलिए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए.
कोर्ट में दाखिल की गई इस याचिका का विधु विनोद चोपड़ा ने भी संज्ञान लिया है. विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स की तरफ से ट्वीट किया गया हुई कि उन्हें कुछ मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि फिल्म शिकारा द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित' की रिलीज के खिलाफ जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट में अर्जी डाली गई है. हमारे पास इस मामले की कोई अन्य जानकारी नहीं है और हमारे वकील हरीश साल्वे अदालत में अपना पक्ष रखेंगे.
We have just learnt from media sources that a petition has been filed in the Hon. J&K HC against the release of #Shikara . We have no other information about the matter. Our counsel #HarishSalve will take appropriate steps as may be required. @foxstarhindi #VidhuVinodChopra
— Vidhu Vinod Chopra Films (@VVCFilms) February 4, 2020
ध्यान रहे कि विधु विनोद चोपड़ा एक ऐसे वक़्त में अपनी फिल्म लेकर सामने आ रहे हैं जब जहां एक तरफ घाटी से धारा 370 और 35 ए हटाने जाने को लेकर सरकार विपक्ष की तीखी आलोचना झेल रही है तो वहीं नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ भी लोग सड़कों पर हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएए समर्थकों का ये तक मानना है कि जो आज नागरिकता की बात को लेकर सड़कों पर हैं ये लोग तब कहां थे जब कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं को अपने ही घर से निकाला जा रहा था और उनकी निर्मम हत्याएं की जा रही थीं.
गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब फिल्म ने सुर्खी बटोरी है. चर्चाओं का दौर तो उसी दिन से शुरू हो गया है जब इस फिल्म का पहला ट्रेलर आया था.
I am a Kashmiri Pandit who lost everything in 1990, while you were doing God knows what in Bombay. I am the writer of #shikara and I would not let anyone compromise on the Pandit story. I will not betray the memory of those who fell to the bullets of radical Islamists. https://t.co/YWbPtGQu8M
— Rahul Pandita (@rahulpandita) January 21, 2020
तब उस समय खुद फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर राहुल पंडिता ने फिल्म द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के, को-प्रोडूसर अशोक पंडित से इसे जाहिर किया था कि मैं खुद एक कश्मीरी पंडित हूं जिसने अपना सब कुछ 1990 में गंवा दिया था. पता नहीं तब आप बॉम्बे में क्या कर रहे थे मैं शिकारा की कहानी लिख रहा था. और मैं किसी को भी पंडितों की कहानी पर समझौता नहीं करने दूंगा. मैं उन लोगों की याददाश्त को धोखा नहीं दूंगा जो कट्टरपंथी इस्लामवादियों की गोलियों से छलनी हुए.
बहरहाल, अब जबकि फिल्म रिलीज होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. मामल पर कोर्ट क्या फैसला देता है? फिल्म टिकट विंडो पर भीड़ जुटा पाएगी या नहीं ? फिल्म हित होगी या फ्लॉप इन सभी सवालों के जवाब वक़्त की गर्त में छुपे हैं. फिल्म का वर्तमान और फिल्म से पहले के विवाद ने हमें इस बात का एहसास करा दिया है कि विंधु विनोद चोपड़ा शानदार वापसी करेंगे और उनकी ये फिल्म एक नए इतिहास का निर्माण करेगी.
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