एक-एक दिन गुजरते हुए पूरा साल कैसे गुजर गया, पता ही नहीं चला. देखते ही देखते 2017 ने अलविदा कह दिया और 2018 ने दरवाजे पर दस्तक दे दी. नए साल की सुबह जब आंख खुली तो सबसे पहली चीज जो सामने आई, वो था कोहरा... घन कोहरा. ठंडक को अपने साथ लिए नया साल बाहें पसारे स्वागत कर रहा था, लेकिन लोग ठंड के मारे रजाई में ठिठुरे हुए थे. 1 जनवरी 2018 इस सीजन का सबसे ठंडा दिन था, जिसे पूरे साल हर कोई याद रखेगा. नए साल पर कई ऐसे 'धमाके' यानी ऐसी बड़ी बातें हुई हैं, जिन्हें कोई चाह कर भी नहीं भूल पाएगा. आइए आपको बताते हैं इनके बारे में.
1- सबसे ठंडे दिन ने घने कोहरे से किया स्वागत
1 जनवरी 2018 इस सीजन का सबसे ठंडा दिन था. कोहरा इतना घना था कि दिल्ली में 50 मीटर से भी कम की विजिबिलिटी हो गई थी. 1 जनवरी को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री था.
2- चालान से उतरा हजारों लोगों का नशा
कुछ लोगों के लिए नए साल का नशा काफी नहीं था. उन्होंने जश्न मनाने के लिए शराब का नशा किया और नशे में धुत होकर ही गाड़ी भी चलाई. बस फिर क्या था, ट्रैफिक पुलिस ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इन लोगों का ड्रिंक एंड ड्राइव का चालान काट दिया. हैरान करने की बात ये है कि इस साल देश में कई जगहों पर ड्रिंक एंड ड्राइव के चालान की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. ये आंकड़े सभी को याद रखने की जरूरत है और ट्रैफिक पुलिस को इससे निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
दिल्ली- 1,752 ड्रिंक एंड ड्राइव चालान, 2016 में ये संख्या 889 थी. नए साल पर दिल्ली में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए कुल 16,720 लोगों का चालान काटा...
एक-एक दिन गुजरते हुए पूरा साल कैसे गुजर गया, पता ही नहीं चला. देखते ही देखते 2017 ने अलविदा कह दिया और 2018 ने दरवाजे पर दस्तक दे दी. नए साल की सुबह जब आंख खुली तो सबसे पहली चीज जो सामने आई, वो था कोहरा... घन कोहरा. ठंडक को अपने साथ लिए नया साल बाहें पसारे स्वागत कर रहा था, लेकिन लोग ठंड के मारे रजाई में ठिठुरे हुए थे. 1 जनवरी 2018 इस सीजन का सबसे ठंडा दिन था, जिसे पूरे साल हर कोई याद रखेगा. नए साल पर कई ऐसे 'धमाके' यानी ऐसी बड़ी बातें हुई हैं, जिन्हें कोई चाह कर भी नहीं भूल पाएगा. आइए आपको बताते हैं इनके बारे में.
1- सबसे ठंडे दिन ने घने कोहरे से किया स्वागत
1 जनवरी 2018 इस सीजन का सबसे ठंडा दिन था. कोहरा इतना घना था कि दिल्ली में 50 मीटर से भी कम की विजिबिलिटी हो गई थी. 1 जनवरी को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम तापमान 20 डिग्री था.
2- चालान से उतरा हजारों लोगों का नशा
कुछ लोगों के लिए नए साल का नशा काफी नहीं था. उन्होंने जश्न मनाने के लिए शराब का नशा किया और नशे में धुत होकर ही गाड़ी भी चलाई. बस फिर क्या था, ट्रैफिक पुलिस ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इन लोगों का ड्रिंक एंड ड्राइव का चालान काट दिया. हैरान करने की बात ये है कि इस साल देश में कई जगहों पर ड्रिंक एंड ड्राइव के चालान की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. ये आंकड़े सभी को याद रखने की जरूरत है और ट्रैफिक पुलिस को इससे निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
दिल्ली- 1,752 ड्रिंक एंड ड्राइव चालान, 2016 में ये संख्या 889 थी. नए साल पर दिल्ली में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के लिए कुल 16,720 लोगों का चालान काटा गया.
हैदराबाद- 2,499 ड्रिंक एंड ड्राइव चालान.
पुणे- 1,144 ड्रिंक एंड ड्राइव चालान.
मुंबई- 615 ड्रिंक एंड ड्राइव चालान, 2016 में ये संख्या 566 थी.
3- तीन देशों से भी ज्यादा बच्चे हुए पैदा !
