हेमा-धर्मेंद्र क्या? पति का पत्नी को वक़्त न देना, पत्नी के लिए राष्ट्र से बड़ी समस्या है
हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की शादी (Hema Malini-Dharmendra Marriage) को एक लम्बा वक़्त गुजर चुका है ऐसे में जो खुलासा हेमा ने अपने 72 वें जन्मदिन पर किया और बताया कि शादी के बाद धर्मेंद्र ने उन्हें वक़्त (Time) नहीं दिया किसी भी महिला के लिए एक ऐसी समस्या है जिसके आगे दुनिया की सभी समस्याएं बौनी नजर आएंगी.
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गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी घुसपैठ (Chinese Enroachment) से लेकर जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में पाकिस्तान (Pakistan) प्रायोजित आतंकवाद (Atankwad) तक और आईपीएल 2020 कौन जीतेगा (Winner of IPL 2020) से लेकर मिर्ज़ापुर सीजन 2 के अलावा बॉलीवुड के बॉयकॉट (Boycott Mirzapur Season 2) तक, इस कोरोना के दौर में हम आम भारतीयों की अपनी चिंताएं हैं. भले ही आलू, सेब से ज्यादा महंगा हो. अरहर की दाल की कीमतें आसमान छू रही हों पेट्रोल कभी 19 तो कभी 20 रह कर हम भारतीयों को बेवकूफ बनाए हुए हो लेकिन हमारा सेट एजेंडा और जीवन जीने का अपना एक अलग फंडा है. एक ऐसे वक्त में जब किसी फेमस ठेले पर बिकने वाले गोलगप्पे 10 के नहीं बल्कि 20 के 3 हुए हों गुजरे जमाने की एक्ट्रेस और ड्रीमगर्ल का ख़िलाब अपने नाम कर चुकीं हेमा मालिनी (Hema Malini) की समस्या और चिंता दोनों ही हमसे काफी अलग है. शादी के 40 साल बाद हेमा मालिनी ने खुलासा किया है कि धरम पाजी (Dharmendra) ने उन्हें ज्यादा वक्त नहीं दिया. मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हेमा इस बात को लेकर आहत हैं. बड़े दिल का परिचय देते हुए हेमा ने स्वीकार किया है कि धर्मेंद्र के साथ उन्हें जितना भी वक़्त मिला उसे उन्होंने भरपूर तरीके से एन्जॉय किया. ध्यान रहे कि हेमा और धर्मेंद्र की शादी को 40 से ज्यादा बसंत बीत चुके हैं ऐसे में हेमा का कहना कि धर्मेंद्र ने उन्हें ज्यादा वक्त नहीं दिया. कई मायनों में विचलित करता नजर आता है.
हेमा मालिनी ने जो बातें कहीं हैं उससे इतना तो साफ़ है कि उनकी समस्या गंभीर है
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि अभी बीते दिनों ही अपना 72 वां हैप्पी बर्थडे मनाने वाली हेमा ने तमाम मुद्दों को लेकर मीडिया से बात की उसी इवेंट में हेमा ने एक चैनल को इंटरव्यू दिया और बरसों से अपने सीने में दबाया ये राज बाहर निकाला. इंटरव्यू में हेमा से सवाल हुआ कि क्या वे अपनी जिंदगी से जुड़ी किसी चीज को बदलना चाहती हैं? सवाल मजेदार था लेकिन जो जवाब हेमा ने दिया शायद ही किसी ने उसपर कभी सोचा हो.
सवाल का जवाब देते हुए हेमा ने कहा कि'मुझे नहीं लगता कि मैं किसी चीज को बदलना चाहती हूं. मुझे धरमजी के साथ बिताने के लिए ज्यादा समय नहीं मिला. लेकिन ठीक है. हमने जो भी समय साथ बिताया, वह बेशकीमती था. हम 'ये क्यों नहीं किया?', 'वो क्यों नहीं किया?', 'आपको देरी क्यों हुई?' जैसी बातों में नहीं फंसे. मैंने अपना वक्त अपने प्यार से शिकायत करने में बर्बाद नहीं किया.'
ध्यान रहे कि इस जोड़ी का पहली बार एक दूसरे से आमना सामना 1965 में उस वक़्त हुआ जब दोनों ख्वाजा अहमद अब्ब्स की फ़िल्म 'आसमान महल' के प्रीमियर पर पहुंचे थे. धर्मेंद्र ने हेमा को देखा, हेमा ने धर्मेंद्र को देखा और यहीं पर दोनों को एकदूसरे से प्यार हो गया. फिर जब शोले आई तो इन दोनों ही कलाकारों का प्यार परवान चढ़ा और नतीजा ये निकला कि दोनों 21 अगस्त 1979 को हमेशा के लिए एक दूजे के हो गए.
धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे. उनका हंसता खेलता परिवार था. पत्नी प्रकाश कौर के साथ उनके दो बच्चे सनी देओल और बॉबी देओल थे ऐसे में हेमा को तमाम चुनैतियों का सामना करना पड़ा. शादी के बाद हेमा कभी धर्मेंद्र के घर नहीं गईं. ख़ुद हेमा का कहना है कि मैं किसी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहती थी. धरम जी ने मेरे और मेरी बेटियों के लिए लिए जो किया, मैं उसमें खुश हूं. उन्होंने एक पिता की भूमिका बखूबी निभाई. आज मैं काम करती हूं और अपनी डिग्निटी को मेंटेन करने में सक्षम हूं. क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी को आर्ट और कल्चर से जोड़ लिया है.
हेमा मालिनी भले ही आज एक सफल एक्ट्रेस, नेता और मां हों लेकिन जिस तरह शादी के करीब 40 साल बाद उन्होंने मीडिया के सामने मन की बात की है इसमें हर उस महिला का दर्द है जो किसी की पत्नी है लेकिन उसका पति पहले से शादीशुदा है. भले ही हमें हेमा की बातों में एक गहरी टीस दिख रही हो लेकिन जिस बात के लिए हेमा बधाई की पात्र हैं वो ये कि भले ही धर्मेंद्र पांच मिनट के लिए ही सही उनके पास आए हों उन्होंने उसकी शिकायत नहीं की और उस पल को जिया.
हो सकता है कि हेमा की समस्या को एक छोटी समस्या मानते हुए हम नकार दें. मगर जब हम इसे उनकी नजरों से देखेंगे तो तमाम थाना पुलिस कानून के बावजूद ये समस्या हेमा मालिनी के लिए एक ऐसी समस्या है जो हर मायनों में सभी समस्याओं से बड़ी है.
बात घर की है. परिवार की है. पति की है. पति के टाइम न देने की है. जो टाइम मिला उसे क्वालिटी टाइम में बदलने की है तो हम भी डंके की चोट पर इस बात को कहेंगे कि वाक़ई बहादुर हैं हेमा और इतनी बहादुर हैं कि अगर इस श्रेणी में कोई पुरुस्कार होता तो अवश्य ही उसे इनके नाम कर दिया जाता.
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