ये एंग्री हनुमान की तस्वीर है. जी हां, 'एंग्री हनुमान'. आज कल भगवान भी गुस्से में रहते हैं, इंसान तो दूर की बात हैं. लेकिन ये तस्वीर हनुमान की असल तस्वीर नहीं है. दरअसल, ये तस्वीर उस गुस्से की तस्वीर है जो हमने अपने मन से निकाल कर कैनवस पर उकेर दी है. इस तस्वीर में गुस्सा है, नफरत है और हिंसा को ग्लोरिफाई करने की कोशिश है. मेरे मायनों में ये एक वानर की तस्वीर है, जिसे हनुमान बताने की होड़ मची है.
इन दिनों ये तस्वीर ट्रेंड में है. गाड़ियों के शीशे से लेकर मंदिरों की दीवारों तक पर ये तस्वीर मिल जाएगी. सड़कों पर चलती गाड़ियां हनुमान की एक नई छवि बनाने में लगी हैं. लेकिन क्या कभी आपने हुनमान को गुस्से में देखा? मतलब आपने आज से पहले किसी भी तस्वीर, नाटक या सीरियल में हनुमान को गुस्से में पाया है. जवाब की जरूरत नहीं, मैं जानता हूं कि आपने जवाब ना में ही हैं. दरअसल जितना हमने हनुमान को जाना है, उससे जेहन में जो तस्वीर बनती है वो मनमोहक और शरारती देवता की है. चेहरे पर हमेश हल्की मुस्कान के साथ हर काम को सुलभता से करने वाले देवता. इतना ही नहीं जब रावण के दरबार में उनकी पूंछ में आग लगाई गई तब भी उनका गुस्से का रूप नहीं दिखाया गया. तो आखिर ये किसकी शरारत है जो खुद का गुस्सा हनुमान के चेहरे पर उतार दिया और बाजार में उतार दिया एक नए हनुमान को.
दरअसल हनुमान की इस एंग्री गॉड की तस्वीर को गढ़ने का काम...
ये एंग्री हनुमान की तस्वीर है. जी हां, 'एंग्री हनुमान'. आज कल भगवान भी गुस्से में रहते हैं, इंसान तो दूर की बात हैं. लेकिन ये तस्वीर हनुमान की असल तस्वीर नहीं है. दरअसल, ये तस्वीर उस गुस्से की तस्वीर है जो हमने अपने मन से निकाल कर कैनवस पर उकेर दी है. इस तस्वीर में गुस्सा है, नफरत है और हिंसा को ग्लोरिफाई करने की कोशिश है. मेरे मायनों में ये एक वानर की तस्वीर है, जिसे हनुमान बताने की होड़ मची है.
इन दिनों ये तस्वीर ट्रेंड में है. गाड़ियों के शीशे से लेकर मंदिरों की दीवारों तक पर ये तस्वीर मिल जाएगी. सड़कों पर चलती गाड़ियां हनुमान की एक नई छवि बनाने में लगी हैं. लेकिन क्या कभी आपने हुनमान को गुस्से में देखा? मतलब आपने आज से पहले किसी भी तस्वीर, नाटक या सीरियल में हनुमान को गुस्से में पाया है. जवाब की जरूरत नहीं, मैं जानता हूं कि आपने जवाब ना में ही हैं. दरअसल जितना हमने हनुमान को जाना है, उससे जेहन में जो तस्वीर बनती है वो मनमोहक और शरारती देवता की है. चेहरे पर हमेश हल्की मुस्कान के साथ हर काम को सुलभता से करने वाले देवता. इतना ही नहीं जब रावण के दरबार में उनकी पूंछ में आग लगाई गई तब भी उनका गुस्से का रूप नहीं दिखाया गया. तो आखिर ये किसकी शरारत है जो खुद का गुस्सा हनुमान के चेहरे पर उतार दिया और बाजार में उतार दिया एक नए हनुमान को.
दरअसल हनुमान की इस एंग्री गॉड की तस्वीर को गढ़ने का काम बंगलौर के ग्राफिक आर्टिस्ट करन आचार्य ने किया है. करन का कहना है कि, 'उनके द्वारा बनाई गई इस तस्वीर में हनुमान बिल्कुल भी गुस्सा नहीं हैं. इस तस्वीर में हनुमान एटीट्यूड में हैं.' जो भी हो, लेकिन ये एटीट्यूड निगेटिव ही नजर आ रहा है. हमने हनुमान के चेहरे से मुस्कान छीन ली और उस पर गुस्से की स्याही पोत दी. आज कल जब धर्म को नए तरह से बताने, उसकी नई व्याख्या करने का चलन आ गया है. लोग अपनी सुविधा के मार्फत कहानियां गढ़ते हैं और उसे परोस देते हैं. कई बार तो ऐसे भी उपदेश दिए जाते हैं, जो राम कह गए हैं. शायद इन उपदेशों के बारे में खुद राम को भी नहीं मालूम. उस दौर में ये तस्वीर खतरनाक है.
आज धर्म में हिंसा का कारोबार चल पड़ा है. धर्म के लिए आप जितना हो-हल्ला, मार-काट कर लें वो बेहतर. धर्म के नाम पर किसी के सीने को चीर उसका दिल निकाल लें वो बेहतर. धर्म के नाम पर किसी को जला दें वो बेहतर. धर्म के नाम पर जो कर जाएं वो बेहतर. हिंसा को धर्म बना लें वो बेहतर. ये तस्वीर उसी हिंसा के कारोबार का एक हिस्सा है. आप खुद से पूछिए, क्या इस हनुमान को देख कर आपके मन में आदर का भाव आता है. क्या इस तस्वीर को देखकर आपके शरीर में खौफ का संचार नहीं होता. अगर ऐसा ही है तो फिर ये कैसे भगवान, जो आपको डरा रहे हैं?
जरा सोचिए आप अपनी आने वाली जनरेशन को क्या बताएंगे कि हनुमान एक गुस्सैल देवता थे. अगर तुम्हे राम का पक्का भक्त होना है तो गुस्सैल होना सबसे पहली शर्त होगी. जितना गुस्सा करोगे राम उतना ही खुश होंगे. नहीं विश्वास तो इस हनुमान को देख लो, जो राम का सबसे प्रिय भक्त है. हाल के दौर में इस तस्वीर से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन आने वाली नस्लों के लिए ये तस्वीर हनुमान की असल छवि होगी. एक ऐसा हनुमान जो राम के लिए गुस्सा हो सकता है, जो राम के लिए खून बहा सकता है.
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