रूस में एक शहर है कुर्स्क. ये शहर 1943 में एडॉल्फ हिटलर की सेना से हार के लिए जाना जाता है. अब, इसका भारत से एक विशेष कनेक्शन है. बिहार, पटना के रहने वाले अभय कुमार सिंह, कुर्स्क शहर विधानसभा में एक सांसद हैं. उन्होंने यूनाइटेड रशिया पार्टी की टिकट पर वहां का प्रांतीय चुनाव जीता है. जो भारत में एक विधायक के बराबर है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी, रूस में 18 वर्षों से अधिक समय से सत्ता में है. मार्च में संघीय असेंबली में इस पार्टी ने तीन चौथाई सीटें जीती थीं.
2015 के बाद से उनके बढ़ते राजनीतिक झुकाव का पता उनके फेसबुक अपडेट से चलता है. पिछले साल अप्रैल में अभय सिंह आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड रशिया पार्टी के सदस्य बने. और कुछ ही समय में वो कुर्स्क शहर असेंबली में पहुंच गए.
अभय सिंह ने पटना में लोयोला हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और 1990 के दशक की शुरुआत में मेडिसीन की पढ़ाई करने के लिए कुर्स्क चले गए. कुर्स्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभय सिंह एक पंजीकृत डॉक्टर के रूप में काम करने के लिए पटना लौट आए. लेकिन यहां काम करना उन्हें भाया नहीं और वो कुर्स्क वापस चले गए. जहां उन्होंने फार्मास्यूटिकल बिजनेस करना शुरु कर दिया.
जल्द ही,...
रूस में एक शहर है कुर्स्क. ये शहर 1943 में एडॉल्फ हिटलर की सेना से हार के लिए जाना जाता है. अब, इसका भारत से एक विशेष कनेक्शन है. बिहार, पटना के रहने वाले अभय कुमार सिंह, कुर्स्क शहर विधानसभा में एक सांसद हैं. उन्होंने यूनाइटेड रशिया पार्टी की टिकट पर वहां का प्रांतीय चुनाव जीता है. जो भारत में एक विधायक के बराबर है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी, रूस में 18 वर्षों से अधिक समय से सत्ता में है. मार्च में संघीय असेंबली में इस पार्टी ने तीन चौथाई सीटें जीती थीं.
2015 के बाद से उनके बढ़ते राजनीतिक झुकाव का पता उनके फेसबुक अपडेट से चलता है. पिछले साल अप्रैल में अभय सिंह आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड रशिया पार्टी के सदस्य बने. और कुछ ही समय में वो कुर्स्क शहर असेंबली में पहुंच गए.
अभय सिंह ने पटना में लोयोला हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और 1990 के दशक की शुरुआत में मेडिसीन की पढ़ाई करने के लिए कुर्स्क चले गए. कुर्स्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभय सिंह एक पंजीकृत डॉक्टर के रूप में काम करने के लिए पटना लौट आए. लेकिन यहां काम करना उन्हें भाया नहीं और वो कुर्स्क वापस चले गए. जहां उन्होंने फार्मास्यूटिकल बिजनेस करना शुरु कर दिया.
जल्द ही, पटना का ये लड़का कुर्स्क में जाना माना बिजनेसमैन बन गया. उन्होंने अपने रास्ते में आने वाली हर रुकावट को पार किया. फार्मास्यूटिकल्स के बाद अभय सिंह ने रियल एस्टेट सेक्टर में भी अपने हाथ आजमाए. अभय सिंह का राजनीति से सामना पहली बार 2012 में हुआ जब रूस में तत्कालीन भारतीय राजदूत अजय मल्होत्रा ने कुर्स्क शहर के बीचों बीच स्थित उरल्स्की व्यापार केंद्र का उद्घाटन किया. अभय कुमार सिंह इस मॉल के मालिक हैं.
बिजनेस में सफलता मिलने के साथ साथ, अभय सिंह ने खुद को स्थानीय मामलों में भी शामिल करना शुरु किया. और स्थानीय रूसी नागरिकों से जुड़े. लेकिन उन्होंने अपना भारत कनेक्शन बनाए रखा है. 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, उन्होंने फेसबुक पर फोटो पोस्ट कर बताया कि उन्होंने "कुर्स्क में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया."
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