Chocolate Day: जानू आज बेबी को चॉकलेट नहीं दे रहा तो इसके पीछे भी साइंस है!
Chocolate day: दिलबर जानू- बेबी को चॉकलेट देना तो चाहता है लेकिन उसे बचपन में मम्मी से मिली नसीहत याद आ जाती है. मम्मी ने बताया था कि चॉकलेट से दांत खराब होते हैं और इतिहास गवाह है खराब दांतों में बेबी-जानू दिलबर को न भाएगी.
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Rose Day, Propose Day उसके बाद Chocolate Day यानी Valentine's Week का तीसरा दिन. किसी भी आशिक से पूछ लीजिये. इसे लेकर जवाब यही मिलेगा कि इस वैलेंटाइन वाले पूरे हफ़्ते में सबसे इम्पॉर्टेन्ट दिन यही है. मतलब इस दिन की महत्ता तो कुछ ऐसी है कि बेचारे आशिक ने अगर गुर्दे बेच के, खून गिरवी रखकर पूरे हफ्ते गर्लसखी की सेवा की और वो गलती से इस दिन चॉकलेट ले जाना भूला तो सारा किया धरा बेकार. रोज, प्रपोज, टेडी, प्रॉमिस, आई लव यू, आई मिस यू सब एक तरफ. चॉकलेट एक तरफ. अपने आस पास देखिये. अपने दोस्तों, रिशरेदारों से बात कीजिये कई किस्से ऐसे मिलेंगे जिसमे ब्रेक अप की जिम्मेदार कत्थई काले या सफ़ेद रंग की चॉकलेट है. तो इसी क्रम में आज हम न केवल आपको इस बात से अवगत कराएंगे कि एक रिलेशनशिप में चॉकलेट का क्या महत्व होता है? बल्कि ये भी बताएंगे कि आखिर लड़के चॉकलेट का नाम सुनकर क्यों नाक भौं सिकोड़ते हैं.
अगर कट-टू-कट बात करें तो भले ही देश के लड़कों ने अपनी अपनी गर्ल फ्रेंड की हर इच्छा पूरी की हो. दोनों के बीच एक से एक और महंगे से महंगे गिफ्ट्स का एक्सचेंज हुआ हो, दोनों ने नई रिलीज मूवी के फर्स्ट डे फर्स्ट शो भी देखे हों लेकिन एक अदना सी चॉकलेट में ऐसा बहुत कुछ है जो रिश्तों की मिठास में कड़वाहट घोल देती है और उस स्थिति में नौबत रिलेशनशिप टूटने या सीधे कहें तो ब्रेक अप की आ जाती है.
लड़की चाहे जो भी हो शायद ही कोई होगी जिसे चॉकलेट नहीं पसंद हो
नहीं मजाक की बात हरगिज़ नहीं है. वो लड़कियों जो चॉकलेट को लेकर कुछ ज्यादा ही भावुक होती हैं जान लें. समझ लें इस बात को कि लड़के होते ही ऐसे हैं. हो जाती है गलतियां उनसे. भूल जाते हैं चॉकलेट देना लेकिन अगर उसकी कीमत ब्रेक अप है तो फिर ये एक ऐसा मुद्दा है जिसे यूएन में ले जाना चाहिए और तब तक मीटिंग्स, सेमिनार,डिस्कशन का दौर चलना चाहिए जब तक कोई परमानेंट सॉल्यूशन नहीं निकल आता.
चॉकलेट न दिए जाने को लेकर यूं तो हजारों हज़ार बातें हो सकती हैं. मगर देश की लड़कियों को जिनके दिलबर उन्हें जानू, बेबी, स्वीटी, स्वीटू कहकर संबोधित करते हैं. उन्हें इस छोटी सी बात को समझना चाहिए कि वो शख्स जिसने पिछले हफ्ते फ़लक से चांद सितारे तोड़ लाने की बात कही थी. अगर वो चॉकलेट नहीं दे रहा है तो इसे उसकी कंजूसी या इग्नोर करना न समझा जाए. हो सकता है कि आशिक के पास कुछ माकूल वजहें हों जिन्हें वो अपने महबूब के साथ शेयर न करना चाह रहा हो.
हो सकता है ये वाला पॉइंट थोड़ा विचलित कर दे. हम पर चॉकलेट और चॉकलेट डे विरोधी होने का स्टीकर लग जाए. लेकिन गुरु हम ये सब यूं ही नहीं कह रहे. अपने पास लॉजिक्स तो हैं ही साथ में रीजनिंग का भी पूरा पुलिंदा है. यूं तो गलतफहमी का जवाब सवा सौ साल पुराने हकीम लुकमान के पास भी नहीं है लेकिन फिर भी बताना बहुत जरूरी है कि अगर चॉकलेट डे के दिन आशिक अपनी जानू, बेबी, शोना को चॉकलेट नहीं दे रहा है तो इसका अहम कारण 'Health Reasons' हैं.
जानू, शोना, बेबी के लिए स्टोर पर चॉकलेट देखते ही आशिक को अपना बचपन और बचपन में मम्मी की कही वो बात याद आती है जिसमें चॉकलेट की डिमांड के वक़्त मम्मी ने लड़के को Cavity से अवगत कराते हुए बताया था कि चॉकलेट खाना गंदी बात है. अच्छे बच्चे चॉकलेट नहीं खाते. हर समय चॉकलेट खाने से Cavity हो जाती है. कीड़े लग जाते हैं फिर दांत सड़ जाते हैं.
अब आप ही बताइए क्या कोई आशिक चाहेगा कि चॉकलेट से जानू, बेबी, गुड्डी, शोना को कैविटी लगे. उसके दांत खराब हों सीधा जवाब है नहीं. तो अगर किसी जानू बेबी को चॉकलेट मिली तो अच्छी बात और जिसको नहीं मिली उसके लिए और अच्छी बात. आपका दिलबर वाक़ई आपको सच्चा प्यार करता है और उसे फिक्र भी है आपकी.
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