होली के मौके पर पेश है सियासी जोगीरा. यूपी बिहार की इस विधा का मजा नहीं लिया तो होली के रंग फीके ही रहेंगें. तो आइए आनंद उठाएं नेता अभिनेता संग होली का.
भारत के यूपी और बिहार जैसे राज्यों में ‘फगुआ’ गाकर होली मनाई जाती है, जिसमें एक विशेष प्रकार की लय में ‘जोगीरा’ गाए जाते हैं. जोगीरा, दोहे जैसी लय में बंधा होता है. इसका विषय व्यक्ति से लेकर विश्व तक कुछ भी हो सकता है. जब जोगीरा खत्म होता है, तो उसके अंत में ‘जोगीरा सारारारा….’ का एक लंबा आलाप दिया जाता है.
इसकी ख़ास बात यह है कि इसका कथ्य कुछ भी हो, उसमें चुटीला व्यंग्य जरूर मौजूद रहता है. इस कारण होली में जोगीरे की बहुत लोकप्रिय हैं. इस बार होली पर माहौल रंगीन भी है और चुनावी भी, तो ये जोगीरे सियासी रंग में रंगे हुए हैं.
* राहुल बाबा कनखी मारें, मोदी दें मुस्कान
राजनीति का कैसा ये रण, जनता है हैरान
जोगीरा सारारारा रा...
* राफेल राफेल कर-करके, जीभ गयी है सूज
खुद के ही दामों से अब तो, खुद राहुल कन्फ्यूज
जोगीरा सारारारा रा...
* दादी वाली साड़ी पहनी, सैट कर लिए बाल
कुछ भी करके गल जाए बस, लोकसभा की दाल
जोगीरा सारारारा रा...
* राहुल बाबा अकड़ के बोले, चोर है चौकीदार
‘मैं भी चौकीदार’ की फिर तो, गूँज उठी हुंकार
जोगीरा सारारारा रा...
भारत के यूपी और बिहार जैसे राज्यों में ‘फगुआ’ गाकर होली मनाई जाती है, जिसमें एक विशेष प्रकार की लय में ‘जोगीरा’ गाए जाते हैं. जोगीरा, दोहे जैसी लय में बंधा होता है. इसका विषय व्यक्ति से लेकर विश्व तक कुछ भी हो सकता है. जब जोगीरा खत्म होता है, तो उसके अंत में ‘जोगीरा सारारारा….’ का एक लंबा आलाप दिया जाता है.
इसकी ख़ास बात यह है कि इसका कथ्य कुछ भी हो, उसमें चुटीला व्यंग्य जरूर मौजूद रहता है. इस कारण होली में जोगीरे की बहुत लोकप्रिय हैं. इस बार होली पर माहौल रंगीन भी है और चुनावी भी, तो ये जोगीरे सियासी रंग में रंगे हुए हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.