धनतेरस: भारतीय घरों में मौजूद सोने का भंडार देखिए...
धनतेरस के मौके पर अगर सिर्फ सोने की ही बात करें तो भारत की जीडीपी का आधा सोना तो सिर्फ रिजर्व बैंक और भारतीय घरों में ही है. क्या आप इन आंकड़ों का अंदाजा लगा सकते हैं?
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धनतेरस के दिन सोना खरीदने की जो प्रथा सदियों से चली आ रही है उसके बारे में तो शायद आपको पता ही होगा. धन के देवता कुबेर और धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और घर में सुख समृद्धी पाने के लिए सोना खरीदने का रिवाज है. भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां हर साल 1000 टन से ज्यादा सोना आयात किया जाता है जो न जाने कितनी जगहों पर इस्तेमाल होता है. दुनिया के सबसे बड़े सोने के मार्केट्स में से एक है भारत. इस देश में आखिर घरों में कितना सोना है? कितना है बैंक में? और कितना सोना है उन मंदिरों के पास जिन्हें सबसे ज्यादा अमीर कहा जाता है.
धनतेरस के मौके पर अगर सिर्फ सोने की ही बात करें तो भारत की जीडीपी का आधा सोना तो सिर्फ रिजर्व बैंक और भारतीय घरों में ही है.
कितना सोना है भारतीय घरों में-
भारतीय घरों में कुल मिलाकर 23,000-24,000 टन सोना होगा. ये रिपोर्ट औसत आंकड़ों पर आधारित है. World Gold Council (WGC) की एक रिसर्च (2017 में रिपोर्ट आई थी) के आधार पर ये आंकड़े निकाले गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कम से कम 800 बिलियन डॉलर का सोना है. WGC ने भारतीय मार्केट की स्टडी की थी और ये आंकड़े सामने निकल कर आए हैं. इसमें अंतराष्ट्रीय कीमतों को जोड़ कर देखा गया है साथ ही 10% कस्टम ड्यूटी भी जोड़ी गई है. भारतीय मुद्रा में ये आंकड़ा बहुत ज्यादा होगा.
महिलाओं का सोना?
वैसे तो ये आंकड़े निकालना कि आखिर महिलाओं के पास कितना सोना है ये नामुमकिन ही है, लेकिन अगर औसत देखा जाए तो कुछ आंकड़े जरूर मिल जाएंगे. एक Quora पोस्ट के मुताबिक भारतीय महिलाओं के पास पूरी दुनिया का 11% सोना है.
भारतीय घरों में इतना सोना है कि वो पूरे अमेरिकी गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है
ये अमेरिका के पूरे गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है. 2011 में वॉल स्ट्रीट जर्नल की तरफ से एक ब्लॉग आया था जिसमें लिखा था कि भारतीय महिलाओं के पास करीब 600 बिलियन डॉलर का सोना है. इस ब्लॉग में कुछ अलग ही आंकड़ें सामने आए थे.
मई 2011 में सिटीग्रुप के एनालिस्ट टी.के.चंदिरान ने एक आंकड़ा निकाला था जिसमें लिखा था कि 15000 से लेकर 30000 टन तक सोना भारतीय घरों में हो सकता है. इसकी कीमत 743 बिलियन डॉलर होगी, लेकिन अगर 20% रीसेल वैल्यू को हटा दिया जाए तो भी ये 600 बिलियन डॉलर का आंकड़ा है. यानी 2017 की रिपोर्ट के आंकड़े सही हो सकते हैं जो कहते हैं कि भारत में 800 बिलियन डॉलर की रकम सोने के रूप में घरों में मौजूद है.
बैंकों को पास कितना सोना?
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का 10वां सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व वाला देश है. गोल्ड रिजर्व यानी बैंकों के पास कितना गोल्ड है. 557.7 टन सोना यहां है. ये पूरे विश्व के हिसाब से ये 6.3% है (गोल्ड रिजर्व के मामले में.)
अगर घरों में मौजूद आंकड़े को रिजर्व बैंक में मौजूद 557.7 टन सोने से जोड़ दिया जाए तो ये भारत की जीडीपी का आधा हिस्सा हो सकता है. यानी अगर सरकार सोने के इन्वेस्टमेंट ऑप्शन लोगों को ज्यादा बताती है तो शायद ये एक बेहतरीन तरीका हो सकता है एक सक्सेसफुल स्कीम का.
मंदिरों में कितना सोना?
भारतीय मंदिरों में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सोना है. इसकी संख्या 4000 टन है. यानी कुबेर का खजाना असल में भारत के भगवानों के पास ही है. ये सोने के सिक्के, चेन, गहने, सोने की ईठों के रूप में है.
अकेले पद्मनाभ मंदिर के पास 1300 टन सोना है
पद्मनाभ मंदिर केरल में जो है, यहां 1300 टन सोना है. इसकी कीमत 22 बिलियन डॉलर्स से भी ज्यादा है. इसके अलावा, श्री वैंकटेश मंदिर तिरुमाला में कैश और सोना जितना चढ़ता है उसके हिसाब से ये दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है. यहां हर महीने करीब 100 किलो और हर साल करीब 1.2 टन सोना चढ़ता है. वैष्णो देवी मंदिर में करीब 1.2 टन सोना है, सिद्धीविनायक में 160 किलो, शिरदी साईं नाथ मंदिर में 376 किलो सोना है. जगन्नाथ मंदिर (पुरी) में करीब 208 किलो सोना है. सोमनाथ मंदिर में करीब 35 किलो से ऊपर.
अब सोच लीजिए कि भारतीय मंदिर कितने अमीर हैं. यहां सिर्फ सोने की बात हो रही है. अगर इन मंदिर को मिलने वाले सभी चढ़ावे की बात की जाए तो आप सोच भी नहीं सकते ये मंदिर कितने अमीर हैं.
ये कैसा सोना?
धनतेरस पर सोने और चांदी के सिक्के जिसमें लक्ष्मी और गणेश बने हों वो तो खरीदना प्रथा है, लेकिन अगर बात की जाए सोना खरीदने के पैटर्न की तो भारत में बहुत कुछ बदल गया है. यहां अब सोने और चांदी के सिक्कों और ईटों पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई जा रही है. अब भगवान को मोदी ने रिप्लेस कर दिया है.
Gujarat: A jewellery shop in Surat is selling gold&silver bars with faces of PM Modi&former PM Atal Bihari Vajpayee engraved on them.A customer says,"Lord Laxmi&Ganesh are worshiped on every #Diwali &PM Modi is also like God to us.This year I'll buy these bars & worship Modi Ji." pic.twitter.com/aSyUuWjfXO
— ANI (@ANI) November 4, 2018
कुल मिलाकर भारत को सोने की चिड़िया अभी भी कहा जा सकता है. न तो यहां सोने की कमी है और न ही यहां के लोग सोने से कभी मुंह मोड़ पाएंगे. पर एक बात तो है कि यहां सोने को सिर्फ खरीदा जाता है और उसके गहने बनाए जाते हैं. भारत में जिस चीज़ की सबसे ज्यादा कमी है वो है सोने को निवेश के रूप में देखने की और इन्वेस्टमेंट की. गोल्ड बॉन्ड, इंटरनेशनल एक्सचेंज, गोल्ड लोन आदि के बारे में लोग जानते तो हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. यहां वही पारंपरिक तरीका अपनाया जाता है.
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