दिल्ली पुलिस ने इतिहास रच दिया है. कारण. सेंट्रल दिल्ली से अनिल चौहान नाम के शख्स की गिरफ़्तारी. हो सकता है कि पहली नजर में अनिल चौहान कोई आम सा व्यक्ति लगे. ऐसा जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन ऐसा नहीं है. अनिल ने जो काण्ड किया है उसपर फिल्म बन सकती है. सुपर हिट हो सकती है. बॉयकाट बॉलीवुड के इस दौर में फिल्म इंडस्ट्री को मोटी कमाई करवा सकती है. अनिल किस हद तक शातिर है उसपर लगे आरोप खुद ब खुद इस बात की तस्दीख कर देते हैं, बताया जा रहा है कि अनिल ने पिछले 30 सालों में 5 हजार से ज्यादा कारों पर अपना हाथ साफ़ किया है. पुलिस की बातों पर यदि यकीन किया जाए तो करोड़ों की संपत्ति का मालिक अनिल पिछले कई सालों से पूर्वोत्तर में बस गया था. अपने अपराध को छुपाने की अनिल की प्लानिंग कैसी थी? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो असम सरकार के साथ मिलकर सरकारी ठेकेदार के रूप में काम कर रहा था.
जैसा कि कहा गया है जब इंसान के पास पैसा आता है, तो उसके शौक में भी विस्तार होता है. अनिल के साथ भी ऐसा ही रहा. अनिल ने दो शादियां की जिससे उसे 7 बच्चे हुए. अनिल के विषय में दिलचस्प बात ये भी है कि उसने अपनी हकीकत सिर्फ दुनिया से ही नहीं बल्कि अपनी बीवियों से भी छिपाई. अक्सर ही अनिल अपने साथ महंगी गाड़ियां रखता था इसलिए उस्सकी पत्नियां भी उसे बड़ा कार डीलर समझती थीं.
देश के सबसे बड़े वाहन चोरों में शुमार अनिल अकूत संपत्ति का मालिक है. चोरी को अंजाम देते हुए उसने दिल्ली मंबई और पूर्वोत्तर में तमाम अलग अलग संपत्तियां बनाई हैं. अनिल अब भी न पकड़ा जाता लेकिन बात फिर वही है पैसे की भूख इंसान को जरायम के दलदल में घसीटती जाती है. अनिल के साथ...
दिल्ली पुलिस ने इतिहास रच दिया है. कारण. सेंट्रल दिल्ली से अनिल चौहान नाम के शख्स की गिरफ़्तारी. हो सकता है कि पहली नजर में अनिल चौहान कोई आम सा व्यक्ति लगे. ऐसा जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था, लेकिन ऐसा नहीं है. अनिल ने जो काण्ड किया है उसपर फिल्म बन सकती है. सुपर हिट हो सकती है. बॉयकाट बॉलीवुड के इस दौर में फिल्म इंडस्ट्री को मोटी कमाई करवा सकती है. अनिल किस हद तक शातिर है उसपर लगे आरोप खुद ब खुद इस बात की तस्दीख कर देते हैं, बताया जा रहा है कि अनिल ने पिछले 30 सालों में 5 हजार से ज्यादा कारों पर अपना हाथ साफ़ किया है. पुलिस की बातों पर यदि यकीन किया जाए तो करोड़ों की संपत्ति का मालिक अनिल पिछले कई सालों से पूर्वोत्तर में बस गया था. अपने अपराध को छुपाने की अनिल की प्लानिंग कैसी थी? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो असम सरकार के साथ मिलकर सरकारी ठेकेदार के रूप में काम कर रहा था.
जैसा कि कहा गया है जब इंसान के पास पैसा आता है, तो उसके शौक में भी विस्तार होता है. अनिल के साथ भी ऐसा ही रहा. अनिल ने दो शादियां की जिससे उसे 7 बच्चे हुए. अनिल के विषय में दिलचस्प बात ये भी है कि उसने अपनी हकीकत सिर्फ दुनिया से ही नहीं बल्कि अपनी बीवियों से भी छिपाई. अक्सर ही अनिल अपने साथ महंगी गाड़ियां रखता था इसलिए उस्सकी पत्नियां भी उसे बड़ा कार डीलर समझती थीं.
