प्रेमी के संग मिलकर एक महिला अपने पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाती है. दो लाख रुपए में तीन सुपारी किलर्स जुटाए जाते हैं. 'काम हो जाने' का सबूत तस्वीरों के रूप में मिलता है. तस्वीरें इतनी भयावह होती हैं कि डर के मारे प्रेमी आत्महत्या कर लेता है. और इसके बाद कहानी यू-टर्न ले लेती है...
जी हां, ये सच्ची कहानी है. इसी महीने हुआ है ये सब-
एक पति, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहा था. पत्नी की ख्वाहिशें और परिवार की खुशियों को पूरा करने केलिए वो दिन-रात एक किए हुए था. मगर उसे नहीं पता था कि पत्नी के मन में वह नहीं कोई और बसा है. वह जो श्रृंगार कर रही है उस पर उसका नहीं, कोई और अधिकार जमाए बैठा है. वह एक मिल में काम करता, और बाकी समय कैब ड्राइवरी करता. इधर, पत्नी कैसे भी करके अपने प्रेमी के साथ जिंदगी बिताने के सपने देखती. धीरे-धीरे पत्नी को अपने 'प्यार' की कहानी में पति एक अड़चन लगने लगा. और फिर उसने वो मंसूबे पाल लिए, जिसको सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं.
पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसे रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया. दोनों ने पति को मारने के लिए सुपारी देकर कातिल जुटा लिए. एडवांस के रूप में 90 हजार रूपए दे दिए गए. और बाकी का 1.1 लाख काम हो जाने के बाद देने का वादा हुआ.
पत्नी अब अपने पति की मौत का इंतजार करने लगी मगर जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. दो गुंडों ने प्लानिंग के तहत महिला के पति की कैब बुक की. कुछ दूर चलने के बाद तीसरा साथी भी उसमें आ बैठा. प्लान के तहत तीनों ने मिलकर पति को किडनैप कर लिया. वे उसे एक सूनसान घर में ले आए. इधर, पति के घर न लौटने की खबर धीरे धीरे फैलने लगी. जब उसकी बहन को पता चला तो उसने इसी महीने 2 अगस्त को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. यह सब चल ही रहा था कि इस बीच किडनैपरों ने 'काम हो जाने का सबूत' महिला और उसके प्रेमी को भेज दिया. पति की लाश की तस्वीरों को देख पत्नी को तो कुछ नहीं हुआ, प्रेमी का दिल बैठ गया....
प्रेमी के संग मिलकर एक महिला अपने पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाती है. दो लाख रुपए में तीन सुपारी किलर्स जुटाए जाते हैं. 'काम हो जाने' का सबूत तस्वीरों के रूप में मिलता है. तस्वीरें इतनी भयावह होती हैं कि डर के मारे प्रेमी आत्महत्या कर लेता है. और इसके बाद कहानी यू-टर्न ले लेती है...
जी हां, ये सच्ची कहानी है. इसी महीने हुआ है ये सब-
एक पति, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहा था. पत्नी की ख्वाहिशें और परिवार की खुशियों को पूरा करने केलिए वो दिन-रात एक किए हुए था. मगर उसे नहीं पता था कि पत्नी के मन में वह नहीं कोई और बसा है. वह जो श्रृंगार कर रही है उस पर उसका नहीं, कोई और अधिकार जमाए बैठा है. वह एक मिल में काम करता, और बाकी समय कैब ड्राइवरी करता. इधर, पत्नी कैसे भी करके अपने प्रेमी के साथ जिंदगी बिताने के सपने देखती. धीरे-धीरे पत्नी को अपने 'प्यार' की कहानी में पति एक अड़चन लगने लगा. और फिर उसने वो मंसूबे पाल लिए, जिसको सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं.
पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसे रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया. दोनों ने पति को मारने के लिए सुपारी देकर कातिल जुटा लिए. एडवांस के रूप में 90 हजार रूपए दे दिए गए. और बाकी का 1.1 लाख काम हो जाने के बाद देने का वादा हुआ.
