आलिया भट्ट ने शादी के दो महीने बाद जब गुड न्यूज दी थी तभी कुछ लोगों ने सवालों की बारिश शुरु कर दी थी. उनको हैरानी इस बात की थी कि आलिया शादी के बाद इतनी जल्दी प्रेग्नेंट कैसे हो सकती हैं? आलिया अपने करियर के पीक पर मां बनने का फैसला कैसे कर सकती हैं? ये वही लोग हैं जो लड़कियों से शादी कब होगी का सवाल दागते रहते हैं. शादी हो गई तो बच्चा कब होगा और एक बच्चा हो गया तो दूसरा कब होगा कि रट लगाए रहते हैं.
वहीं अब जब आलिया भट्ट मां बन गई हैं तो एक बार फिर से उनसे सवाल पर सवाल किए जा रहे हैं. लोग आलिया की प्रेग्नेंसी के बारे में गूगल पर सर्च कर रहे हैं. वे यह सिद्ध करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कि आलिया शादी से पहले ही प्रेगनेंट हो गई थीं? ऐसा करके उस महिला को नीचा दिखा सकेंगे जो इस वक्त शिखर पर है. अब ये तो हर महिला के साथ होता है. इसलिए कह रहे हैं कि लोगों का आलिया पर सवाल उठाना गलत नहीं है. इन बातों से तो हर महिला का दो-चार होना ही पड़ता है. समाज में महिलाओं की हालात ही ऐसी है.
जब कोई महिला प्रेम में पड़ती है, जब कोई महिला अपने मन से शादी करती है, जब कोई महिला मां बनती है तो कुछ लोगों की निगाहें उस पर ही होती हैं. उसके बारे में लोग बातें करते हैं और हर तरफ उसके ही चर्चे होते हैं. तो आलिया के मामले में अगर लोगों ने गूगल किया तो कौन सी नई बात हो गई?
भला, महिलाओं की जिंदगी पर उनका अधिकार रहता कहां है? बचपन में वे पिता व भाई के सहारे रहती हैं. शादी होने के बाद पति और बूढ़ी होने पर बेटे के सहारे...उनकी जिंदगी से जुड़े फैसलों पर भी उनका अधिकार नहीं रहता है. वे किससे दोस्ती करेंगी, किस कॉलेज में पढ़ेंगी और किससे शादी करेगी और कब मां बनेंगी ये सारे फैसले तो कोई और ही लेता है. ऐसे में अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीने वाला आलिया लोगों को कैसे सुहाती?
आलिया जब मां बनी तो लोग यह कह कर मजे लेने लगे कि हमारे यहां बच्चे सतमाही भी होते हैं. वे आलिया के कैरेक्टर पर सवाल उठाने लगे हैं. हम यह...
आलिया भट्ट ने शादी के दो महीने बाद जब गुड न्यूज दी थी तभी कुछ लोगों ने सवालों की बारिश शुरु कर दी थी. उनको हैरानी इस बात की थी कि आलिया शादी के बाद इतनी जल्दी प्रेग्नेंट कैसे हो सकती हैं? आलिया अपने करियर के पीक पर मां बनने का फैसला कैसे कर सकती हैं? ये वही लोग हैं जो लड़कियों से शादी कब होगी का सवाल दागते रहते हैं. शादी हो गई तो बच्चा कब होगा और एक बच्चा हो गया तो दूसरा कब होगा कि रट लगाए रहते हैं.
वहीं अब जब आलिया भट्ट मां बन गई हैं तो एक बार फिर से उनसे सवाल पर सवाल किए जा रहे हैं. लोग आलिया की प्रेग्नेंसी के बारे में गूगल पर सर्च कर रहे हैं. वे यह सिद्ध करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कि आलिया शादी से पहले ही प्रेगनेंट हो गई थीं? ऐसा करके उस महिला को नीचा दिखा सकेंगे जो इस वक्त शिखर पर है. अब ये तो हर महिला के साथ होता है. इसलिए कह रहे हैं कि लोगों का आलिया पर सवाल उठाना गलत नहीं है. इन बातों से तो हर महिला का दो-चार होना ही पड़ता है. समाज में महिलाओं की हालात ही ऐसी है.
