पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (sidhu moose wala) को ऐसे तो नहीं जाना था. अब जो गुजर गया उसे याद करने के अलावा हम इंसान कर भी क्या सकते हैं?
वहीं मूसेवाला के जाने के बाद कई लोग पंजाबी गानों को लेकर आप्पत्ति जाहिर कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि पंजाबी गानों में शराब, बंदूक, गोली, ड्रग्स, अकड़, लग्जरी गाड़ी, हेलिकॉप्टर, गैंग, डॉगी, बड़े टैटू और हिंसा कॉमन हैं. ये चीजें किसी को भी भड़का सकती हैं, उकसा सकती हैं. जो लड़के पंजाबी सिंगर को फॉलो करते हैं वे आसानी से इसे कॉपी कर सकते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं. 'लगा के तीन पैग बलिए'...जैसे गाने तो ऐसे हैं जो शराब पीने का न्योता देते हैं.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद मशहूर गायक दलेर मेंहदी ने कहा है कि पंजाब सरकार को अकड़ और घमंड वाले गानों पर रोक लगाना चाहिए. आजकल के गानों में उठा लो, मार दूंगा, फेंक दूंगा, काट दूंगा और गन के अलावा कुछ नहीं है. क्या ऐसे बनते हैं पंजाबी गाने? जितने भी सिंगर हैं उनको बुलाया जाए और यह हिदायत दी जाए कि वे गानों को सीधा करें, वीडियो को साफ-सुथरी रखें, तभी ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. गैंगबाजी होगी तो जान तो जा ही सकती है.
गानों में बंदूक-शराब की वजह क्या है?
असल में, पंजाबी लोगों को इन सारी चीजों का बेहद शौक होता है. वहीं पंजाबी गाने देश-विदेश में भी सुने जाते हैं. ऊपर से पंजाबी भाषा लोगों काफी पसंद है. यह साधारण है तो समझ में भी आ जाती है. पंजाबी गाने लोगों को थिरकने के लिए मजबूर कर देते हैं. जिन्हें डांस नहीं भी जोश में नाच लेते हैं. हालांकि कुछ गानों में गांव, प्यार, खेत और संस्कृति का प्रेम भी झलकता...
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (sidhu moose wala) को ऐसे तो नहीं जाना था. अब जो गुजर गया उसे याद करने के अलावा हम इंसान कर भी क्या सकते हैं?
वहीं मूसेवाला के जाने के बाद कई लोग पंजाबी गानों को लेकर आप्पत्ति जाहिर कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि पंजाबी गानों में शराब, बंदूक, गोली, ड्रग्स, अकड़, लग्जरी गाड़ी, हेलिकॉप्टर, गैंग, डॉगी, बड़े टैटू और हिंसा कॉमन हैं. ये चीजें किसी को भी भड़का सकती हैं, उकसा सकती हैं. जो लड़के पंजाबी सिंगर को फॉलो करते हैं वे आसानी से इसे कॉपी कर सकते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं. 'लगा के तीन पैग बलिए'...जैसे गाने तो ऐसे हैं जो शराब पीने का न्योता देते हैं.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद मशहूर गायक दलेर मेंहदी ने कहा है कि पंजाब सरकार को अकड़ और घमंड वाले गानों पर रोक लगाना चाहिए. आजकल के गानों में उठा लो, मार दूंगा, फेंक दूंगा, काट दूंगा और गन के अलावा कुछ नहीं है. क्या ऐसे बनते हैं पंजाबी गाने? जितने भी सिंगर हैं उनको बुलाया जाए और यह हिदायत दी जाए कि वे गानों को सीधा करें, वीडियो को साफ-सुथरी रखें, तभी ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. गैंगबाजी होगी तो जान तो जा ही सकती है.
गानों में बंदूक-शराब की वजह क्या है?
असल में, पंजाबी लोगों को इन सारी चीजों का बेहद शौक होता है. वहीं पंजाबी गाने देश-विदेश में भी सुने जाते हैं. ऊपर से पंजाबी भाषा लोगों काफी पसंद है. यह साधारण है तो समझ में भी आ जाती है. पंजाबी गाने लोगों को थिरकने के लिए मजबूर कर देते हैं. जिन्हें डांस नहीं भी जोश में नाच लेते हैं. हालांकि कुछ गानों में गांव, प्यार, खेत और संस्कृति का प्रेम भी झलकता है. इसलिए हम हर पंजाबी गाने को लोगों को बिगाड़ने का दोष नहीं दे सकते.
दरअसल, पंजाब में शराब पीना बहुत आम बात है. दोस्तों को मिलना हो तो शराब, पार्टी करनी हो तो शराब, कोई फंक्शन हो तो शराब. वहां आम बोलचाल में ही गाली शामिल है. सामने वाले को नीचा दिखााने तरीका है कि उसे गाली दे दे. जो ताकतवर है वह कुछ भी कर सकता है, फिर गाली क्या चीज है?
