खूबसूरती को लेकर महिलाओं में एक अलग ही तरह की सनक होती है. जो कम है वो खूबसूरत लगना चाहती है, जो खूबसूरत है वो बला की खूबसूरत लगना चाहती है. कोई भी महिला अपने आप से खुश नहीं है. हर कोई अपने चेहरे में कमी ढ़ूंढ ही लती है. यहां तक कि miss universe ऐश्वर्या राय और miss world प्रियंका चोपड़ा भी खुद से खुश नहीं थीं. परफेक्ट बनने के लिए ये भी तमाम तरह की सर्जरी करवाए हुए हैं.
समस्या इनकी खूबसूरती से नहीं है, लेकिन इन हीरोइन्स के परफेक्ट दिखने का असर आम महिलाओं पर जिस तरह से होता है वो खतरनाक है. आखिर आम महिलाओं की प्रेरणा यही तो होती हैं. ये मॉडल्स और हीरोइन्स खूबसूरती के पैरामीटर सेट करती हैं. मैगजीन्स में छपने वाली इन मॉडल्स की गोरी- चमकती, बिना दाग-धब्बे वाली स्किन महिलाओं को उनकी रफ, ड्राय और दाग-धब्बों वाली स्किन का अहसास करवाती हैं. खूबसूरत बॉटल में आने वाली इन क्रीमों के विज्ञापन बताते हैं कि- तुम 30 की हो गई हो और अब तुम्हारे चेहरे पर झुर्रियां आने ही वाली हैं, ये एंटी रिंकल क्रीम 30 की उम्र से पहले ही लगाना शुरू कर दोगी तो बुढ़ापे को रोक लोगी. (बूढ़ी हो गईं तो कोई पसंद नहीं करेगा). और 30 के करीब पहुंचने वाली महिलाएं पहले से ही उम्र से लड़ने की टेंशन लेने लगती हैं.
इस इंडस्ट्री में स्कोप देखिए कितना है. यहां सिर्फ सांवली या ड्राय स्किन वाली महिलाओं को ही नहीं डराया जाता, बल्कि गोरी और खूबसूरत महिलाओं को डराने का भी पूरा इंतजाम है. गोरी महिलाओं को चेहरे पर आने वाली झुर्रियों की परेशानी है. और इसी परेशानी में महिलाएं अपने चेहरों पर अच्छी से अच्छी यानी महंगी से महंगी क्रीम थोपने लग जाती हैं. बस चेहरे पर झुर्रियां न आ जाएं. बेसब्र भी इतनी कि चमत्कार की...
खूबसूरती को लेकर महिलाओं में एक अलग ही तरह की सनक होती है. जो कम है वो खूबसूरत लगना चाहती है, जो खूबसूरत है वो बला की खूबसूरत लगना चाहती है. कोई भी महिला अपने आप से खुश नहीं है. हर कोई अपने चेहरे में कमी ढ़ूंढ ही लती है. यहां तक कि miss universe ऐश्वर्या राय और miss world प्रियंका चोपड़ा भी खुद से खुश नहीं थीं. परफेक्ट बनने के लिए ये भी तमाम तरह की सर्जरी करवाए हुए हैं.
समस्या इनकी खूबसूरती से नहीं है, लेकिन इन हीरोइन्स के परफेक्ट दिखने का असर आम महिलाओं पर जिस तरह से होता है वो खतरनाक है. आखिर आम महिलाओं की प्रेरणा यही तो होती हैं. ये मॉडल्स और हीरोइन्स खूबसूरती के पैरामीटर सेट करती हैं. मैगजीन्स में छपने वाली इन मॉडल्स की गोरी- चमकती, बिना दाग-धब्बे वाली स्किन महिलाओं को उनकी रफ, ड्राय और दाग-धब्बों वाली स्किन का अहसास करवाती हैं. खूबसूरत बॉटल में आने वाली इन क्रीमों के विज्ञापन बताते हैं कि- तुम 30 की हो गई हो और अब तुम्हारे चेहरे पर झुर्रियां आने ही वाली हैं, ये एंटी रिंकल क्रीम 30 की उम्र से पहले ही लगाना शुरू कर दोगी तो बुढ़ापे को रोक लोगी. (बूढ़ी हो गईं तो कोई पसंद नहीं करेगा). और 30 के करीब पहुंचने वाली महिलाएं पहले से ही उम्र से लड़ने की टेंशन लेने लगती हैं.
इस इंडस्ट्री में स्कोप देखिए कितना है. यहां सिर्फ सांवली या ड्राय स्किन वाली महिलाओं को ही नहीं डराया जाता, बल्कि गोरी और खूबसूरत महिलाओं को डराने का भी पूरा इंतजाम है. गोरी महिलाओं को चेहरे पर आने वाली झुर्रियों की परेशानी है. और इसी परेशानी में महिलाएं अपने चेहरों पर अच्छी से अच्छी यानी महंगी से महंगी क्रीम थोपने लग जाती हैं. बस चेहरे पर झुर्रियां न आ जाएं. बेसब्र भी इतनी कि चमत्कार की उम्मीद में क्रीम पर क्रीम बदलेंगी. बिना इस बात की फिक्र किए कि अपने चेहरे पर जो केमिकल ये दिन रात लगा रही हैं वो किस तरह इनके शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला है.
