मैं एक नास्तिक हूं, लेकिन यदि मुझे अपना धर्म चुनना होता तो मैं हिंदुत्व को चुनता. ऐसा इसलिए क्योंकि बाकी धर्मों में जहां एक ही भगवान हैं वहीं हिंदुत्व में 33 करोड़ भगवान हैं. इसलिए आप उस भगवान को अपने 'इष्ट देव' के रूप में चुन सकते हैं जो आपके स्वभाव के अनुकूल हों.
अगर आप ड्रग और शराब के शौकीन हैं तो आप भगवान शिव (उन्हें भांग, धतूरा इत्यादि का शौकीन कहा जाता है) को चुन सकते हैं. अगर आप कई महिलाओं को पसंद करते हैं तो आप भगवान कृष्ण (वृंदावन की गोपियां उनकी दीवानी थीं और कहा जाता है कि उन्होंने 16 हजार महिलाओं से विवाह किया था) को चुन सकते हैं, लेकिन अगर आप एक ही औरत के प्रति समर्पित हैं, जोकि आपको होना चाहिए ('एक ही नारी सदा ब्रह्मचारी, जैसा कि मैं कोर्ट में दो शादियों के मामलों के सुलझाने के दौरान कहा करता था) तो आप को राम को चुनना चाहिए.
आप हाथी के सिर वाले (गणेश) को चुन सकते हैं, या एक बंदर (हनुमान) या यहां तक कि सुअर के सिर वाले भगवान (वराह देवता) को भी चुन सकते हैं. आप चार सिर वाले भगवान (ब्रह्मा) को भी चुन सकते हैं, हालांकि दुखद है कि उनके काफी कम भक्त हैं और उनके सम्मान में भारत में एक ही मंदिर है (अजमेर के पास पुष्कर में.) आप काली या मुरुगन जिसकी भी चाहें, पूजा कर सकते हैं. या आप मेरी तरह एक नास्तिक भी हो सकते है, सभी पवित्र किताबों को मूर्खतापूर्ण घोषित करने और सभी धर्मों को ही अंधविश्वास और झूठा घोषित कर देने के बावजूद भी मैं हिंदू हूं.
हरि ऊं
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