मुसलमानों के लिए हज जाना बड़े फक्र की बात होती है और हो भी क्यों न अपने धर्म के धार्मिक स्थल पर जाकर अल्लाह से प्राथर्ना करना बहुत ही सुखद अनुभव होता है. पर इस सुखद अनुभव को कई महिलाएं सिर्फ इसलिए नहीं ले पाती थीं क्योंकि उनके साथ जाने के लिए कोई पुरुष नहीं होता था. लेकिन अब जमाने के साथ-साथ नियम भी बदल रहे हैं.
पहली बार हज कमेटी ऑफ इंडिया ने सऊदी सरकार के द्वारा दी गई छूट का फायदा उठाया है. साऊदी सरकार ने कुछ समय पहले महिलाओं को अकेले हज पर जाने की इजाजत दे दी थी बशर्ते उनकी उम्र 45 साल के ऊपर हो. ऐसी महिलाएं बिना पुरुष रिश्तेदार के भी हज जा सकती हैं. इसके पहले ये नियम नहीं था और किसी भी महिला को पुरुष रिश्तेदार के साथ ही हज जाना होता था.
भारत से पहली बार हज के लिए सिर्फ महिलाओं का दस्ता जा रहा है. महाराष्ट्रा की 16 महिलाओं को हज कमेटी ने अकेले सऊदी जाकर हज करने की इजाजत दे दी है.
62 साल की शमशादबाई इजराइल सईद भी इस ग्रुप का हिस्सा हैं. उन्होंने इस साल अपने पति के साथ हज जाने की प्लानिंग की थी, लेकिन उनके पति की अकसमात मृत्यू के बाद उन्हें जाने नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने सोचा कि उनका बेटा उन्हें लेकर जाएगा, लेकिन नियमों के आसान हो जाने के बाद शमशादबाई खुद ही अन्य चार महिलाओं के साथ जा रही हैं. शमशादबाई की बहू का कहना है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि आखिर समाज के लोग इसे क्या कहेंगे, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी भी है कि आने वाले समय में उनकी सासू मां समाज की अन्य महिलाओं के लिए रास्ते खोलेंगी.
इस दस्ते में मौजूद अन्य महिलाएं जो हज के लिए जा रही हैं वो पहली बार ही एक दूसरे से मिलीं. मीटिंग हज यात्रा से पहले हुई है. इसके बाद महिलाओं को हज...
मुसलमानों के लिए हज जाना बड़े फक्र की बात होती है और हो भी क्यों न अपने धर्म के धार्मिक स्थल पर जाकर अल्लाह से प्राथर्ना करना बहुत ही सुखद अनुभव होता है. पर इस सुखद अनुभव को कई महिलाएं सिर्फ इसलिए नहीं ले पाती थीं क्योंकि उनके साथ जाने के लिए कोई पुरुष नहीं होता था. लेकिन अब जमाने के साथ-साथ नियम भी बदल रहे हैं.
पहली बार हज कमेटी ऑफ इंडिया ने सऊदी सरकार के द्वारा दी गई छूट का फायदा उठाया है. साऊदी सरकार ने कुछ समय पहले महिलाओं को अकेले हज पर जाने की इजाजत दे दी थी बशर्ते उनकी उम्र 45 साल के ऊपर हो. ऐसी महिलाएं बिना पुरुष रिश्तेदार के भी हज जा सकती हैं. इसके पहले ये नियम नहीं था और किसी भी महिला को पुरुष रिश्तेदार के साथ ही हज जाना होता था.
भारत से पहली बार हज के लिए सिर्फ महिलाओं का दस्ता जा रहा है. महाराष्ट्रा की 16 महिलाओं को हज कमेटी ने अकेले सऊदी जाकर हज करने की इजाजत दे दी है.
62 साल की शमशादबाई इजराइल सईद भी इस ग्रुप का हिस्सा हैं. उन्होंने इस साल अपने पति के साथ हज जाने की प्लानिंग की थी, लेकिन उनके पति की अकसमात मृत्यू के बाद उन्हें जाने नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने सोचा कि उनका बेटा उन्हें लेकर जाएगा, लेकिन नियमों के आसान हो जाने के बाद शमशादबाई खुद ही अन्य चार महिलाओं के साथ जा रही हैं. शमशादबाई की बहू का कहना है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि आखिर समाज के लोग इसे क्या कहेंगे, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी भी है कि आने वाले समय में उनकी सासू मां समाज की अन्य महिलाओं के लिए रास्ते खोलेंगी.
इस दस्ते में मौजूद अन्य महिलाएं जो हज के लिए जा रही हैं वो पहली बार ही एक दूसरे से मिलीं. मीटिंग हज यात्रा से पहले हुई है. इसके बाद महिलाओं को हज के लिए रवाना होना है. इसके पहले अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नक्वी का कहना है कि ये फैसला एक अनोखा फैसला है.
आज़ादी के बाद पहली बार इस साल 1,75,025 भारतीय हज यात्रा पर जा रहे हैं. इसमें से 47 प्रतिशत महिलाएं हैं.
वैसे तो सऊदी सरकार ने अपने देश में महिलाओं की आज़ादी के लिए काफी नए नियम बनाए हैं, लेकिन ये एक ऐसा नियम है जिससे सारी दुनिया की मुस्लिम महिलाओं को बेहतर विकल्प मिलेंगे. हज जाना और अपने ईष्ठ से प्राथर्ना करने का हक कई महिलाओं से सिर्फ इसलिए छिन जाता था क्योंकि हज जाने के लिए उनके साथ कोई पुरुष नहीं होता था.
भारत में भी ये नियम लागू करके यहां रहने वाली मुसलमान महिलाओं की जिंदगी को थोड़ा और आसान बनाया गया है. यकीनन शमशादबाई जैसी कई ऐसी महिलाएं हैं जो किसी न किसी कारण से किसी पुरुष रिश्तेदार के साथ हज नहीं जा पातीं. मगर अब ऐसा नहीं होगा. भारत सरकार की ये पहल यकीनन कई लोगों के लिए खुशी की सौगात लाएगी.
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