खबर डराने वाली जरूर है लेकिन बताना जरूरी है
California की एक 47 साल की एक महिला इस वक्त कोम में है. जुलाई के महीने में जब वो इमरजेंसी में डॉक्टर के पास पहुंची तो उसे जबान लड़खड़ा रही थी, हाथ-पैर और चेहरा सुन्न हो गया था और चलने में भी परेशानी हो रही थी. महिला के cosmetics की भी जांच की गई. पाया गया कि महिला इंपोर्टेड एंटी रिंकल क्रीम लगा रही थी जिसमें methylmercury का स्तर बहुत ज्यादा था. methylmercury पारे का एक खतरनाक और विषाक्त रूप है. ये methylmercury poisoning का पहला केस था जो इस तरह सामने आया. ये महिला फिलहाल कोमा में है. अब क्रीम में ये खतरनाक पदार्थ कहां से आया इसकी जांच चल रही है.
देखिए क्रीम लगाना गलत नहीं है, खूब लगाइए. डॉक्टर भी लगाने की सलाह देते हैं. लेकिन क्रीम में क्या हानिकारक है क्या नहीं इसकी जानकारी तो होनी ही चाहिए. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या चेहरे का रंग और झुर्रियां इंसान की सेहत से ज्यादा अहमियत रखती हैं?
महिलाओं का डर और कॉस्मेटिक बाजार
क्यों महिलाओं को समझ नहीं आता कि उनकी insecurities का ही फायदा उठा रही हैं ये ब्यूटी कंपनियां. आपका डर और उनकी दुकान एक ही रफ्तार से चलती हैं. अगर सिर्फ एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स की ही बात की जाए तो भारत का ये मार्केट 2024 तक 162.87 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. भारत का कॉस्मेटिक बाजार हर पांच साल में 17.06% के सीएजीआर के साथ बढ़ रहा है. भारतीय कॉस्मेटिक उद्योग का आकार वैश्विक स्तर पर 274 बिलियन डॉलर का है, जबकि भारतीय भारतीय कॉस्मेटिक उद्योग का मूल्य 4.6 बिलियन डॉलर है. वर्तमान में Cosmetics Industry का आकार करीब 600 मिलियन डॉलर का है.
महिलाओं पर खूबसूरत दिखने का दबाव क्यों
हर महिला पर दबाव होता है कि वो खूबसूरत दिखे. वो अगर अच्छी नहीं दिखेगी तो समाज में उसे कोई पसंद नहीं करेगा. लड़कियों को बचपन से ही उबटन लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है, उन्हें कच्ची उम्र में ही डरा दिया जाता है कि रंग सांवला रह गया तो शादी के लिए कोई लड़का नहीं मिलेगा. रंग तो रंग है उसपर और कोई रंग कैसे चढ़ेगा. फिर भी किसी चमत्कार की उममीद में वो मार्केट में आने वाली हर क्रीम का एक बार इस्तेमाल करके जरूर देखती हैं. कितनी ही महंगी क्यों न हो.
बाजार में सिर्फ चेहरे पर लगाने वाली क्रीम 20 से भी ज्यादा हैं. आप भी पढ़िए कहीं कोई रह तो नहीं गई- moisturizing cream, moisturizing facial sunscream, day cream, night cream, anti wrinkle cream, Anti ageing cream, anti pigment cream, acne cream, sunscream, cold cream, intensive recovery cream, scar removal cream, skin renewal cream, Anti-Aging Eye Cream, blackhead skin cream, under eye cream, Overnight Repair Face Cream, skin whitening cream, skin tightening cream, Complexion Care Cream, Revitalizing cream, massage cream. और भी न जाने क्या-क्या. मुझे तो घबराहट होती है इन नामों से. चेहरे की कोमल त्वचा कैसे झेलती होगी इन सब क्रीमों में पाए जाने वाले कैमिकल्स. जरा सोचकर देखिए.
महिलाओं के जीवन पर इन्हीं क्रीम और कॉस्मेटिक्स ने कब्जा कर रखा है. क्या इससे अलहदा कुछ और सोचा नहीं जा सकता. झुर्रियों की चिंता, झाइयों की चिंता ...क्या यही जिंदगी है? क्यों ऐसा समाज नहीं बना सकतीं जहां महिलाओं की खूबसूरती चेहरे की चमक और रंग देखकर नहीं बल्कि उनके कौशल को देखकर आंकी जाए? ये क्रीम लगाकर कितना रोक लेंगी बुढ़ापे को? वो तो आना ही है.
ये भी पढ़ें-
ऐसे चमत्कार से तो ब्यूटी पार्लर में बदल जाएगा हर किचन !
सेलेब्रिटी जैसा दिखने की चाहत न जाने क्या-क्या कराएगी !
कितना महंगा है आदमी के मुकाबले औरत होना
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.