जब कोई महिला प्रेम में पड़ती है, जब कोई महिला अपने मन से शादी करती है, जब कोई महिला मां बनती है तो कुछ लोगों की निगाहें उस पर ही होती हैं. उसके बारे में लोग बातें करते हैं और हर तरफ उसके ही चर्चे होते हैं. तो आलिया के मामले में अगर लोगों ने गूगल किया तो कौन सी नई बात हो गई?
भला, महिलाओं की जिंदगी पर उनका अधिकार रहता कहां है? बचपन में वे पिता व भाई के सहारे रहती हैं. शादी होने के बाद पति और बूढ़ी होने पर बेटे के सहारे...उनकी जिंदगी से जुड़े फैसलों पर भी उनका अधिकार नहीं रहता है. वे किससे दोस्ती करेंगी, किस कॉलेज में पढ़ेंगी और किससे शादी करेगी और कब मां बनेंगी ये सारे फैसले तो कोई और ही लेता है. ऐसे में अपनी जिंदगी अपने शर्तों पर जीने वाला आलिया लोगों को कैसे सुहाती?
आलिया जब मां बनी तो लोग यह कह कर मजे लेने लगे कि हमारे यहां बच्चे सतमाही भी होते हैं. वे आलिया के कैरेक्टर पर सवाल उठाने लगे हैं. हम यह नहीं चाहते कि वे लोग रणबीर से भी सवाल करें मगर बात तो यही है कि लोगों ने यहां आलिया और रणबीर में फर्क कर लिया. सभी ने आलिया को पापिन बताया बल्कि यह सब जानते हैं कि ना तो वो अकेले रिश्ते में थीं ना ही अकेले मां बनी हैं.
समाज का रवैया तो ऐसा है कि जिस महिला का बच्चा नहीं होता लोग उसे लोग बांझ कहते हैं उनके लिए कोई पुरुष बांझ नहीं होता, भले ही कमी उसमें ही क्यों ना हो. इस माहौल में अगर आलिया को लोग गलत कह रहे हैं तो हमें हैरान नहीं होना चाहिए, क्योंकि हमारे समाज में सारी गलती महिला की ही होती है, पुरुष तो हमेशा सही ही रहता है.
ऐसे कई मौके होते हैं जब महिला पुरुष में अंतर साफ दिखता है. उदाहरण के लिए जब महिला मां बनती है तो उसे 6 महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है बल्कि पिता बनने पर पुरुष को सिर्फ 15 दिन. इस हिसाब से तो यह मान लिया गया है कि बच्चे को पालने की जिम्मेदारी सिर्फ मां की है.
बच्चे को जन्म देना आसान काम नहीं है उस महिला को याद भी नहीं रहता इतने तो इंजेक्शन लगते हैं. कई महिलाएं को खाने से ज्यादा दवाइयां खाती हैं. बच्चे को जन्म देने के बाद महिला एक जिंदा लाश की तरह पड़ी रहती है. उसे कितनी सुइया चुभो लो फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उसका शरीर सुन्न हो जाता है. कभी स्तन में गांठ कभी बच्चेदानी में गांठ, जिसके लिए उसे ऑपरेशन के दर्द से गुजरना पड़ता है. यह सब करते करते अंत में उसका शरीर खोखला हो जाता है. फिर भी वह बच्चे को पालने के लिए अपने आप को भी भूल जाती है. मगर बच्चे के गलती करने पर दोषी मां ही होती है पिता नहीं...
आज लोगों के लिए आलिया एक सबजेक्ट बन कर रह गई हैं. जिस पर लोग अपने-अपने तरीके से रिसर्च कर रहे हैं. उनका सारी सफलता इस बात से सवालिया निशाने पर आ गई है कि वे सात महीने में मां कैसे बन गईं? इसलिए लोग उन्हें जज करना अपना अधिकार समझ रहे हैं, खैर, इनसे और उम्मदी भी क्या की जा सकती है? ये लोग तो आलिया के मां बनने पर चुटकी लेकर अपने मन की कुंठा को शांत कर रहे हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.