शादी हो तो शराब. पंजाबी यह मानते हैं कि बिना एल्कोहल के वे साथ में अच्छा टाइम नहीं बिता सकते. अगर बिना शराब के शादी हो गई तो उसे ड्राई वेडिंग कहा जाता है, उस शादी को सामान्य नहीं माना जाता है. शराब उस घर की आर्थिक स्थिति लोगों का अंदाजा लगा लेते हैं. लोगों का मानना होता है कि रिश्तेदारों को खुश करना है तो शराब तो होना ही चाहिए.
एक तरह से शराब यहां की संस्कृति में शामिल है. पंजाब के गावों में देशी शराबा बनाया जाता है. पंजाब के बारे में अधिकतर लोगों की यह राय रहती है कि यहां के लोग शराब के शौकीन होते हैं हालांकि सभी घरों में ऐसा नहीं है. यह जररू है कि लोगों पर शराब पीने का दबाव रहता है. वरना बात मर्दानिगी पर आ जाती है.
पंजाबी अपने गानों में देखा जाता है कि एक गिरोह काले रंगा का कुर्ता पजामा पहने हाथों में बंदूक, मंहगी घड़ी, सिर पर पगड़ी, आंखों में काला चश्मा, शराब ही बोतलों और मूछों पर ताव फेरते लग्जरी गाड़ी या हेलिकॉप्टर से उतरता है. फिर वे गानों की लाइनों से अपने बहादुरी के किस्से और दबंगई का दिखावा करते है. इन सारी चीजों का गानों में इस्तेमाल करने का मतलब है अपनी धौंस जमाना. अपनी दबंगई दिखाना. अपने स्वैग का शो ऑफ करना. लोगों को बताना कि हम यहां के शेर हैं. माने सिंह इज किंग...
हम जानते हैं कि सिद्धू मूस वाला और करण औजला जैसे लोकप्रिय पंजाबी गायकों ने अपने गीतों में हिंसा और शराब के विषय रखे. शायद दर्शकों को गाने में नशा और बंदूक अधिक आकर्षित करता है. यह हो सकता कि लोग गानों में यही सब देखना चाह रहे हैं. इसलिए सिंगर मजबूर हों.
हर गायक अच्छा गीत गाना चाहते हैं, लेकिन जब दर्शकों बात आती है तो उन्हें शराब या गैंगस्टर को ग्लैमराइज करने वाले गाने बनाने पड़ते हैं. आज के युवा ऐसे ही गानों को पसंद करते हैं. जब दर्शक अच्छे गाने सुनना शुरू कर देते हैं तो गायक अपने आप बदल जाते हैं. हालांकि साउथ और भोजपुरी के गानों में इसतरह पैसे का दिखावा करने वाले सीन कम ही मिलते हैं. अगर कोई पंजाबी गाना बंदूक की नोक और एल्कोहल थीम पर होता है तो उसके हिट होने का चांस बढ़ जाता है.
सिद्धू मूसेवाला के गाने पंजाब- माय मदरलैंड को लेकर काफी विवाद हुआ था. इन पर खालिस्तान की प्रशंसा करने का आरोप लगा था. वहीं इनपर गन को प्रमोट करने के आरोप भी लगे थे. वहीं साल 2020 में फायरिंग रेंज पर एके-47 बंदूक के साथ फायरिंग करती हुई मूसेवाला की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. जिसे लेकर उनपर मुकदमा भी दर्ज हुआ था. इसके बाद इस मुद्दे पर उन्होंने एके-47 वाला गाना भी बनाया था. अपने गानों में वे हिंसा को बढ़ाचढ़ा कर दिखाते थे. कई लोगों का मानना है कि उन्होंने गैंग को उकसाने काम किया.
एक वजह यह भी है कि पंबाजी गाने कनाडा में बहुत चलते हैं. क्योंकि वहां पंजाबी रहते हैं. वहां के एनआरआई को ध्यान में रखकर भी गाने बनाए जाते हैं. जिसमें पैसा और पॉवर का कॉम्बिनेशन रहता है. पंजाब में महिलाएं, पिता-बेटा साथ में बैठकर पटियाला पैग लगाते हैं और उन्हें इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती, ये उनके लिए एक नॉर्मल सी बात है.
कुल मिलाकर पंजाबी गानों में अमीरी दिखाई जाती है. भव्यता दिखाने के चक्कर में कम दिमाग लड़के अपराधी किस्म के हो रहे हैं...वैसे आपका क्या मानना है, क्या पंजाबी गानों में से शराब, नशा, गोली और बंदूक पर बैन लगा देना चाहिए?
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