कई लोगों का ये मानना होता है कि शराब उन्हें हजम नहीं होती. शराब पीने के बाद किसी को बहुत ज्यादा चक्कर आने लगते हैं, किसी को बहुत ज्यादा उल्टी होने लगती है, किसी को चेहरे पर दाने निकल जाते हैं तो किसी की हालत इतनी खराब हो जाती है कि अस्पताल तक जाना पड़े. कई बार लोगों को ऐसे समय में ये कहते सुना होगा कि हमें तो शराब हजम ही नहीं होती, या आज ज्यादा हो गई इसके बाद ज्यादा नहीं पियूंगा पर असल में गलती शराब की नहीं होती बल्कि कई लोग जिसे आसान सा हैंगओवर समझते हैं वो एक खतरनाक एलर्जी की शुरुआत भी हो सकती है.
एल्कोहॉल एलर्जी वैसे तो इतनी आम नहीं होती, लेकिन कई बार लोगों को कोई एक तरह की शराब सूट नहीं करती है और दूसरी कर जाती है. इसका सीधा कारण ये है कि उन लोगों को एल्कोहॉल से नहीं बल्कि शराब में मौजूद चीज़ों से एलर्जी होती है. जैसे बाजरा, राई, अंगूर, गेहूं आदि. इसे एल्कोहॉल इनटॉलरेंस कहते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को एल्कोहॉल एलर्जी भी होती है और उनके लिए एक घूंट भी दर्दनाक साबित हो जाता है. ऐसे लोगों को ये पता होता है कि उन्हें शराब से दूर रहना है. पर जिन लोगों को एल्कोहॉल इनटॉलरेंस होता है कई बार वो गलती कर जाते हैं.
क्या फर्क है एल्कोहॉल एलर्जी और एल्कोहॉल इनटॉलरेंट में?
अगर आप एल्कोहॉल एलर्जी है तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता शराब को एक बीमारी की तरह देखेगी. और इसी तरह से शरीर में अलग तरह के प्रोटीन और हार्मोन बनने लगेंगे. इन हार्मोन्स के कारण ही शरीर में एलर्जिक रिएक्शन दिखना शुरू होगा. यहीं अगर एल्कोहॉल इनटॉलरेंट हैं तो शरीर में डाइजेस्टिव सिस्टम सही से काम नहीं करेगा और शरीर में उससे जुड़े लक्षण दिखने लगेंगे. एल्कोहॉल एलर्जी ज्यादा खतरनाक है...
कई लोगों का ये मानना होता है कि शराब उन्हें हजम नहीं होती. शराब पीने के बाद किसी को बहुत ज्यादा चक्कर आने लगते हैं, किसी को बहुत ज्यादा उल्टी होने लगती है, किसी को चेहरे पर दाने निकल जाते हैं तो किसी की हालत इतनी खराब हो जाती है कि अस्पताल तक जाना पड़े. कई बार लोगों को ऐसे समय में ये कहते सुना होगा कि हमें तो शराब हजम ही नहीं होती, या आज ज्यादा हो गई इसके बाद ज्यादा नहीं पियूंगा पर असल में गलती शराब की नहीं होती बल्कि कई लोग जिसे आसान सा हैंगओवर समझते हैं वो एक खतरनाक एलर्जी की शुरुआत भी हो सकती है.
एल्कोहॉल एलर्जी वैसे तो इतनी आम नहीं होती, लेकिन कई बार लोगों को कोई एक तरह की शराब सूट नहीं करती है और दूसरी कर जाती है. इसका सीधा कारण ये है कि उन लोगों को एल्कोहॉल से नहीं बल्कि शराब में मौजूद चीज़ों से एलर्जी होती है. जैसे बाजरा, राई, अंगूर, गेहूं आदि. इसे एल्कोहॉल इनटॉलरेंस कहते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को एल्कोहॉल एलर्जी भी होती है और उनके लिए एक घूंट भी दर्दनाक साबित हो जाता है. ऐसे लोगों को ये पता होता है कि उन्हें शराब से दूर रहना है. पर जिन लोगों को एल्कोहॉल इनटॉलरेंस होता है कई बार वो गलती कर जाते हैं.
क्या फर्क है एल्कोहॉल एलर्जी और एल्कोहॉल इनटॉलरेंट में?
