मेघालय के एक IAS अफसर हैं राम सिंह. वेस्ट गैरो हिल्स, टुरा में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. और इस वक्त सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. राम सिंह एक साथ कई तरह से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.
राम सिंह ने हाल ही में अपनी एक तस्वीर फेसबुक पर शेयर की जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. और वायरल होने की वजह भी बहुत खास है. दरअसल तस्वीर में वो एक स्थानीय बाजार से सब्जी खरीदते हुए दिख रहे हैं. और उनकी पीठ पर बांस की पारंपरिक टोकरी बंधी हुई है. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा है- "वीकेंड पर ऑर्गैनिक सब्जियों की 21 किलो की शॉपिंग, कोई प्लास्टिक नहीं, वाहन का प्रदूषण नहीं, न कोई ट्रैफिक जाम, फिट इंडिया, फिट मेघालय, ऑर्गेनिक खाओ, साफ और हरित तुरा, पोषण, 10 किमी की मॉर्निंग वॉक."
जैसा कि साफ जाहिर है कि राम सिंह 10 -12 किलोमीटर पैदल चलकर हर वीकेंड ऑर्गैनिका सब्जियां खरीदने बाजार जाते हैं. वो वाहन का इस्तेमाल नहीं करते जिससे प्रदूषण न हो. पैदल इसलिए चलते हैं कि फिट रहने के लिए जरूरी है और ऑर्गैनिक पर जोर इसलिए देते हैं क्योंकि ये सेहत तके लिए जरूरी है. इतना ही नहीं, राम सिंह समय समय पर अपने क्षेत्र में खुद ही सफाई अभियान भी चलाते हैं. जिससे शहर भी स्वच्छ रहे.
राम सिंह का कहना है कि उन्होंने पैदल चलना इसलिए शुरू किया जिससे ट्रैफिक की समस्या पर शिकायत करने वाले लोगों को प्रेरित कर सकें. उनका कहना है- 'प्रदूषण रोकने...
मेघालय के एक IAS अफसर हैं राम सिंह. वेस्ट गैरो हिल्स, टुरा में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. और इस वक्त सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. राम सिंह एक साथ कई तरह से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.
राम सिंह ने हाल ही में अपनी एक तस्वीर फेसबुक पर शेयर की जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. और वायरल होने की वजह भी बहुत खास है. दरअसल तस्वीर में वो एक स्थानीय बाजार से सब्जी खरीदते हुए दिख रहे हैं. और उनकी पीठ पर बांस की पारंपरिक टोकरी बंधी हुई है. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा है- "वीकेंड पर ऑर्गैनिक सब्जियों की 21 किलो की शॉपिंग, कोई प्लास्टिक नहीं, वाहन का प्रदूषण नहीं, न कोई ट्रैफिक जाम, फिट इंडिया, फिट मेघालय, ऑर्गेनिक खाओ, साफ और हरित तुरा, पोषण, 10 किमी की मॉर्निंग वॉक."
जैसा कि साफ जाहिर है कि राम सिंह 10 -12 किलोमीटर पैदल चलकर हर वीकेंड ऑर्गैनिका सब्जियां खरीदने बाजार जाते हैं. वो वाहन का इस्तेमाल नहीं करते जिससे प्रदूषण न हो. पैदल इसलिए चलते हैं कि फिट रहने के लिए जरूरी है और ऑर्गैनिक पर जोर इसलिए देते हैं क्योंकि ये सेहत तके लिए जरूरी है. इतना ही नहीं, राम सिंह समय समय पर अपने क्षेत्र में खुद ही सफाई अभियान भी चलाते हैं. जिससे शहर भी स्वच्छ रहे.
राम सिंह का कहना है कि उन्होंने पैदल चलना इसलिए शुरू किया जिससे ट्रैफिक की समस्या पर शिकायत करने वाले लोगों को प्रेरित कर सकें. उनका कहना है- 'प्रदूषण रोकने के लिए जब लोगों से वाहन का उपयोग कम करने की सलाह दी तो लोग शिकायत करते थे कि ढेर सारी सब्जियों के साथ पैदल चलने में मुशकिल होती है. तब मैंने उन्हें बांस की टोकरी 'कोकचेंग' साथ लेकर चलने की सलाह दी. जिससे प्लास्टिक से लड़ने में भी मदद मिलें. लेकिन वो मुझपर हंसने लगे. और तब मैं और मेरी पत्नी टोकरी लेकर बाजार जाने लगे. आज कल के युवा फिट नहीं हैं. मुझे लगता है वो भी इसी तरह पैदल चलना शुरू कर देंगे.'
'मैं पिछले 6 महीने से ऐसा कर रहा हूं मुझे लगता है कि आधुनिक चुनौतियों से लड़ने के लिए पारंपरिक समाधान की जरूरत है. अगर हम पारंपरिक रूप से चलेंगे तो फिट रह सकते हैं.'
राम सिंह की फेसबुक वॉल पर घूम आइए, आप उनसे प्रेरित हुए बिना नहीं रह पाएंगे. वो आपको प्रकृति के करीब रहना और प्रकृति से प्रेम करना सिखा देंगे. वो आपको ये सिखाएंगे कि आज के समय में भी कैसे अपनी जड़ों के साथ जुड़े रहा जा सकता है. बेहद सरल और सादे इंसान हैं राम सिंह.
राम सिंह की कहानी में ध्यान देने वाली बात ये है कि वो एक साथ कई निशाने साध रहे हैं. यानी एक साथ कई अभियान चला रहे हैं. उनकी एक तस्वीर ही सारी कहानी साफ कर देती है. स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर को स्वच्छ रखना, single use plastic का इस्तेमाल नहीं करना और इसीलिए साथ में बांस की टोकरी लेकर चलना, वाहन का इस्तेमाल न करके प्रदूषण नियंत्रित करना, 10 किलोमीटर पैदल चलकर फिट रहना. और ऐसा करके वो एक सरकारी अफसर होने का कर्तव्य बखूबी निभा रहे हैं. लेकिन इस तरह की हेल्दी लाइफस्टाइलसे बाकी लोगों को प्रेरित करके वो एक सजग शहरी की नौतिक जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं.
क्या इससे पहले आपने किसी जिलाधिकारी को इस तरह जीवन बिताते हुए देखा है? नहीं. आजकल तो लोग सब्जी खरीदने थैला लेकर भी नहीं जाते, क्योंकि पारंपरिक थैला पकड़ने में लोगों के शर्म महसूस होती है. लेकिन ये अधिकारी टोकरी लाद कर चलते हैं. स्वच्छता का ज्ञान नहीं बांटते बल्कि हाथों से सफाई करते हैं. फिट इंडिया के लिए सोशल मीडिया पर फिटनेस वीडियो पोस्ट नहीं करते बल्कि कई किलोमीटर पैदल चलते हैं. इस अफसर पर कैसे न गर्व किया जाए !
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