एक हाउसवाइफ की जिंदगी की सच्चाई क्या है? यह स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा से समझा जा सकता है. वह पहली शादी में भी रोकर आंखे सुजा रही थी. अब दूसरी शादी होने के बाद भी उसे चैन नहीं है. पहली शादी में उसने 25 सालों तक दर्द सहा. दबकर रही, अपने अरमानों का गला घोंटा. एक हाउसवाइफ बनकर दूसरों की सेवा करती रही. दूसरी शादी में भी घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियों को लेकर टेंशन में है. ऐसा लगता है कि उसकी अपनी कोई लाइफ ही नहीं है. वह दूसरों के लिए बनी है. वह हर पल दूसरी की जिम्मेदारियों का बोझा अपने सिर लेकर ढोती रहती है.
एक 45 साल की औरत जिसे पति ने दूसरी लड़की के लिए धोखा दिया. पति ने 8 सालों तक उसे अंधेर में रखा. उस पर धौंस जमाया. उसे अपने ईशारों पर नचाया. उसे इतना दबाया कि वह अपनी पहचान भूल गई. वह घऱ के कामों में रम गई और सपने देखने छोड़ दिए. एक औरत जिसे उसके दो बच्चों ने नहीं समझा. जिन्हें उसे मां बोलने पर शर्मिंदगी महसूस हुई. एक सास जो दिन भर ताने देती रही फिर भी वह उसके घुटनों की मालिश करती रही.
अनुपमा तुम खाना अच्छा बनाती हो, इसलिए वह सबकी फरमाइशें पूरी करती रही, उसके हाथ हमेशा मसाले में ही सने रहे. इतना की उसके नाखून पीले ही रहे. उसे जब शादी में धोखा मिला तो बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला. बड़ी मुश्किल से तलाक लिया औऱ अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की.
उसने ऑनलाइन डांस सिखाना शुरु किया. स्कूल में बच्चों को कुकिंग सिखाया. उसे अपनी डांस एकेडमी शुरु करने के बाद बड़े शहरों, देश और विदेश में शो करने का था. उसे अमेरिका शो करने जाना था. उसे अपनी पहचान बनानी थी मगर वह एक बार फिर घर की चारदिवारी में फंसती दिख...
एक हाउसवाइफ की जिंदगी की सच्चाई क्या है? यह स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा से समझा जा सकता है. वह पहली शादी में भी रोकर आंखे सुजा रही थी. अब दूसरी शादी होने के बाद भी उसे चैन नहीं है. पहली शादी में उसने 25 सालों तक दर्द सहा. दबकर रही, अपने अरमानों का गला घोंटा. एक हाउसवाइफ बनकर दूसरों की सेवा करती रही. दूसरी शादी में भी घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियों को लेकर टेंशन में है. ऐसा लगता है कि उसकी अपनी कोई लाइफ ही नहीं है. वह दूसरों के लिए बनी है. वह हर पल दूसरी की जिम्मेदारियों का बोझा अपने सिर लेकर ढोती रहती है.
एक 45 साल की औरत जिसे पति ने दूसरी लड़की के लिए धोखा दिया. पति ने 8 सालों तक उसे अंधेर में रखा. उस पर धौंस जमाया. उसे अपने ईशारों पर नचाया. उसे इतना दबाया कि वह अपनी पहचान भूल गई. वह घऱ के कामों में रम गई और सपने देखने छोड़ दिए. एक औरत जिसे उसके दो बच्चों ने नहीं समझा. जिन्हें उसे मां बोलने पर शर्मिंदगी महसूस हुई. एक सास जो दिन भर ताने देती रही फिर भी वह उसके घुटनों की मालिश करती रही.
अनुपमा तुम खाना अच्छा बनाती हो, इसलिए वह सबकी फरमाइशें पूरी करती रही, उसके हाथ हमेशा मसाले में ही सने रहे. इतना की उसके नाखून पीले ही रहे. उसे जब शादी में धोखा मिला तो बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला. बड़ी मुश्किल से तलाक लिया औऱ अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की.
