क्या आपने कभी सोचा है कि देवी-देवताओं की जो तस्वीरें हम आज अपने घर की दिवारों पर टंगे कैलेंडर या कहीं और देखते हैं उसकी कल्पना किसने की होगी. कहना मुश्किल है. लेकिन ये सच है कि समय के साथ इन कल्पनाओं को नई शक्ल मिली. अब स्मार्टफोन और सेल्फी का जमाना है. तो क्या बुरा है अगर हमारे भगवान भी इसके साथ नजर आएं.
वैसे जरा सोचिए! क्या होता अगर त्रेतायुग या द्वापरयुग में भी स्मार्टफोन होते? जिस तरह हमारे जेनरेशन के लोग हर गली मोहल्लों, मॉल, बाजार में हाथ फैला कर सेल्फी लेते है, अगर यही क्रेज हमारे देवी-देवताओं में भी होता तो? जवाब पुणे की 24 साल की अद्रिता दास की ये पेंटिंग्स दे रही हैं.
अद्रिता ने इसके लिए फोटोशॉप का सहारा लिया. अगर बात-बात पर आपकी भावनाएं आहत नहीं होतीं तो इन तस्वीरों को देखकर आप भी मुस्कुरा देंगे.
राधे-कृष्ण और सेल्फी |
सिया के राम और सेल्फी |
महाभारत... क्या आपने कभी सोचा है कि देवी-देवताओं की जो तस्वीरें हम आज अपने घर की दिवारों पर टंगे कैलेंडर या कहीं और देखते हैं उसकी कल्पना किसने की होगी. कहना मुश्किल है. लेकिन ये सच है कि समय के साथ इन कल्पनाओं को नई शक्ल मिली. अब स्मार्टफोन और सेल्फी का जमाना है. तो क्या बुरा है अगर हमारे भगवान भी इसके साथ नजर आएं. वैसे जरा सोचिए! क्या होता अगर त्रेतायुग या द्वापरयुग में भी स्मार्टफोन होते? जिस तरह हमारे जेनरेशन के लोग हर गली मोहल्लों, मॉल, बाजार में हाथ फैला कर सेल्फी लेते है, अगर यही क्रेज हमारे देवी-देवताओं में भी होता तो? जवाब पुणे की 24 साल की अद्रिता दास की ये पेंटिंग्स दे रही हैं. अद्रिता ने इसके लिए फोटोशॉप का सहारा लिया. अगर बात-बात पर आपकी भावनाएं आहत नहीं होतीं तो इन तस्वीरों को देखकर आप भी मुस्कुरा देंगे.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |