क्रेडिट कार्ड पेमेंट करते समय न करें ये गलती, चुकाना पड़ेगा ज्यादा पैसा!
मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) चुकाकर लोग अपना क्रेडिट कार्ड बिल दे देते हैं और लेट पेमेंट से भी बच जाते हैं, लेकिन बैंकों की ये सुविधा आसान और अच्छी तो लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये असल में MAD चुकाना कितना भारी पड़ सकता है?
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क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों से अक्सर ये बातें सुनी हैं कि उन्हें इसका कैल्कुलेशन समझ नहीं आता और इसके कारण उन्हें लगता है कि वो काफी ज्यादा पैसा चुका रहे हैं! जिनका क्रेडिट कार्ड का खर्च ज्यादा है और जिन्हें अक्सर इसका इस्तेमाल करना होता है उनके लिए ये काफी किफायती होता है क्योंकि न सिर्फ क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया जा सकता है, बल्कि आप आसानी से आज की जरूरत की चीज़ खरीदकर आने वाले समय में आराम से उसका बिल चुका सकते हैं.
पर क्या ये इतना ही सुविधाजनक होता है? असल में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों के साथ अक्सर ये होता है कि वो जरूरत से ज्यादा चीजें खरीद लेते हैं और जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तब यकीनन परेशानी होती है. अब पैसे तो पूरे दिए जा नहीं सकते, इसलिए लोग मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount due (MAD)) देकर ही अपना काम पूरा कर लेते हैं. बैंकों की ये सुविधा आसान और अच्छी तो लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये असल में MAD चुकाना कितना भारी पड़ सकता है?
एक ट्विटर यूजर ने क्रेडिट कार्ड के मिनिमम अमाउंट को पूरी तरह से समझाया.
Just realized:when you pay just minimum amount for your credit card. It takes 25 years to pay it completely
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How does it work?Banks have come up with a sugar coated sword, which allows you not to pay full amount but only minimum amount of your total payment of credit card
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How the minimum amount is decided.It's 5% of the total bill amount.Let's say for example your bill amount is 1,00,000 so 5,000 is your minimum amount.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
What happens to the remaining amount.So after paying 5,000 for the first month, the amount remains is 95,000 which is carry forwarded to next month.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How it is carry forwarded:As the grace period is up to 50 days, even if you delay payment by one day, you have to pay interest on it.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How much is the interest on the remaining amount:Based on your credit card type the interest is decided. Basically from 4% to 2% depending upon the value of credit card.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How is the value of credit card decided:Based on the limit, for lowest value card interest is higher and for high value card interest is low.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How much interest is added for next month:As you paid 5000 (minimum amount)95000 is remaining.4% of it is added as interest.So your interest becomes 3800, which is added to the amount.The amount becomes 98,800
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
So you paid only 1200 as principal from 5000 what you actually paid.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
As the amount for 2nd month is 98800, it's 5% will become the minimum which will be 4940.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
If you only pay 4940 for second month. The balance to pay is 93860.As this amount is carry forwarded for 3d month, 4% interest is applicable on it
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
For the 3rd month you amount to pay will be 93860 plus 4 % interest on it, which will be 4693 so total amount becomes 98553
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
We are seeing that the amount to pay is decreasing. Let's see some more facts
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
The interest rate is 4%, but this is for a month only, so interest per annum becomes 48%, which is higher than any emi,
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
Let's see the amount we paid, 1st month: 50002nd month: 4940Which equals: 9940.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
For the third month how much amount to be paid is remaining:98553 So you actually paid 1447 as principal and 8493 as interest to the bank
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
I did some calculations on when the amount becomes 0It took almost 300 months(25 years) still the amount was not 0
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
Now let's see how much interest we paid.So approximate calculation was: 3,00,000 were paid in total where principal was 1,00,000 and the remaining 2,00,000 was the interest
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
So the interest percentage comes to 66% which is highest interest given ever
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
How much is the interest on fresh purchase?The interest percentage is same and it is on pro rata basis i.e. only for the number of days before the billing you did the purchase
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
Share for good fortune.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
What advantage we have over non payment?Only 2:1: Your cibil score doesn't affect.2: late fees is not charged.
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 3, 2018
Some more addition to it. For 1 lakh, it takes 43 years, to repay with minimum amount due.Also the interest part is 316035 and principal is 1 lakh as usual. which is 3 times the value
— jagdish jojawar (@jagdishjojawar) March 5, 2018
ये ट्वीट्स वाकई बैंकों की असलियत समझा रही हैं. जिन लोगों को ये लगता है कि उनके बैंक चार्ज सिर्फ उन्हीं चीजों के लिए हैं जो उन्होंने खरीदीं हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मिनिमम ड्यू चुकाने के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं...
फायदे..
- इससे तुरंत पैसे देने की समस्या खत्म हो जाएगी. खास तौर पर लेट पेमेंट चार्ज नहीं लगेंगे.
- क्रेडिट कार्ड कंपनी कभी भी आपको डिफॉल्ट कस्टमर नहीं घोषित करेगी क्योंकि पेमेंट समय पर ही जाएगा.
- इससे सिबिल स्कोर भी खराब नहीं होगा, क्योंकि पेमेंट तो आप दे ही रहे हैं. अगर बिल का कुछ भी अमाउंट नहीं दिया जाता तो क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.
नुकसान..
- अगर मिनिमम ड्यू अमाउंट दिया जाता है तो इंट्रेस्ट फ्री पीरियड यूजर को नहीं मिलता. हर गुजरते महीने के साथ असल अमाउंट लगातार बढ़ता चला जाता है. अगर फुल पेमेंट की जाती है तो दो महीने का इंट्रेस्ट फ्री क्रेडिट पीरियड किसी भी यूजर को मिलता है! ये पीरियड तब नहीं मिलेगा जब मिनिमम ड्यू दिया जाए.
- भले ही आप लेट पेमेंट पेनल्टी से बच जाएं, लेकिन मिनिमम ड्यू के कारण क्रेडिट कार्ड इंट्रेस्ट से नहीं बच पाएंगे.
- बैंक लोन लेते समय कम इंट्रेस्ट पर पर्सनल लोन मिलने की गुंजाइश कम हो जाएगी क्योंकि आपका सिबिल स्कोर बहुत अच्छा नहीं रहेगा. लोन मिलने में भी मुश्किल होगी क्योंकि पहले से ही काफी कर्ज चल रहा है आपके ऊपर.
तो क्या किया जाए?
कोशिश करें कि हमेशा मिनिमम अमाउंट से ज्यादा पैसा चुकाएं. अगर पूरा एक बार में नहीं चुका सकते हैं तो भी मिनिमम ड्यू से ज्यादा ही देने की कोशिश करें. आप लगातार मिनिमम ड्यू दे सकते हैं, लेकिन इससे इंट्रेस्ट हमेशा बढ़ता रहेगा. इसे एक ऑप्शन की तरह ही देखें और लगातार मिनिमम ड्यू चुकाने की आदत बनाना गलत होगा. अगर किसी एक महीने ये किया जाए तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन अगर हर महीने ये हुआ तो यकीनन यूजर को नुकसान ही होगा.
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