करवा चौथ: पति से पहले पत्नी और परिवार की आयु लंबी करने वाला व्रत
करवा चौथ का व्रत और उसके आखिर में चंद्रमा दर्शन का महत्व जान लेंगे, तो इस त्योहार को लेकर बहस नहीं करेंगे.
-
Total Shares
इन दिनों एक बहस काफी चर्चित हो रही है. करवा चौथ का व्रत रखने से क्या वाकई पति की उम्र बढ़ती है? यदि ऐसा है तो पत्नियों की उम्र के लिए उनके पति क्यों नहीं रखते? कुलमिलाकर इस बहस का भाव यह है कि सिर्फ महिलाएं ही भूखा रहकर त्याग क्यों करें. जबकि इन मान्यताओं और परंपराओं के पीछे कोई तर्क नहीं है. तो ज्योतिष विज्ञान का अध्ययन करते-करते मैं इतना तो दावे के साथ कह सकता हूं कि करवा चौथ का व्रत निराधार नहीं है. इस विश्लेषण में मैं कुछ उन्हीं आधार को आपके सामने रखूंगा जो करवा चौथ के व्रत का महत्व रेखांकित करते हैं. करवा चौथ का व्रत महिलाएं क्यों करती हैं ये ज्यादातर लोग जानते हैं :
करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, ये व्रत सुहागिन महिलाएं मनाती हैं. ये व्रत सूर्योदय से पहले 4 बजे शुरू हो जाता है और रात में चंद्र दर्शन के बाद पूरा होता है. ऐसी मान्यता है कि पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं. दिनभर व्रत रख कर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करती हैं. करवा चौथ का व्रत 12 साल तक लगातार किया जाता है, इसके बाद उद्यापन किया जाता है. यदि सुहागिन महिलाएं चाहें तो जीवनभर इस व्रत को रख सकती हैं.
सरगी की परंपरा...
करवाचौथ के दिन सूर्योदय से पहले लगभग सुबह 4 बजे सरगी खाने की परंपरा है सास अपनी बहुओं को सरगी भेजती हैं सरगी में मिठाई, मेवे, मठरी खाई जाती है. कुछ इलाकों में प्रचलित परंपरा के अनुसार सास अपने बहु को सरगी में श्रृंगार की सामग्री भी भेजती हैं.
करवा चौथ, चंद्रमा और लंबी आयु का रिश्ता..
ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है. यानि चंद्रमा सीधे हमारे मन को प्रभावित करता है. महिलाओं का संबंध ज्योतिष में शुक्र ग्रह से माना गया है. ज्यादातर महिलाएं बहुत ही भावुक और कोमल मन की होती हैं. चंद्रमा और शुक्र ग्रह का प्रभाव महिलाओं में ज्यादा होता है. चंद्रमा की पूजा करने से हमारा मन मजबूत होता है और हम जीवन में सही फैसले कर पाते हैं. करवा चौथ के दिन व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करने से और अर्घ्य देने से महिलाओं को मानसिक शक्ति की प्राप्ति होती है. जिससे वो अपने जीवन को और अपने परिवार को ज्यादा खुशहाल रख सकती हैं.
व्रत करने से मन शुद्ध होता है और पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है. इसलिए करवा चौथ का व्रत रखने से सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को होता है. चंद्रमा की पूजा से मन की शक्ति बढ़ती है, सारी चिंताएं दूर हो जाती है. टेंशन फ्री होने से बहुत सारी बीमारियां नहीं होती हैं और आयु बढ़ती है. इसलिए यह माना जाना चाहिए कि पति की लंबी उम्र की कामना करने वाली महिलाओं की प्रार्थना का फायदा उनके पति को मिलता होगा, लेकिन इसका सबसे पहला लाभ व्रत करने वाली महिलाओं को ही मिलता है.
करवा चौथ व्रत का पारिवारिक रिश्तों की आयु पर असर :
करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं, उनका त्याग परिवार का हर सदस्य देखता है और महसूस करता है. सास अपनी बहू के लिए सरगी देती हैं. सास को खुशी होती है कि बहू ने उनके बेटे की लंबी आयु के लिए व्रत रखा है. सास-बहू के रिश्तों को लेकर आमतौर पर जो कटुता वाली भावना रहती है, उसे करवा चौथ का व्रत मिठास से भर देता है. सास दिनभर अपनी बहू की पूरी मदद करना चाहती है. ससुर, देवर, बच्चे सब इस त्योहार में शामिल रहते हैं. सारे परिवार के लोग चांद के निकलने का इंतजार करते हैं. आप ने लोगों को छत पर खड़े हुए देख होगा. बड़े बुजुर्ग कुर्सी लगाकर छत पर ही बैठ जाते हैं कि चांद के आते ही सब को सूचित करे दें. ताकि बिना देर किए महिलाएं अपना व्रत खोल सकें. पति को लगता है कि उसके लिए उसकी पत्नी से इतना कठिन व्रत रखा है, ऐसे में छोटी-मोटी अनबन को भूल कर उनका प्रेम भी उमड़ पड़ता है. वो खुशी-खुशी कुछ न कुछ गिफ्ट अपनी पत्नी को देना चाहता है. इस तरह से महिलाओं का ये त्याग उनकी दिनभर की तपस्या परिवार के छोटे-मोटे गिले-शिकवे यूं ही मिटा देता है. हर कोई सबकुछ भूल कर इस खुशी में शामिल हो जाना चाहता है. महिलाएं अपने व्रत रूपी त्याग से पूरे परिवार को प्रेम की माला में पिरो देती हैं. इस नजरिये से देखें तो करवाचौथ हमारे रिश्तों को और मजबूत करता है.
करवा चौथ पूजा का मुहूर्तपूजा का मुहूर्त शाम 6:20 से 7:28 तकदिल्ली में चांद निकलने का समय- 8:11 बजे
ये भी पढ़ें-
अर्थव्यवस्था के ढलान वाले दिनों में कोजागरा की रात लक्ष्मी पूजा
आपकी राय