घरेलू नुस्खे आजमाने वाले लोग हमेशा ये दावा करते हैं कि ये सब कुछ मॉर्डन दवाइयों से बेहतर हैं. यकीनन कुछ नुस्खे काम भी करते हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ये धीमे होते हैं और कई तो सिर्फ मिथक होते हैं और उनका काम कुछ नहीं होता. जैसे कुछ साल पहले भारत में लोगों ने दोनों हाथों के नाखून आपस में रगड़ना शुरू कर दिया था और ये कहा जाता था कि इससे बहुत फायदा होगा और बाल बढ़ेंगे. पर्सनल रिव्यू दूं तो इससे कोई असर नहीं हुआ. ये सिर्फ मन को तसल्ली देते हैं. कई ऐसे नुस्खे हैं जो असल में काम नहीं करते. आज बात करते हैं ऐसे ही पांच नुस्खों की जिन्हें लोग मानते तो हैं, लेकिन वो असल में काम नहीं करते.
1. कैस्टर ऑयल प्रेग्नेंसी को जल्दी निपटा देता है..
कैस्टर ऑयल बालों के लिए फायदेमंद है. हां, बिलकुल है. इसे कॉन्सटिपेशन के समय पिया जा सकता है, हां लोग पीते हैं. इससे कोई फर्क पड़ता है? सिर्फ अपच सही होगी और इसका टेस्ट बहुत बुरा होगा. क्या ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जल्दी और नॉर्मल डिलिवरी की गारंटी है? नहीं बिलकुल नहीं. न तो इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को कोई फायदा होता है और न ही उन्हें जल्दी बच्चा पैदा होता है. कई बार महिलाएं प्रेग्नेंसी के आखिरी वक्त में वो दुनिया भर की चीज़ें इस्तेमाल कर लेती हैं ताकि उन्हें जल्दी और नॉर्मल डिलिवरी हो सके, लेकिन ये सही नहीं है. ऑब्सटेट्रिशियन (बच्चा पैदा करवाने वाला डॉक्टर) डॉक्टर यामागुची का कहना है कि ये बिलकुल सही नहीं है और कैस्टर ऑयल तो यकीनन कोई असर नहीं डालता.
2. अर्थराइटिस के लिए कॉपर ब्रेसलेट..
ये एक पुरानी तरकीब है और...
घरेलू नुस्खे आजमाने वाले लोग हमेशा ये दावा करते हैं कि ये सब कुछ मॉर्डन दवाइयों से बेहतर हैं. यकीनन कुछ नुस्खे काम भी करते हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ये धीमे होते हैं और कई तो सिर्फ मिथक होते हैं और उनका काम कुछ नहीं होता. जैसे कुछ साल पहले भारत में लोगों ने दोनों हाथों के नाखून आपस में रगड़ना शुरू कर दिया था और ये कहा जाता था कि इससे बहुत फायदा होगा और बाल बढ़ेंगे. पर्सनल रिव्यू दूं तो इससे कोई असर नहीं हुआ. ये सिर्फ मन को तसल्ली देते हैं. कई ऐसे नुस्खे हैं जो असल में काम नहीं करते. आज बात करते हैं ऐसे ही पांच नुस्खों की जिन्हें लोग मानते तो हैं, लेकिन वो असल में काम नहीं करते.
1. कैस्टर ऑयल प्रेग्नेंसी को जल्दी निपटा देता है..
कैस्टर ऑयल बालों के लिए फायदेमंद है. हां, बिलकुल है. इसे कॉन्सटिपेशन के समय पिया जा सकता है, हां लोग पीते हैं. इससे कोई फर्क पड़ता है? सिर्फ अपच सही होगी और इसका टेस्ट बहुत बुरा होगा. क्या ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जल्दी और नॉर्मल डिलिवरी की गारंटी है? नहीं बिलकुल नहीं. न तो इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को कोई फायदा होता है और न ही उन्हें जल्दी बच्चा पैदा होता है. कई बार महिलाएं प्रेग्नेंसी के आखिरी वक्त में वो दुनिया भर की चीज़ें इस्तेमाल कर लेती हैं ताकि उन्हें जल्दी और नॉर्मल डिलिवरी हो सके, लेकिन ये सही नहीं है. ऑब्सटेट्रिशियन (बच्चा पैदा करवाने वाला डॉक्टर) डॉक्टर यामागुची का कहना है कि ये बिलकुल सही नहीं है और कैस्टर ऑयल तो यकीनन कोई असर नहीं डालता.
2. अर्थराइटिस के लिए कॉपर ब्रेसलेट..
