9 महीने बच्चे को गर्भ में रखकर उसे जन्म देना और अपने सीने से चिपकाकर दूध पिलाना सिर्फ एक मां ही कर सकती है. यही कारण है कि बच्चे अपनी मां से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं. लेकिन अगर मां नहीं हो तो पिता के लिए बच्चे को संभालना, दूध पिलाना और उसे मां की गोद जैसा अहसास देना बेहद कठिन होता है.
पिता के इस समस्या को हल करने के लिए एक जापानी कंपनी ने चमत्कारी डिवाइस ईजाद की है जिससे अब पिता भी अपने बच्चे को मां की तरह ही ब्रेस्टफीड करा सकेंगे. पिता के स्तनपान की बात पर चौंकिए मत, क्योंकि हाल ही में कुछ पिताओं ने इस बात के सबूत दिए हैं कि उन्हें भी कभी न कभी मां की जिम्मेदारी उठानी पड़ी है और बच्चे को मां जैसा अहसास देने के लिए वो किस स्तर तक चले गए. इस चमत्कारी डिवाइस के बारे में जानने से पहले इन पिताओं के बारे में जान लीजिए जिनसे प्रेरित होकर शायद इस जापानी कंपनी ने ये डिवाइस बनाया.
एक पिता दुनिया भर में वायरल हो गया जब बच्ची को संभालने की जिम्मेदारी उसकी थी, क्योंकि मां को काम पर जाना पड़ा था. बच्ची को दूध पिलाना था तो पिता ने जुगाड़ से कुछ ऐसा किया जिससे बच्ची को लगे कि वो मां का दूध पी रही है. पिता ने अपनी बनियान में छेद किया और उसमें बच्ची की बॉटल फंसा दी और दूध पिलाने लगा. बच्ची गोद में आराम से लेटकर दूध पीती रही.
दूसरा मामला 2018 का है जब इमरजेंसी ऑपरेशन से एक बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन मां दूध पिलाने की हालत में नहीं थी. तब बच्ची को स्तनपान कराने की जिम्मेदारी पिता ने ली. नर्स ने एक नकली निप्पल पिता को दिया और उसे एक पाइप से जोड़ा जिसके जरिए दूध आ रहा था. पिता ने बच्ची को अपनी गोद में उठाया और उसे अपने सीने से लगाकर निप्प्ल की सहायता से बच्ची को दूध...
9 महीने बच्चे को गर्भ में रखकर उसे जन्म देना और अपने सीने से चिपकाकर दूध पिलाना सिर्फ एक मां ही कर सकती है. यही कारण है कि बच्चे अपनी मां से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं. लेकिन अगर मां नहीं हो तो पिता के लिए बच्चे को संभालना, दूध पिलाना और उसे मां की गोद जैसा अहसास देना बेहद कठिन होता है.
पिता के इस समस्या को हल करने के लिए एक जापानी कंपनी ने चमत्कारी डिवाइस ईजाद की है जिससे अब पिता भी अपने बच्चे को मां की तरह ही ब्रेस्टफीड करा सकेंगे. पिता के स्तनपान की बात पर चौंकिए मत, क्योंकि हाल ही में कुछ पिताओं ने इस बात के सबूत दिए हैं कि उन्हें भी कभी न कभी मां की जिम्मेदारी उठानी पड़ी है और बच्चे को मां जैसा अहसास देने के लिए वो किस स्तर तक चले गए. इस चमत्कारी डिवाइस के बारे में जानने से पहले इन पिताओं के बारे में जान लीजिए जिनसे प्रेरित होकर शायद इस जापानी कंपनी ने ये डिवाइस बनाया.
एक पिता दुनिया भर में वायरल हो गया जब बच्ची को संभालने की जिम्मेदारी उसकी थी, क्योंकि मां को काम पर जाना पड़ा था. बच्ची को दूध पिलाना था तो पिता ने जुगाड़ से कुछ ऐसा किया जिससे बच्ची को लगे कि वो मां का दूध पी रही है. पिता ने अपनी बनियान में छेद किया और उसमें बच्ची की बॉटल फंसा दी और दूध पिलाने लगा. बच्ची गोद में आराम से लेटकर दूध पीती रही.
