मुंबई क्रूज ड्रग केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जेल भेजे गए बॉलीवुड के मशहूर एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. आर्यन खान को जमानत दिलाने के लिए शाहरुख खान ने वकीलों की फौज लगा दी थी. और, आखिरकार देश के नामी-गिरामी वकीलों ने अपने तेज-तर्रार दलीलों के जरिये आर्यन खान को जमानत दिलवा ही दी. बेटे को जमानत मिलने के बाद शाहरुख खान ने अपनी लीगल टीम में शामिल मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. 'आर्यन को जमानत की खबर मिलते ही बेटे के लिए तड़प रहे शाहरुख खान की आंखों में आंसुओं का सैलाब आ गया. जो मुस्कान एक पखवाड़े से चेहरे से गायब हो चुकी थी, वो फिर से वापस आ गई. एक पिता का दर्द तस्वीरों में भी लोगों के सामने जाहिर हो ही गया.'
ये लाइनें पढ़ने में जितना सुकून दे रही हैं. अगर एक आम आदमी के नजरिये से देखेंगे, तो यह स्थिति बहुत ही भयावह नजर आएगी. बॉलीवुड में किंग खान के नाम से मशहूर शाहरुख खान जैसे पिता, अकूत दौलत और मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई जैसे वकीलों की बड़ी फौज के सहारे आर्यन खान को जमानत मिलनी ही थी. लेकिन, एक छोटे से अपराध या निरपराध शख्स भी कई सालों तक बिना जमानत या जमानत मिलने पर भी जमानतदार न होने की वजह से सालों तक जेल की सलाखों के पीछे रहने को मजबूर हो जाते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2019 तक भारत में अंडरट्रायल कैदियों की संख्या 3,30,487 थी. जिसमें बीते दो सालों में निश्चित तौर पर इजाफा ही हुआ होगा.
मुंबई क्रूज ड्रग केस में आर्यन खान भी अंडरट्रायल कैदी के तौर पर 25 से ज्यादा दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे थे. खैर, क्या आर्यन खान को जमानत दिलाने वाले वकीलों मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई से भविष्य में देश के अन्य अंडरट्रायल कैदियों के लिए भी इसी तरह की अप्रोच रखते हुए एक जनहित याचिका की उम्मीद की जा सकती है? जो इन अंडरट्रायल कैदियों के लिए भी जमानत को नियम और जेल भेजने को अपवाद...
मुंबई क्रूज ड्रग केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जेल भेजे गए बॉलीवुड के मशहूर एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. आर्यन खान को जमानत दिलाने के लिए शाहरुख खान ने वकीलों की फौज लगा दी थी. और, आखिरकार देश के नामी-गिरामी वकीलों ने अपने तेज-तर्रार दलीलों के जरिये आर्यन खान को जमानत दिलवा ही दी. बेटे को जमानत मिलने के बाद शाहरुख खान ने अपनी लीगल टीम में शामिल मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई के साथ तस्वीरें खिंचवाईं. 'आर्यन को जमानत की खबर मिलते ही बेटे के लिए तड़प रहे शाहरुख खान की आंखों में आंसुओं का सैलाब आ गया. जो मुस्कान एक पखवाड़े से चेहरे से गायब हो चुकी थी, वो फिर से वापस आ गई. एक पिता का दर्द तस्वीरों में भी लोगों के सामने जाहिर हो ही गया.'
ये लाइनें पढ़ने में जितना सुकून दे रही हैं. अगर एक आम आदमी के नजरिये से देखेंगे, तो यह स्थिति बहुत ही भयावह नजर आएगी. बॉलीवुड में किंग खान के नाम से मशहूर शाहरुख खान जैसे पिता, अकूत दौलत और मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई जैसे वकीलों की बड़ी फौज के सहारे आर्यन खान को जमानत मिलनी ही थी. लेकिन, एक छोटे से अपराध या निरपराध शख्स भी कई सालों तक बिना जमानत या जमानत मिलने पर भी जमानतदार न होने की वजह से सालों तक जेल की सलाखों के पीछे रहने को मजबूर हो जाते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2019 तक भारत में अंडरट्रायल कैदियों की संख्या 3,30,487 थी. जिसमें बीते दो सालों में निश्चित तौर पर इजाफा ही हुआ होगा.