देश के सबसे बड़े वाहन चोरों में शुमार अनिल अकूत संपत्ति का मालिक है. चोरी को अंजाम देते हुए उसने दिल्ली मंबई और पूर्वोत्तर में तमाम अलग अलग संपत्तियां बनाई हैं. अनिल अब भी न पकड़ा जाता लेकिन बात फिर वही है पैसे की भूख इंसान को जरायम के दलदल में घसीटती जाती है. अनिल के साथ भी कुछ ऐसा ही रहा. अनिल को पकड़ने के बाद जो जानकारी पुलिस ने दी है उसके अनुसार फिलहाल वह कथित तौर पर उत्तर प्रदेश से हथियार लेकर नॉर्थ-ईस्ट के प्रदेशों में प्रतिबंधित संगठनों को सप्लाई कर रहा था. बताया ये भी जा रहा है कि सेंट्रल दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने अनिल को देशबंधु गुप्ता रोड इलाके से पकड़ा.
महज 12 वीं तक की पढ़ाई करने वाला अनिल का आपराधिक सफर कम दिलचस्प नहीं है. मूल रूप से असम के तेजपुर का रहने वाला अनिल किसी ज़माने में दिल्ली स्थित खानपुर एक्सटेंशन में रहकर ऑटो चलाने का काम करता था. अनिल के शौक बड़े थे. उसे ऊंची उड़ान उड़नी थी लेकिन इसके लिए उसने रास्ता गलत चुना. अनिल ने अपनी पहली चोरी 1998 में की और उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
अनिल अब तक भारत के विभिन्न हिस्सों से 5000 से अधिक वाहन चोरी कर चुका है. अनिल को पुलिस पहले भी कई बार गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज चुकी है. अनिल को निजामुद्दीन थाने के एक आपराधिक मामले में पांच साल की सजा भी सुनाई जा चुकी है. साथ ही अनिल के ऊपर 180 आपराधिक मामले और दर्ज हैं.
गौरतलब है कि अनिल चौहान असम सरकार में प्रथम श्रेणी का ठेकेदार रह चुका है. अनिल पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के भी गंभीर आरोप हैं. बताया तो यहां तक जा रहा है कि पूर्व में प्रवर्तन निदेशालय ने उसके घर पर छापा मारा और उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली गई. इसके बाद बैंक ने उसकी सारी संपत्ति नीलाम कर दी और वह फिर से चोरी करने लगा.
अनिल को कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाना था इसलिए अनिल असम में गैंडे के सींग की तस्करी के लिए भी कुख्यात था. पुलिस ने बताया कि अनिल चौहान को 2015 में असम पुलिस ने एक मौजूदा विधायक के साथ गिरफ्तार किया था.
कैसे हुई अनिल चौहान की गिरफ़्तारी
जैसा कि हम बता चुके हैं भारत के सबसे बड़े वाहन चोरों में शुमार अनिल कोई हल्का आदमी नहीं है. इसलिए उसकी गिरफ़्तारी इस बार भी पुलिस के लिए आसान नहीं थी. पुलिस उपायुक्त दिल्ली सेंट्रल श्वेता चौहान की मानें तो पिछले कुछ दिनों से पुलिस को सूचना मिल रही थी कि राजधानी के मध्य में अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त हो रही है. पुलिस से इस टिप पर काम किया और स्पेशल सेल के प्रयासों से अनिल को गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तारी के बाद जो कुछ भी अनिल ने पुलिस को बताया वो पुलिस के होश उड़ाने के लिए काफी था. करीब 10 करोड़ के विला का मालिक अनिल चौहान अभी आगे और क्या राज खोलेगा? इसका फैसला तो समय करेगा लेकिन एक क्रिमिनल के रूप में जैसा ऑफर अनिल चौहान का था वो कई मायनों में हैरत में डालने वाला है. एक आदमी जो करीब 5500 गाड़ियों पर अपना हाथ साफ़ कर चुका था हमारे ही बीच छिपा बैठा था ये बात सोचकर ही दहशत होती है. बाकी अनिल चौहान की गिरफ़्तारी ने ये भी बता दिया कि अपराधी के हौसले कितने भी बुलंद क्यों न हों एक न एक दिन
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