दूसरा मामला 2018 का है जब इमरजेंसी ऑपरेशन से एक बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन मां दूध पिलाने की हालत में नहीं थी. तब बच्ची को स्तनपान कराने की जिम्मेदारी पिता ने ली. नर्स ने एक नकली निप्पल पिता को दिया और उसे एक पाइप से जोड़ा जिसके जरिए दूध आ रहा था. पिता ने बच्ची को अपनी गोद में उठाया और उसे अपने सीने से लगाकर निप्प्ल की सहायता से बच्ची को दूध पिलाया. शायद ये दुनिया का पहला पिता होगा जिसने अपने बच्चे को स्तनपान करवाया होगा.
बच्चो को इन पिताओं ने इस तरह दूध क्यों पिलाया इसकी वजह सिर्फ ये थी कि वो अपने बच्चों को सहज महसूस करवाना चाहते थे. वो चाहते थे कि उन्हें मां की कमी महसूस न हो. ऐसा करके उन्हें भी स्तनपान के सुख की अनुभूति हुई.
कितना चमत्कारी है ये ब्रेस्टफीडिंग डिवाइस
इन पिताओं के संघर्षों को देखते हुए शायद जापानी कंपनी ने स्तन के आकार का डिवाइस बनाया है जिसमें दूध भरा जा सकता है और इसे पिता अपने शरीर पर पहन सकते हैं. इसे ऐसा इसलिए बनाया गया है जिससे बच्चा पिता के शरीर का स्पर्श भी बच्चे को मिल सके और बच्चा सुकून से दूध पी सके. इस डिवाइस का नाम है Father's Nursing Assistant.
इस डिवाइस के एक स्तन में दूध होता है और एक में निप्पल लगा होता है. इससे पिता सिर्फ दूध ही नहीं पिता सकते बल्कि ये डिवाइस बच्चे के दूध पिलाने के समय और मात्रा का भी हिसाब रखता है और सारी जानकारी पिता के स्मार्टफोन पर भेजता है. इसे खासतौर पर इसलिए बनाया गया है जिससे बच्चों को चैन की नींद आए.
इसे बनाने वाली कंपनी का कहना है कि इसे डॉक्टर्स और मांओं की सलाह लेकर ही बनाया गया है. कंपनी का कहना है कि इसे बनाकर हम माओं के बोझ को कुछ कम करना चाहते हैं. अब पिता इस तरह से स्तनपान करा सकते हैं जिससे मां को थोड़ा आराम मिलेगा और बच्चा भी ज्यादा देर तक चैन से सो पाएगा.
बच्चे को संभालने की जिम्मेदारी मां की ही होती है, क्योंकि वो जन्म देती है. पिता भी पूरी कोशिश करते हैं कि वो बच्चे का अपने तरीके से ख्याल रखें. लेकिन अब वैज्ञानिक धीरे-धीरे उस फर्क को खत्म करते जा रहे हैं जिसकी वजह से मां और पिता के रोल अलग-अलग हुआ करते थे. हो सकता है ये ब्रेस्ट फीडिंग डिवाइस उन लोगों के लिए काम की चीज साबित हों जिनके बच्चों की मां उनके पास नहीं हैं, या मजबूर हैं. लेकिन मां को सुकून देने के लिए बच्चे को बेवकूफ बनाना कितना सही है? आखिर नकली चीज असली काम कैसे कर सकती है. और रही बात माओं के सुकून और बच्चों की नींद की, तो बच्चे को दूध पिलाना मांओं के लिए न कभी बोझ था और न होगा. बच्चे को मां के सीने से लगकर जो नींद आती है उसका कोई दूसरा विकल्प भी नहीं हो सकता. बच्चे को संभालने में पिता अगर मां की मदद करें तो किसी को भी इस तरह के डिवाइस की जरूरत न पड़े. मेरी नजर में तो ऐसे डिवाइस का बनाया जाना एक मां के मातृत्व का अपमान है.
ये भी पढ़ें-
क्या माँ बनना मजाक या खिलवाड़ है?
ब्रेस्टफीडिंग का मामला अश्लीलता या जागरुकता से कहीं आगे निकल गया है
375 ग्राम की 'सबसे छोटी बच्ची' के जन्म की खबर सबसे बड़ी खुशी देने वाली है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.