यूनेस्को के अनुसार 1 जनवरी 2018 को भारत में कुल 69,070 बच्चों ने जन्म लिया, जो अन्य देशों के मुकाबले सबसे बड़ा आंकड़ा है. 1 जनवरी को चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश में जन्मे सभी बच्चों की संख्या जोड़ भी दें, तो भी वह भारत से कम यानी सिर्फ 68,040 है. इस दिन में चीन में 44,760, नाइजीरिया में 20,210, पाकिस्तान में 14,910, इंडोनेशिया में 13,370, अमेरिका में 11,280, कांगो में 9,400, इथियोपिया में 9,020 और बांग्लादेश में 8,370 बच्चों ने जन्म लिया. 1 जनवरी को ही शाम 5.20 बजे लोकप्रिय गायिका सुनिधि चौहान के घर भी बेटे का जन्म हुआ.
4- जश्न के चलते थम गई दिल्ली
अक्सर 31 दिसंबर की रात को जश्न मनाने वाले लोगों के बीच इस साल एक नया ट्रेंड देखा गया. 1 जनवरी को बहुत से लोगों ने नया साल मनाया. इसके लिए वे घर से तो निकले, लेकिन तगड़े जाम का शिकार हो गए. दिल्ली पुलिस को यह अंदाजा नहीं था कि 1 जनवरी को भी लोग नए साल का जश्न मनाएंगे, जिसके चलते पहले से ट्रैफिक से निपटने की कोई तैयारी नहीं थी. नए साल का जश्न मनाने के लिए इंडिया गेट पर करीब 2.5 लाख लोग जमा हो गए थे, जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम हो गया. यूं तो दिल्ली में ट्रैफिक काफी अधिक रहता है, लेकिन 1 जनवरी को जैसी स्थिति बनी, उसे न तो जनता भूलेगी, ना ही पुलिस.
5- अंग्रेजों की जीत के जश्न पर हिंसा
नए साल का पहला दिन पुणे हिंसा के लिए भी हमेशा याद रखा जाएगा. पुणे से शुरू हुई हिंसा अब मुंबई के कई हिस्सों थाणे, चेंबूर, मुलुंद तक फैल चुकी है. इस हिंसा की घटना में 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और करीब 50 गाड़ियां तोड़ दी गईं. दरअसल, 200 साल पहले 1 जनवरी 1818 को पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में अंग्रेजों ने पेशवा बाजीराव द्वितीय को हराया था. उस वक्त दलितों को अछूत माना जाता था. अंग्रेजों की ओर से बहुत से दलितों ने भी इस लड़ाई में हिस्सा लिया था. इसे लेकर ही हर साल दलित लोग युद्ध स्मारक पर इस जीत का जश्न मनाते हैं. इस साल भी वह जश्न मना रहे थे, लेकिन अचानक स्थिति बिगड़ गई, जिसने हिंसा का रूप ले लिया. जिस जश्न को पिछले 200 सालों से मनाया जा रहा था, इस बार हिंसा के रूप में उसने अपनी छाप छोड़ी है.
6- डीजल ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
नए साल की शुरुआत रिकॉर्ड महंगे डीजल के साथ हुई. दिल्ली में 1 जनवरी 2018 को डीजल की कीमत 59.76 रुपए तक पहुंच गई, जो अभी तक दिल्ली में सबसे अधिक स्तर है. 16 जून 2017 से डीजल-पेट्रोल की कीमतों की रोजाना समीझा करने का नियम लागू हुआ है. तब से लेकर नया साल आने तक डीजल की कीमतों में 5.27 रुपए की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. नए साल की शुरुआत में ही डीजल ने ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जिसे कम से कम पूरे 2018 में तो याद ही रखा जाएगा.
7- 'परमाणु बम का बटन मेरी टेबल पर है'
काफी समय से दुनिया को डराने की कोशिश करता आ रहे उत्तरी कोरिया ने नए साल की शुरुआत होते ही दुनिया को एक बार फिर डराया. 1 जनवरी 2018 को ही किम जोंग उन ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा- पूरा अमेरिका हमारी परमाणु मिसाइलों की जद में है और इन मिसाइलों का बटन हमेशा ही मेरी टेबल पर रहता है.
8- 24 घंटे मुफ्त बिजली
तेलंगाना सरकार ने किसानों को नए साल का तोहफा देते हुए उन्हें 24 घंटे मुफ्त बिजली की सौगात दी. तेलंगाना सरकार ने एक विज्ञापन के जरिए कहा- 'तेलंगाना देश में पहला ऐसा राज्य है, जिसने बिजली क्षेत्र में नई ऊंचाई हासिल की है. इसका मकसद किसानों के बीच निराशा को समाप्त करना है.' इसे इसलिए याद रखा जाएगा क्योंकि देश के अधिकतर ग्रामीण इलाकों में तो 24 घंटे बिजली भी नहीं रहती है, तो फिर मुफ्त में 24 घंटे बिजली मिलना तो अभी भी किसानों की एक बड़ी आबादी के लिए सपने जैसा है.
ये भी पढ़ें-
जब भगदड़ में ना सूझे कोई रास्ता, तो यूं बचाएं अपनी जान
अगले 30 सालों में भारत की हो जाएगी ये हालत !
सरहद पर मौजूद हमारे जवानों का मजाक बनाने वाले नेताओं को एक बार ये कहानियां पढ़ लेनी चाहिएं..
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.