1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्स के नियम
कुछ दिन बाद यानी 1 अप्रैल से इनकम टैक्स के नए नियम फॉलो होंगे. नए बजट में आयकर को लेकर सरकार ने कई बदलाव किए हैं.
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बजट 2017 में टैक्स के नियमों को लेकर जो भी बदलाव किए गए हैं वो अब 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं. इस साल के नियमों में किसी को राहत मिली है तो किसी के लिए शायद थोड़ी परेशानियां बढ़ी हैं. अब देखिए, सरकार ने इनकम टैक्स भरने के लिए आधार कार्ड जरूरी करने वाली बात पर भी विचार कर लिया है. पैन कार्ड के लिए भी आधार कार्ड को जरूरी कर दिया जाएगा, लेकिन सबसे पहले 1 अप्रैल से कौन से नए नियम बदलेंगे?
आधा हुआ टैक्स
1. 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक लगने वाला टैक्स आधा हो जाएगा. पहले जो टैक्स 10 फीसदी लगता था, अब वह सिर्फ 5 फीसदी लगेगा. हालांकि, 87ए के तहत मिलने वाली छूट 5000 रुपए से घटाकर 2,500 रुपए कर दी गई है और उन करदाताओं को कोई छूट नहीं मिलेगी, जिनकी आय 3.5 लाख रुपए से अधिक है. इस नियम के बाद कुल मिलाकर 12700 रुपए प्रति माह तक की एवरेज सेविंग हो सकेगी.
2. 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की आय वाले लोगों पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगेगा. मौजूदा समय में 1 करोड़ से अधिक की आय वालों पर लगने वाला 15 फीसदी का सरचार्ज वैसे ही लगता रहेगा. मतलब कि सुपररिच लोगों के लिए टैक्स और महंगा हो जाएगा.
टैक्स फॉर्म में बदलाव-
3. टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक साधारण सा एक पेज का फॉर्म आएगा. यह फॉर्म उन लोगों के लिए होगा जिनकी आय 5 लाख रुपए तक है. इसका मतलब अब फ्रेशर्स के लिए भी टैक्स भरने का प्रोसेस आरामदेह हो जाएगा.
4. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम के तहत किए गए निवेश पर 2018-19 असेसमेंट ईयर में छूट नहीं मिलेगी. यह स्कीम यूनियन बजट में वित्त वर्ष 2012-13 के लिए घोषित की गई थी. अगर किसी इंसान ने पहले से ही अपना डिडक्शन क्लेम किया है तो उसे अगले दो साल तक इसका फायदा मिलेगा, लेकिन 1 अप्रैल 2017 के बाद से इसके लिए अप्लाई भी नहीं किया जा सकेगा.
अघोषित आय के लिए नए नियम
5. अगर आयकर अधिकारियों को किसी की 50 लाख से अधिक की अघोषित आय का पता चलता है तो वह उसके पिछले 10 सालों तक के टैक्स रिकॉर्ड को खंगाल सकेगी. मौजूदा समय में आयकर अधिकारी सिर्फ 6 साल तक की जांच कर सकते हैं. जो करदाता अपना टैक्स समय पर जमा नहीं करेंगे, उन्हें असेसमेंट ईयर 2018-19 से 10,000 रुपए की पेनाल्टी देनी होगी.
6- किसी प्रॉपर्टी को लॉन्ग टर्म गेन की तरह माने जाने की अवधि को तीन साल से घटाकर 2 साल कर दिए जाएगा. इस तरह से अगर दो साल के अंदर कोई प्रॉपर्टी बिक जाती है तो आप टैक्स में फायदा पा सकेंगे. इससे होने वाले मुनाफे से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और उसी हिसाब से टैक्स लगेगा.
कर्जदाताओं पर टैक्स
7. सरकार ने उन फायदों को घटा दिया है जो फायदा कर्जदाता रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी से उठाते थे. मौजूदा नियम के अनुसार कोई कर्जदाता रेंट पर दी गई अपनी प्रॉपर्टी के होम लोन पर लगने वाले पूरे ब्याज को रेंट से हुई आय के साथ एडजस्ट कर सकते हैं, लेकिन अब रेंट से हुई आय का सिर्फ 2 लाख रुपए तक टैक्स में एडजस्ट किया जा सकेगा, बाकी का पैसा अगले 8 असेसमेंट ईयर तक कैरी फॉरवर्ड हो सकेगा.
प्रॉपर्टी का होल्डिंग पीरिय़ 3 साल से घटाकर 2 साल कर दिया गया है. इससे प्रॉपर्टी जिसे 2 साल पहले खरीदा गया था 20 प्रतिशत की घटी हुई दर से टैक्स दायरे के अंदर आएगी. इसके अलावा, कई तरह की कटौतियां भी होंगी जैसे रीइनवेस्टमेंट पर.
8- नेशनल पेंशन सिस्टम से एक हिस्सा निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार एनपीएस सब्सक्राइबर अपने कॉन्ट्रिब्यूशन का 25 फीसदी तक रिटायरमेंट से पहले निकाल सकता है, जबकि रिटायरमेंट पर 40 फीसदी तक की निकासी टैक्स फ्री होगी.
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