अक्षय तृतीया को लेकर बाजार गरम है, जी हां, पूरे देश में सोने चांदी से लेकर बर्तन, कपड़े, कार, मोटर, गाड़ी, बिल्डिंग, फ्लैट, हर चीज का बाजार सजा है. मार्केटिंग के मास्टर अपना अपना दिमाग लगा रहे हैं कि कैसे इस पावन पर्व को कैश किया जाए. कैसे अपने ब्रिक्री के टारगेट को डबल किया जाए, कैसे जनता की जेब से पैसा निकाला जाए, तरह-तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं.
आम जनता अक्षय तृतीया को बहुत अच्छे ढंग से मनाने का प्लान बना रही है. सब अपनी जेब के आधार पर खरीदारी की योजना पहले से तय कर रहे हैं, ऐसे में हम सबको ये अवश्य विचार करना चाहिए कि क्या अक्षय तृतीया सिर्फ खरीदारी का दिन है? क्या अक्षय तृतीया जैसे पावन पर्व को हम सिर्फ बाजार में घूमकर या फिर सोना-चांदी खरीदकर ही मना सकते हैं? जानते हैं कि कैसे मनाएं अक्षय तृतीया, कि सबसे बड़ा धन मिले-
क्या है अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय ना हो यानी जो कभी नष्ट ना हो, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका अनेकों गुना फल मिलता है. भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है. इस दिन बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश किया जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने परशुराम के रुप में अवतर अक्षय तृतीया के दिन ही लिया था. इसलिए परशुराम का जन्मउत्सव भी इसी दिन मनाया जाता है.
अक्षय तृतीया के दिन कैसे पाएं सबसे बड़ा धन
लोग अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदते हैं ऐसी परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन क्या अक्षय...
अक्षय तृतीया को लेकर बाजार गरम है, जी हां, पूरे देश में सोने चांदी से लेकर बर्तन, कपड़े, कार, मोटर, गाड़ी, बिल्डिंग, फ्लैट, हर चीज का बाजार सजा है. मार्केटिंग के मास्टर अपना अपना दिमाग लगा रहे हैं कि कैसे इस पावन पर्व को कैश किया जाए. कैसे अपने ब्रिक्री के टारगेट को डबल किया जाए, कैसे जनता की जेब से पैसा निकाला जाए, तरह-तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं.
आम जनता अक्षय तृतीया को बहुत अच्छे ढंग से मनाने का प्लान बना रही है. सब अपनी जेब के आधार पर खरीदारी की योजना पहले से तय कर रहे हैं, ऐसे में हम सबको ये अवश्य विचार करना चाहिए कि क्या अक्षय तृतीया सिर्फ खरीदारी का दिन है? क्या अक्षय तृतीया जैसे पावन पर्व को हम सिर्फ बाजार में घूमकर या फिर सोना-चांदी खरीदकर ही मना सकते हैं? जानते हैं कि कैसे मनाएं अक्षय तृतीया, कि सबसे बड़ा धन मिले-
क्या है अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय ना हो यानी जो कभी नष्ट ना हो, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उनका अनेकों गुना फल मिलता है. भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है. इस दिन बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश किया जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने परशुराम के रुप में अवतर अक्षय तृतीया के दिन ही लिया था. इसलिए परशुराम का जन्मउत्सव भी इसी दिन मनाया जाता है.
अक्षय तृतीया के दिन कैसे पाएं सबसे बड़ा धन
लोग अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदते हैं ऐसी परंपरा सदियों से चली आ रही है लेकिन क्या अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना या कोई और चीज खरीदना जरूरी है. जी नहीं, अक्षय तृतीया के दिन खरीदारी करने से कहीं ज्यादा महत्व दान करने का है. अक्षय तृतीया के दिन यदि आप दान करेंगे तो निश्चित रूप से आपके जीवन में पॉजीटिविटी बढ़ेगी, परेशानियों से लड़ने की ताकत मिलेगी और सुख-समृद्धि बढ़ेगी.
अपने घर में सुख-समृद्धि को बढ़ाने के लिए अक्षय तृतीय के दिन गरीबों को आटा, चावल, दाल, फल, सब्जियां दान करें. गर्मी से राहत के लिए गरीबों को जल पात्र, घड़ा, पानी वाले जग दान करें. यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहे तो हम हर प्रकार का धन अर्जित कर सकते हैं इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए अक्षय तृतीया के दिन गरीब बीमार लोगों को दवाईयों का दान करें. दवाईयों का दान करने से आपको विशेष पुण्य मिलेगा, गरीबों को मदद मिल जाएगी और उनके आशीर्वाद से आपको निरोगीकाया प्राप्त होगी.
इसलिए इस बार अक्षय तृतीया के दिन आगे बढ़कर दान करें अपने बच्चों के हाथों से दान कराएं आपको सुकून मिलेगा परिवार में खुशियां बढ़ेंगी और यही सबसे बड़ा धन है
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