पत्नी अब अपने पति की मौत का इंतजार करने लगी मगर जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. दो गुंडों ने प्लानिंग के तहत महिला के पति की कैब बुक की. कुछ दूर चलने के बाद तीसरा साथी भी उसमें आ बैठा. प्लान के तहत तीनों ने मिलकर पति को किडनैप कर लिया. वे उसे एक सूनसान घर में ले आए. इधर, पति के घर न लौटने की खबर धीरे धीरे फैलने लगी. जब उसकी बहन को पता चला तो उसने इसी महीने 2 अगस्त को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. यह सब चल ही रहा था कि इस बीच किडनैपरों ने 'काम हो जाने का सबूत' महिला और उसके प्रेमी को भेज दिया. पति की लाश की तस्वीरों को देख पत्नी को तो कुछ नहीं हुआ, प्रेमी का दिल बैठ गया. तस्वीरें इतनी भयावह थी कि उसे लगा कि यदि इस कत्ल का राज खुला और वो पकड़ा गया तो उसके परिवार का क्या होगा? इसी तनाव में प्रेमी ने आत्महत्या कर ली.
लेकिन, कहानी यहां खत्म नहीं हुई...
6 अगस्त को पति सकुशल घर लौट आया. यह खबर जब पुलिस को पता लगी तो वह पड़ताल के लिए उसके पास आई. और फिर उसने जो कहानी बयां की, वह होश उड़ाने वाली थी. पति को जिन सुपारी किलर्स ने अगवा किया था, वह उसे मारने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. और धीरे धीरे उसके दोस्त बन गए. उन्होंने उसकी पत्नी और प्रेमी से जुड़ा राज पति से साझा कर दिया. लेकिन, उन्हें सुपारी के बाकी 1.1 लाख रु चाहिए थे, तो उन्होंने उससे लाश बनने को कहा. खून के निशान बनाने के लिए कैचअप का इस्तेमाल किया गया. फिर यही फोटो पत्नी और प्रेमी को भेजी गई. पत्नी को तो फोटो देख तसल्ली मिली, लेकिन कमजोर दिल प्रेमी यह झेल न सका. और डर के मारे फांसी पर झूल गया.
पति की दास्तान सुनकर पुलिस ने पत्नी और तीनों अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. फोन रिकॉर्ड से खुलासा हुआ कि पत्नी की मां भी इन कुकर्मों की राजदार थी. इस कहानी के गुनाहगारों के साथ इंसाफ होता, उससे पहले पति ने पुलिस से एक गुहार की. 'मेरी पत्नी को छोड़ दिया जाए. उसने जो भी किया, मैं उसे माफ करता हूं. क्योंकि मैं उसे बहुत प्यार करता हूं.' (कहानी खत्म)
***
ट्विस्ट और टर्न से भरी इस घटना में हर मोड़ एक उम्दा सस्पेंस-थ्रिलर फिल्म की कहानी लगता है. लेकिन, इस कहानी का अंत गले नहीं उतरता. जितने लोगों ने इसे सुना, वे पति के रवैये से नाराज हैं. आखिर कोई शख्स इस कदर अंधा कैसे हो सकता है? उसे पत्नी के बजाय उन तीनों सुपारी किलर्स के लिए गुहार करनी चाहिए थी. उन्होंने तो वो जुर्म भी नहीं किया, जिसके लिए उन्हें पैसे मिले थे. यदि उस पति को किसी का अहसानमंद होना चाहिए तो उन तीनों का. ना कि बेवफा पत्नी का.
मानवता की दृष्टि से वे हत्यारे ज्यादा भरोसेमंद हैं, बजाय उस बेवफा पत्नी के. क्या गारंटी है कि वह दोबारा कोई कांड नहीं करेगी? लेकिन, कहा जाता है न कि प्यार अंधा होता है. शायद उसे यह भी ख्याल आया होगा कि यह मेरे दो बच्चों की मां है. जो भी है, यह कहानी कई अप्रत्याशित बातों को सामने रखती है.
-जिस प्रेमी ने जीवन के मजे लूटने की खातिर एक गृहस्थी में प्रवेश किया, वह दुनिया से ही चला गया.
-जिस पत्नी ने निजी सुख की खातिर परिवार को दांव पर लगा दिया, वह सबसे बड़ी गुनाहगार बन गई.
-जिस पति की हत्या तय थी, उसके जीवन पर ईश्वर का आशीर्वाद था.
-और इस कहानी में जिन सुपारी किलर्स को सबसे घिनौना बनकर उभरना था, वे देवता बन गए.
(हमने जब बेंगलुरु के डोड्डाबिदारकल्लू की यह कहानी सुनी तो थोड़ी देर के लिए दिमाग सुन्न हो गया. कैब ड्राइवर नवीन कुमार जीवित है. पत्नी अनुपल्लवी पर घिनौनी साजिश रचने का केस दर्ज हुआ है. और उसका प्रेमी हिमावंत कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहा.)
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.