सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए साइकिल का बदला डिजाइन !
कांग्रेस और सपा के गठबंधन के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा ये कहना तो मुश्किल है बहरहाल ये तो तय है कि अब अलग-अलग गठजोड़ जरूर देखने मिल सकते हैं.
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यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए नई शुरुआत हुई है. अखिलेश यादव के हाथ पार्टी की पूरी कमान आ गई है. और दूसरा, तीस साल से इस सूबे की सत्ता से कोसों दूर कांग्रेस को उम्मीद की किरण नजर आ रही है. इस रिश्ते को तरोताजा करने के लिए सुना है कांग्रेस ने एक अनूठा आइडिया सुझाया है. ये विचार है अखिलेश यादव को हाल ही में मिली समाजवादी पार्टी की साइकिल को नया लुक देने का.
1. इटेलियन साइकिल : सबसे पहला आइडिया इटेलियन साइकिल का आया. सोनिया गांधी ने अखिलेश के लिए इटली से स्पेशल साइकिल मंगवाई. जिसे अखिलेश यादव ने देखते ही मना कर दिया. बच्चों वाली लग रही थी.
2. AC साइकिल: फिर राहुल ने सुझाई AC साइकिल, जिसमें उन्होंने खुद के लिए तो साइकिल में AC लगवाया और सोचा की अखिलेश इसे अपनी साइकिल में जोड़ देंगे. समाजवादी पार्टी ने इसे भी रिजेक्ट कर दिया.
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राहुल की AC साइकल
3. एडवांस साइकिल: कांग्रेस ने फिर समाजवादी पार्टी के लिए एडवांस साइकिल बनाई. जिसमें कांग्रेस ने खुद के लिए आगे वाला पहिया चुना.
4. जय-वीरू साइकिल: गठबंधन को बराबरी वाला दिखाने के लिए कांग्रेस ने जय-वीरू साइकिल का प्रपोजल दिया. जिसमें दोनों की सीट बराबर रखीं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसे भी रिजेक्ट कर दिया. एक चौथाई सीट पर लड़ रहे साझेदार को बराबरी का दर्जा कैसे दे सकते हैं.
5. बेबी सीट वाली साइकिल : कांग्रेस ने भले ही पार्टी के बराबर खड़े होने के लिए तरह-तरह की साइकिल बनाई हों. लेकिन आखिर में अखिलेश ने कांग्रेस को उसके लायक एक साइकिल सुझाई. जिसमें राहुल या कहें कांग्रेस के लिए आगे बेबी सीट बनाई है.
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गठबंधन को नया रूप देने में यह सभी विचार ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए और कड़वाहट फैलने लगी है. फिलहाल दोनों पार्टियां गठबंधन को फ्रेश फील देने के बजाए अपने टिकट बंटवारे से जूझ रही हैं. पहले नेता मान जाएं, चुनाव चिन्ह वे ही तो आगे लेकर जाएंगे.
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