भारत में एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू की दस्तक के साथ ही देशभर में पोल्ट्री फॉर्म का व्यापार ठप्प पड़ गया है. बर्ड फ्लू का नाम सामने आते ही लोगों ने चिकन और अंडों से दूरी बना ली है. कोरोना वायरस को लेकर फैली अफवाहों के कारण नुकसान झेल रही पोल्ट्री इंड्रस्ट्री पर फिर से संकट के बादल मंडरा रहे हैं. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, केरल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली समेत आठ राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. इन राज्यों में प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पोल्ट्री फॉर्म के व्यापार को बंद करा दिया है. साथ ही चिकन और अंडे की फुटकर और बड़ी बिक्री मंडियां भी बंद करा दी हैं. ऐसे में हर आमोखास के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या चिकन या अंडा खाने से कोई खतरा हो सकता है. क्या ये इंसानों में भी फैल सकता है.
क्या है बर्ड फ्लू
पहले हम जान लेते हैं कि एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू है क्या? बर्ड फ्लू एक प्रकार का वायरस है, जिसे H5N1 स्ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है. बर्ड फ्लू के कारण पक्षियों को संक्रामक श्वसन रोग हो जाता है. एवियन इन्फ्लूएंजा एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है. एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित इंसानों की मृत्यु दर करीब 60% है. भारत में दूसरी जगहों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसी के कारण देश के आठ राज्यों में अबतक बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है.
भारत में कई जगहों पर कौओं के मृत पाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं. हालांकि, ये सभी देसी प्रजाति के हैं. बावजूद इसके प्रशासन ऐसी घटनाओं पर नजर बनाए हुए है. पक्षी विशेषज्ञों का...
भारत में एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू की दस्तक के साथ ही देशभर में पोल्ट्री फॉर्म का व्यापार ठप्प पड़ गया है. बर्ड फ्लू का नाम सामने आते ही लोगों ने चिकन और अंडों से दूरी बना ली है. कोरोना वायरस को लेकर फैली अफवाहों के कारण नुकसान झेल रही पोल्ट्री इंड्रस्ट्री पर फिर से संकट के बादल मंडरा रहे हैं. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, केरल, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली समेत आठ राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. इन राज्यों में प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पोल्ट्री फॉर्म के व्यापार को बंद करा दिया है. साथ ही चिकन और अंडे की फुटकर और बड़ी बिक्री मंडियां भी बंद करा दी हैं. ऐसे में हर आमोखास के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या चिकन या अंडा खाने से कोई खतरा हो सकता है. क्या ये इंसानों में भी फैल सकता है.
क्या है बर्ड फ्लू
पहले हम जान लेते हैं कि एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू है क्या? बर्ड फ्लू एक प्रकार का वायरस है, जिसे H5N1 स्ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है. बर्ड फ्लू के कारण पक्षियों को संक्रामक श्वसन रोग हो जाता है. एवियन इन्फ्लूएंजा एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है. एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित इंसानों की मृत्यु दर करीब 60% है. भारत में दूसरी जगहों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसी के कारण देश के आठ राज्यों में अबतक बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है.
भारत में कई जगहों पर कौओं के मृत पाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं. हालांकि, ये सभी देसी प्रजाति के हैं. बावजूद इसके प्रशासन ऐसी घटनाओं पर नजर बनाए हुए है. पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दी में यूरोप से कई प्रवासी पक्षी भारत की ओर रुख करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है- H5N1 जंगली पक्षियों के कारण फैलता है. वो इसे अपने मल के जरिए फैलाते हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो, यह वायरस काफी घातक होता है. यह पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है लेकिन, इसकी संभावना कम ही है.
इंसानों में कैसे फैलता है ये वायरस
बर्ड फ्लू को लेकर तमाम तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है. ऐसे में हमें सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि बर्ड फ्लू वायरस इंसानों के साथ ही अन्य जानवरों में भी आसानी से फैल सकता है. जैसा नाम से जाहिर है, ये वायरस पक्षियों से फैलता है. इंसानों में ये वायरस खासतौर पर मांसाहार करने से फैलता है. दुनियाभर में करीब 80 फीसदी लोग मांसाहार करते हैं. विश्व के कई देशों में बीफ, चिकन, मटन, पोर्क, हैम, मछली, सी फूड, खाया जाता है. वहीं, कई देशों में कीड़े-मकोड़े आदि की भरपूर खाए जाते हैं. खानपान की आदतों के चलते भारत में हर पक्षी को नहीं खाया जाता है. भारत के परिप्रेक्ष्य में ये केवल चिकन और अंडों तक ही है. ऐसे में इस वायरस के चिकन और अंडों से फैलने की संभावना काफी ज्यादा होती है. चिकन और अंडा खाने वाले लोगों में ये वायरस खानपान और पकाई-सफाई में सुरक्षित तरीके न अपनाने से फैलता है. मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरीराज सिंह ने ट्वीट कर लोगों से अफवाहों से बचने की अपील करते हुए लिखा कि कुछ जगहों पर बर्ड फ्लू से ज़्यादातर प्रवासी और जंगली पक्षियों के मरने की रिपोर्ट आयी है. मीट और अंडे को पूरी तरह पका कर खाएं. घबराने की कोई बात नहीं है. राज्यों को सतर्क कर हर सम्भव मदद की जा रही हैं.
किन सावधानियों से होगा बचाव
वैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की तुलना में भारत में H5N1 वायरस के पक्षियों से इंसानों में फैलने की संभावना काफी कम है. भारत में अच्छी खानपान की आदतों के चलते यह संभावना लगभग क्षीण हो जाती है. भारत में हर महीने औसतन 30 करोड़ पोल्ट्री चिकन और 900 करोड़ अंडों की खपत होती है. चिकन और अंडों के शौकीन लोग ज्यादा समय तक इनसे दूर नहीं रह सकते हैं. आने वाले समय में चिकन और अंडों का स्वाद उड़ाने वालों को सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है.
चिकन या अंडों को घर में लाने के बाद खूब अच्छे से धोएं. हो सके तो, चिकन या अंडों को धोते समय मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहन लें. लेकिन, ये ख्याल भी रखें कि इस दौरान आप अपने हाथों को आंखों और मुंह पर न लगाएं. वहीं, सफाई के बाद अपने हाथों को सैनिटाइज करना गलती से भी न भूलें. हालांकि, कोरोना महामारी के सामने आने के बाद लोगों में हाथ सैनिटाइज करना अब एक आम आदत हो गई है. बावजूद इसके चिकन या अंडों को छूने के बाद हाथों को सैनिटाइज जरूर करें. हाथों को अच्छी तरह से धुलने और सैनिटाइज करने से ही इस वायरस को शरीर के अंगों पर से हटाया जा सकता है.
अमूमन हर भारतीय घर में कोई भी खाना अच्छी तरह से पकाने के बाद ही खाया जाता है. ठीक उसी तरह चिकन और अंडे भी अच्छी तरह पकाने के बाद ही खाए जाते हैं. खानपान की इस अच्छी आदत पर जोर इसलिए भी दिया जा रहा है क्योंकि, H5N1 वायरस खाना पकाने के दौरान तापमान के 70 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंचते मर जाता है. वहीं, भारतीय घरों में खाने को 100 डिग्री सेल्सियस तक पकाया जाता है. जिसके चलते चिकन और अंडे से इस वायरस के फैलने का खतरा बहुत ही दुर्लभ है. और हां, सबसे खास सावधानी वो लोग बरतें, जो माइक्रोवेव में खाना पकाते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस को मारने के लिए माइक्रोवेव की किरणें असरकारक नही होती हैं.
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