बहनदूज क्यों नहीं मनाते से पहले ये सवाल होना चाहिए कि भैया दूज क्यों मनाते हैं? क्यों त्योहारों में आदमी की लम्बी उम्र के लिए महिलाएं व्रत रखती आ रही हैं? हम किसकी लम्बी उम्र के लिए व्रत रखते हैं? जिसकी आयु छोटी होने का अंदेशा हो उसी के लिए न? एक ज़माना था जब जान जाना बहुत आम बात होती थी. राजा की सेना में हैं तो युद्ध में मरने ख़तरा और नहीं हैं तो राह चलते सेना के हाथों मरने का डर.राजा की शान में कोई ग़लती हुई तो सज़ा ए मौत तुरंत पेटिपैक हाज़िर है. इन सबसे बचे तो बोझ धोने से लेकर जानवर पकड़ने मारने तक सब काम हाथ पैर से होने वाले, ज़रा सा एक्सीडेंट हुआ नहीं कि जान गई.
मेरी नानी के 5 भाई अपनी 10 साल उम्र करने से पहले मर गए थे. जिसमें लेटेस्ट वाला गंगाजी के भंवर में फँस गया था. सेप्टिक तक से मरना इतना कॉमन था कि साल में 2 लाख जाने ऐसे ही जाती थीं. तब लड़का सिर्फ वंश और प्रॉपर्टी का हिस्सेदार ही नहीं बल्कि परिवार का पालनहार और सुरक्षा कवच भी होता था.
व्रत भी क्या है,एक तरह से अपने बनाने वाले को ध्यान करके उससे प्रार्थना करने का तरीका भर है कि प्रभु आज मैं खाना पानी न खाऊँ, आज मैं तुम्हें सिमरू और अर्जी लगाऊं कि मेरे बेटे को लम्बी उम्र दो. मेरे पति दीर्धायु हों.
अब आज का पति डबल एयर बैग वाली स्कोडा लौरा में घूमता है. हेल्थ इंश्योरेंस रखता है. वॉर के नाम पर ऑफिस में बैक बिचिंग झेलता है और एक्सीडेंट के नाम पर बाथरूम में भी नहीं फिसलता है. अब व्रत इसलिए रखे जा रहे हैं कि सदियों से रखे जाते हैं. इसमें ग़लत क्या है? कुछ नहीं!
बहन दूज मनाने में हर्ज़ क्या है फिर? कोई भी नहीं! इल्ले. हां पति लोग करवाचौथ के बाद स्पेशली पत्नियों की लंबी उम्र के...
बहनदूज क्यों नहीं मनाते से पहले ये सवाल होना चाहिए कि भैया दूज क्यों मनाते हैं? क्यों त्योहारों में आदमी की लम्बी उम्र के लिए महिलाएं व्रत रखती आ रही हैं? हम किसकी लम्बी उम्र के लिए व्रत रखते हैं? जिसकी आयु छोटी होने का अंदेशा हो उसी के लिए न? एक ज़माना था जब जान जाना बहुत आम बात होती थी. राजा की सेना में हैं तो युद्ध में मरने ख़तरा और नहीं हैं तो राह चलते सेना के हाथों मरने का डर.राजा की शान में कोई ग़लती हुई तो सज़ा ए मौत तुरंत पेटिपैक हाज़िर है. इन सबसे बचे तो बोझ धोने से लेकर जानवर पकड़ने मारने तक सब काम हाथ पैर से होने वाले, ज़रा सा एक्सीडेंट हुआ नहीं कि जान गई.
मेरी नानी के 5 भाई अपनी 10 साल उम्र करने से पहले मर गए थे. जिसमें लेटेस्ट वाला गंगाजी के भंवर में फँस गया था. सेप्टिक तक से मरना इतना कॉमन था कि साल में 2 लाख जाने ऐसे ही जाती थीं. तब लड़का सिर्फ वंश और प्रॉपर्टी का हिस्सेदार ही नहीं बल्कि परिवार का पालनहार और सुरक्षा कवच भी होता था.
व्रत भी क्या है,एक तरह से अपने बनाने वाले को ध्यान करके उससे प्रार्थना करने का तरीका भर है कि प्रभु आज मैं खाना पानी न खाऊँ, आज मैं तुम्हें सिमरू और अर्जी लगाऊं कि मेरे बेटे को लम्बी उम्र दो. मेरे पति दीर्धायु हों.
अब आज का पति डबल एयर बैग वाली स्कोडा लौरा में घूमता है. हेल्थ इंश्योरेंस रखता है. वॉर के नाम पर ऑफिस में बैक बिचिंग झेलता है और एक्सीडेंट के नाम पर बाथरूम में भी नहीं फिसलता है. अब व्रत इसलिए रखे जा रहे हैं कि सदियों से रखे जाते हैं. इसमें ग़लत क्या है? कुछ नहीं!
बहन दूज मनाने में हर्ज़ क्या है फिर? कोई भी नहीं! इल्ले. हां पति लोग करवाचौथ के बाद स्पेशली पत्नियों की लंबी उम्र के लिए एक एक्स्ट्रा व्रत रखना चाहें न चाहें ये उनपर है. मेरे पड़ोस में एक अंकिल हैं, उनसे पूछा मैंने अबकी करवाचौथ पर कि आप भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हो?
वो मुंह बिचका के बोले 'भैया, इनके धोरे सारी बुढ़िया सैकड़ा पार करके भी न मरतीं, बिरत करके अब दो सौ पार पहुंचा दूं? इतने पौलुसन में बिचारी इतना जीकर भी क्या करेगी.!'
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