उसने ऑनलाइन डांस सिखाना शुरु किया. स्कूल में बच्चों को कुकिंग सिखाया. उसे अपनी डांस एकेडमी शुरु करने के बाद बड़े शहरों, देश और विदेश में शो करने का था. उसे अमेरिका शो करने जाना था. उसे अपनी पहचान बनानी थी मगर वह एक बार फिर घर की चारदिवारी में फंसती दिख रही है.
पहली बात यह कि शादी करने के बाद भी वह पहले ससुराल की जिम्मेदारियां उठाती रही. कभी बा की परेशानी, कभी नातिन की तबियत कभी बापू जी बीमार. कभी घर के झगड़े इसी में उसकी लाइफ कटने लगी. वह भागकर कभी इस घर कभी उस घर बस काम की करती रही.
ऊपर से बरखा भाभी की साजिशों और तानों ने उसका जीना हराम किया. वह लड़ी रही थी जैसे तैसे आगे बढ़ी रही थी कि उसके पति अनुज कपाड़िया ने एक बच्ची गोद लेकर उसके सिर पर जिम्मेदारी का बोझ दे दिया. क्या अनुज को नहीं सोचना चाहिए था कि इस उम्र में क्या अनुपमा एक छोटी बच्ची की मां की जिम्मेदारी उठाने के लायक है?
अब जब देखो तब अनुज अपनी बेटी के नाम पर अनुपमा को 4 बातें सुनाता रहता है. यह जानते हुए कि अनुपमा गलत नहीं है और मां की जिम्मेदारी निभानी की पूरी कोशिश कर रही है.
उसने इतने साल 3 बच्चों को पालने में लगा दिया अब उसे लाइफ में आगे बढ़ने का मौका मिला था तो एक बार फिर उसे मां की जिम्मेदारी पकड़ा दी. आखिर अनुपमा ने तलाक के बाद ऐसा क्या कर लिया कि समाज की कोई दूसरी महिला उससे प्रेरणा ले सके?
अनुपमा को तो दोबारा अनुज जैसा जीवन साथी मिल गया लेकिन क्या आम महिलाओं का नसीब ऐसा होता है? यह जरूरी भी नहीं है कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए कोई पार्टनर चाहिए ही होता है. महिलाएं अकेले भी जिंदगी जी सकती हैं.
पहले तो अनुज ने अनुपमा को अपनी कंपनी में पार्टनर बना लिया. इसके बाद उसे कंपनी की मालकिन बनाकर घर में बिठा दिया. अब वह कभी कंपनी में दिखती ही नहीं है. वह कभी ऑफिस भी नहीं जाती है. बीच में एक दो दिन उसे कॉलेज जाते हुए दिखाया गया था मगर अब उसका भी नामोनिशान नहीं है.
अब दिखाया जा रहा है कि अनुज उससे नाराज है और वह अनुज को रिझाने में लगी है. अनुज इसलिए नाराज है क्योंकि अनुपमा छोटी अनु को को अपनी प्राथमिकता नहीं बना पा रही है. अनुज का कहना है कि सिर्फ मैं और छोटी अनु तुम्हारी प्राथमिकता होनी चाहिए और कोई नहीं.
अनुपमा इन दिनों अनुज के नाराज होने से डर रही है. वह अनुज पर प्यार लुटा रही है. वह एक अच्छी मां और एक अच्छी पत्नी बनने की फिर से कोशिश कर रही है. अब तो वह डांस क्लास भी नहीं जाती, वह कंपनी का काम नहीं संभलाती, वह कहीं बाहर शो करने भी नहीं जाती. कुलमिलाकर एक बार अनुपमा एक हाउसवाइफ बनकर रह गई है.
क्या उसने अपने लिए यही सपने देखे हैं. एक सुखी परिवार की चाहत की कीमत क्या एक महिला को सपने को चूल्हे में झोंकने से ही संभव है. वह अपनी पहचान के साथ खुश क्यों नहीं रह सकती? वह पहली शादी में भी सूरी-सूरी करती थी वह दूसरी शादी में भी सूरी-सूरी कहती है.
सॉरी टू से...मगर अनुपमा आज भी वही कर रही है जो 25 सालों तक पहली शादी में किया. दर्शकों ने सोचा था कि अनुपमा को तलाक के बाद आगे बढ़ते हुए दिखाया जाएगा मगर यहां तो पति-पत्नी के रूठने मनाने से ही फुर्सत नहीं है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.