मुंबई क्रूज ड्रग केस में आर्यन खान भी अंडरट्रायल कैदी के तौर पर 25 से ज्यादा दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे थे. खैर, क्या आर्यन खान को जमानत दिलाने वाले वकीलों मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई से भविष्य में देश के अन्य अंडरट्रायल कैदियों के लिए भी इसी तरह की अप्रोच रखते हुए एक जनहित याचिका की उम्मीद की जा सकती है? जो इन अंडरट्रायल कैदियों के लिए भी जमानत को नियम और जेल भेजने को अपवाद बताकर बड़ी संख्या में निरपराधों के लिए जमानत का रास्ता खुलवाएंगे. खैर, आइए जानते हैं आर्यन खान को जमानत दिलाने वाले वकीलों मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई के बारे में उनके करियर से लेकर मिलने वाली फीस के बारे में कुछ बातें.
कौन हैं मुकुल रोहतगी?
देश के नामी-गिरामी वकीलों में शुमार वकील मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढ़ाई की. इसके बाद मुकुल रोहतगी ने मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल के जूनियर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की. योगेश कुमार सभरवाल सीजेआई भी रहे थे. मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे. मुकुल रोहतगी भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल रहे हैं और 2011 से 2014 तक एडिशन सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) भी रह चुके हैं. रोहतगी ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में राज्य सरकार की ओर से केस लड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर सुनवाई पर कोर्ट में अपीयर होने के लिए मुकुल रोहतगी 10 लाख रुपये फीस (Mukul Rohatgi Fees) लेते हैं. वहीं, महाराष्ट्र सरकार की ओर से जज बीएच लोया केस में फीस के लिए रोहतगी को 1.21 करोड़ रुपये दिए गए थे. आसान शब्दों में कहें, तो हाई-प्रोफाइल केस के अनुसार मुकुल रोहतगी की फीस बढ़ती रहती है. आर्यन खान मामले में उनकी फीस क्या रही होगी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है.
कौन हैं सतीश मानशिंदे?
मुकुल रोहतगी से पहले सेशन कोर्ट से ही आर्यन खान को जमानत दिलाने के लिए कोशिश कर रहे वकील सतीश मानशिंदे (Satish Maneshinde) भी जाने-माने वकीलों की लिस्ट में शामिल हैं. आर्यन खान की पैरवी के लिए हायर किए गए वकील सतीश मानशिंदे देश के सबसे महंगे वकीलों में शुमार हैं. सतीश मानशिंदे को बॉलीवुड का संकटमोचक कहा जाता है. सतीश मानशिंदे ने लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद टॉप क्रिमिनल लॉयर्स में से एक राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) के जूनियर वकील के तौर पर काम किया था. राम जेठमलानी के जूनियर के तौर पर हाई-प्रोफाइल मामलों में वकालत की तमाम बारीकियां सीखने वाले सतीश मानशिंदे ने संजय दत्त, सलमान खान, राखी सावंत, रिया चक्रवर्ती समेत कई बॉलीवुड सितारों को जमानत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वकील सतीश मानशिंदे भी एक हियरिंग के लिए 10 लाख रुपये फीस (Satish Maneshinde Fees) लेते हैं. हाई-प्रोफाइल मामलों में जमानत के लिए लोग पैसे को पानी की तरह बहाने में भी संकोच नहीं करते हैं, तो सतीश मानशिंदे की फीस के बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नजर नहीं आती है.
कौन हैं अमित देसाई?
सेशन कोर्ट में आर्यन खान की रिहाई के लिए शाहरुख खान ने सतीश मानशिंदे के सफल न हो पाने पर उन्होंने दिग्गज वकील अमित देसाई (Amit Desai) पर जमानत दिलाने के लिए भरोसा किया था. अमित देसाई ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) को हिट एंड रन मामले में जमानत दिलवाने के साथ ही कोर्ट से बरी भी करवाया था. हाई-प्रोफाइल मामलों के जाने-माने वकील अमित देसाई की फीस (Amit Desai Fees) के बारे में भी मीडिया रिपोर्ट्स में मुकुल रोहतगी और सतीश मानशिंदे जैसी ही खबरें मिलती हैं. दरअसल, हाई-प्रोफाइल मामलों में फीस जैसी कोई बात मायने रखती ही नहीं है, तो ऐसे केस में जमानत ही सबसे बड़ी जरूरत होती है. आर्यन खान मामले में अमित देसाई की फीस कितनी रही होगी, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन, देसाई भी आमतौर पर एक हियरिंग के लिए 10 लाख रुपये ही लेते हैं.
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