ये एक पुरानी तरकीब है और इसे अक्सर अचूक माना जाता है. तांबे का ब्रेसलेट या कई लोग मैग्नेटिक ब्रेसलेट भी पहनते हैं और इसे अर्थराइटिस (हड्डियों की एक बीमारी) के लिए अचूक माना जाता है और ये नया नहीं बल्कि बेहद पुराना इलाज माना जाता है. पर अगर सच्चाई देखें तो भले ही ये कितना भी सही लगे ये है नहीं. ये मेरी राय नहीं बल्कि वैज्ञानिक रिसर्च की रिपोर्ट है.
2013 में यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च बताती है कि ऐसा कुछ नहीं होता. ये अर्थराइटिस के 70 अलग-अलग मरीजों पर की गई रिसर्च के बाद निष्कर्ष निकाला गया है. placebo (थेरिपी के तौर पर ली जाने वाली दवाई, इंसर्ट इंजेक्शन (जिसे दवा के रूप में लिया मुंह से निगला जाए), सर्जरी या अन्य तरीके) जितना असर करता है उतना कॉपर ब्रेसलेट नहीं कर सकता. भले ही ये पहना जाए या नहीं दर्द में कुछ असर नहीं होगा. हां मानसिक तौर पर लोगों को लग सकता है कि असर हो रहा है पर असल में ये कुछ नहीं कर सकता.
3. जले हुए पर घी या मक्खन लगाना..
ये नानी या दादी को करते देखा होगा आपने, अगर नहीं देखा तो भी मैं बता दूं कि ये बहुत लोकप्रिय है. कहीं जल गया है तो उसपर घी या मक्खन लगाने की सलाह तो दी जाती है, लेकिन अगर साइंस की बात करें तो जली हुई खाल पर ये नुकसानदेह भी साबित हो सकता है. पहली बात तो जहां जल जाता है वहां स्किन का टेंप्रेचर थोड़ा ज्यादा होता है जिससे मक्खन या घी के पिघलने की गुंजाइश होती है. दूसरी बात ये कि इनका ग्रीसी टेक्सचर यानी चिकनाई स्किन को आसानी से ठंडा होने नहीं देती. ऐसे में स्किन को ज्यादा नुकसान हो सकता है. दोनों में ही बैक्टीरिया होता है जिसका असर जले हुए घाव में पड़ सकता है.
4. कहवा एंग्जाइटी और डिप्रेशन कम करने में बेहतर है..
कश्मीरी कहवा या कावा असल में कई लोगों द्वारा एंग्जाइटी और डिप्रेशन की दवा माना जाता है, इसे चाय के रूप में लेने की प्रथा बहुत प्रचलन में है. असल में ये एक तरह की बूटी है जो पेसिफिक आइलैंड्स में भी पाई जाती है. काला एंग्जाइटी में कितना असर करता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये दिमाग के कुछ हिस्सों में और सेंट्रल नर्वस सिस्टम में असर डालता है. इसका कारण है कावा-लैक्टोन्स जो इस बूटी में पाए जाते हैं और दिमाग पर असर डालने वाली कोई भी चीज़ कितनी अच्छी हो सकती है? जैसा असर नींद की दवाएं करती हैं उससे थोड़ा कम लेकिन लगभग वैसा ही असर हो सकता है.
कहवा का सबसे खराब असर ये है कि जितना लगता है ये सेहत के लिए उतना अच्छा नहीं है. कई रिसर्च पाती हैं कि कहवा असल में लिवर के लिए नुकसानदेह है. यहां तक कि ये यूरोप और कनाडा के कई हिस्सों में बैन भी है.
5. काले अंडरआर्म्स को गोरा करना..
अंडरआर्म्स को गोरा करने का एक सबसे अचूक नुस्खा माना जाता है उनमें आलू रगड़ना. काले अंडरआर्म्स में आलू को किस कर या फिर पतला काटकर रगड़िए और गोरा करिए. यूट्यूब पर कई वीडियो भी मिल जाएंगे इस बारे में और एक गूगल सर्च कर ऐसे कई तरीके देख सकते हैं जिनमें बेकिंग सोडा और नींबू का रस अंडरआर्म्स में रगड़ने से उन्हें गोरा करने का तरीका मिल जाएगा.
पहली बात तो ऐसा महीने भर करने के बाद भी कोई खास रिजल्ट नहीं मिलता अब इसे कितने महीनों तक करना पड़ेगा ये नहीं पता. दूसरी बात अगर बेकिंग सोडा और नींबू की बात करें तो ये जलेगा और बहुत ज्यादा जलेगा. भले ही अंडरआर्म्स में कोई चोट न हो या फिर स्किन की कोई बीमारी न हो फिर भी जलेगा. अब गोरा कब होगा ये नहीं पता, लेकिन यकीनन इसमें बहुत वक्त लग सकता है.
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