अगर आप एल्कोहॉल एलर्जी है तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता शराब को एक बीमारी की तरह देखेगी. और इसी तरह से शरीर में अलग तरह के प्रोटीन और हार्मोन बनने लगेंगे. इन हार्मोन्स के कारण ही शरीर में एलर्जिक रिएक्शन दिखना शुरू होगा. यहीं अगर एल्कोहॉल इनटॉलरेंट हैं तो शरीर में डाइजेस्टिव सिस्टम सही से काम नहीं करेगा और शरीर में उससे जुड़े लक्षण दिखने लगेंगे. एल्कोहॉल एलर्जी ज्यादा खतरनाक है और इनटॉलरेंट का मतलब ये भी हो सकता है कि व्यक्ति किसी एक ड्रिंक को नहीं हजम कर पाता और बाकी उसके लिए ठीक हैं.
अगर एल्कोहॉल इनटॉलरेंट हैं तो क्या होगा?
शराब पीने के बाद चेहरे या शरीर पर दाने निकल आएंगे, दस्त लग सकते हैं, बुखार जैसा लगेगा, सिर दर्द होगा बहुत ज्यादा, सीने में जलन होगी, रैश पड़ सकते हैं, चक्कर आएंगे, हार्टबीच तेज़ हो सकती है., बीपी लो हो सकता है, सर्दी जैसी फीलिंग आ सकती है, पेट दर्द या उल्टी हो सकती है, सांस लेने में समस्या हो सकती है. अगर अस्थमा है तो समस्या बहुत ज्यादा बढ़ सकती है.
अक्सर इन सभी समस्याओं को लोग खराब हैंगओवर समझ कर टाल देते हैं, लेकिन अगर लंबे समय तक ऐसा हो रहा है तो समस्या और बढ़ सकती है और ये सभी लक्षण ज्यादा तेज़ हो सकते हैं. साथ ही, अगर समय पर डॉक्टर से नहीं मिले तो हो सकता है अनजाने में कोई जानलेवा गलती भी कर बैठे.
क्यों आम है ये बीमारी?
दरअसल, लोगों को कई चीजों से एलर्जी हो सकती है. एल्कोहॉलिक ड्रिंक की तरह की चीज़ों को मिलाकर बनाई जाती हैं. इसमें अनाज, कैमिकल, प्रिजर्वेटिव आदि होते हैं जिन्हें शरीर को पचाने में समय लगता है. अगर सभी चीज़ें सही तरह से नहीं पचा पा रहा है शरीर तो दिक्कत बढ़ जाती है. इसके लिए डॉक्टर के पास जाना बेहद जरूरी है.
सबसे ज्यादा किस ड्रिंक से होता है रिएक्शन?
रिसर्च कहती है कि रेड वाइन से सबसे ज्यादा एलर्जिक रिएक्शन होने की उम्मीद होती है. इसे अंगूर से बनाया जाता है और इसमें प्रिजर्वेटिव भी अलग तरह के होते हैं. ऐसे में ये ड्रिंक जिसे सूट नहीं कर रही है उसके लिए नुकसानदेह हो सकती है. ऐसे ही बियर और विस्की के लिए भी कहा जा सकता है.
किसे होता है ज्यादा रिस्क?
अगर किसी बीमारी का शिकार हों, अस्थमा आदि हो तो सबसे ज्यादा रिस्क बढ़ जाता है, इस तरह की एलर्जी एशियन लोगों में ज्यादा पाई जाती है. अगर आप कुछ अन्य प्रोडक्ट्स से एलर्जिक हों जिनका इस्तेमाल शराब बनाने में हो रहा हो. किसी तरह की कोई दवाई चल रही हो.
क्या अचानक ये समस्या शुरू हो सकती है?
कई लोगों के साथ ये होता है कि वो शुरू में शराब पीते हैं तो उन्हें कुछ नहीं होता, लेकिन एक समय के बाद उन्हें समस्या होने लगती है. ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ होता है जिन्हें हाल ही में कोई बीमारी हुई हो या फिर जो दवाइयों का सेवन कर रहे हों. कई बार एंटीबायोटिक्स के कारण भी इस तरह की एलर्जी सामने आ जाती है. अगर परिवार में किसी को ऐसी समस्या रही हो तो भी लोगों में एल्कोहॉल इनटॉलरेंट होने की समस्या बढ़ जाती है.
कुल मिलाकर अगर किसी को ऐसा लग रहा है कि उसे शराब कम पीने के बाद भी बहुत ज्यादा हैंगओवर होता है या फिर तबियत ज्यादा खराब हो जाती है तो उसे शराब से दूर रहना चाहिए और अपने लक्षणों के बारे में पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.